नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के एक स्कूल में एक छात्र को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवाने की घटना को गंभीरता से लिया है. कोर्ट में सुनवाई करते हुए जस्टिस अभय एस ओक और पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि धर्म के नाम पर ऐसा करना सरासर गलत है. बता दें, 24 अगस्त को यूपी के मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल की टीचर तृप्ता त्यागी ने एक छात्र को दूसरे बच्चों से थप्पड़ मरवाया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदेश की योगी सरकार से कहा कि वह केस की जांच की निगरानी के लिए एक सप्ताह के भीतर किसी IPS अधिकारी की नियुक्ति करें. कोर्ट ने आगे कहा कि यह IPS अधिकारी यह भी सुनिश्चित करे कि इस मामले में कौन-कौन सी धाराएं लगाने की आवश्यकता है. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि पीड़ित छात्र की किसी दूसरे विद्यालय में पढ़ाई की व्यवस्था की जाए. वहीं, थप्पड़ मारने छात्रों की भी काउंसिलिंग कराई जाए.
सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि शिक्षा के कानून के तहत सभी छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाए. सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि धर्म के नाम पर भेदभाव कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके साथ-साथ शारीरिक हिंसा भी न हो. कोर्ट ने इस केस की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख सुनिश्चित की है.