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सोन चिरैया संरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, दे सकते हैं तार भूमिगत करने के आदेश - लुप्तप्राय सोन चिरैया

उच्चतम न्यायालय ने लुप्तप्राय सोन चिरैया की करंट लगने से मौत पर चिंता व्यक्त की है. उच्चतम न्यायालय इस पक्षी को बचाने के लिए बिजली की 'लो टेंशन' तारों को भूमिगत करने और कुछ स्थानों पर 'बर्ड डायवर्टर' लगाने के आदेश जारी कर सकता है.

सोन चिरैया
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Published : Mar 16, 2021, 8:38 AM IST

नई दिल्ली : लुप्तप्राय सोन चिरैया की करंट लगने से मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इस पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान और गुजरात में बिजली की 'लो टेंशन' तारों को भूमिगत करने और कुछ स्थानों पर 'बर्ड डायवर्टर' लगाने के आदेश जारी कर सकता है.

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से भी इस मामले में उनका रुख जानना चाहा कि हाई टेंशन तारों को भूमिगत करना संभव नहीं है और लो टेंशन तारों के संबंध में यह किया जा सकता है.

पढ़ें : नागरहोल नेशनल पार्क में मिली पक्षियों की छह नई प्रजातियां

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ से कहा अब तक हाई टेंशन तारों को भूमिगत करना संभव नहीं था लेकिन लो टेंशन तारों को भूमिगत किया जा सकता है. सोन चिरैया को 'द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड', 'बस्टर्ड' और 'गोडावण' भी कहते हैं.

नई दिल्ली : लुप्तप्राय सोन चिरैया की करंट लगने से मौत पर चिंता व्यक्त करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इस पक्षी को बचाने के लिए राजस्थान और गुजरात में बिजली की 'लो टेंशन' तारों को भूमिगत करने और कुछ स्थानों पर 'बर्ड डायवर्टर' लगाने के आदेश जारी कर सकता है.

मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से भी इस मामले में उनका रुख जानना चाहा कि हाई टेंशन तारों को भूमिगत करना संभव नहीं है और लो टेंशन तारों के संबंध में यह किया जा सकता है.

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अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने पीठ से कहा अब तक हाई टेंशन तारों को भूमिगत करना संभव नहीं था लेकिन लो टेंशन तारों को भूमिगत किया जा सकता है. सोन चिरैया को 'द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड', 'बस्टर्ड' और 'गोडावण' भी कहते हैं.

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