नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने आयुर्वेदिक उपचार (ayurvedic treatment) के लिए स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू (Asaram Bapu) की जमानत याचिका खारिज कर दी. उन्होंने चिकित्सा आधार पर जमानत देने की मांग की थी.
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी (Justice Indira Bannerjee), न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम (Justice V Ramasubramanian) और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (Justice Bela M Trivedi) की खंडपीठ ने आसाराम बापू से कहा कि जेल में भी आयुर्वेदिक उपचार किया जा सकता है और उनके द्वारा किए गए अपराध को देखते हुए वे उन्हें जमानत नहीं दे सकते.
आसाराम की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत (Adv R Basant) ने अदालत के समक्ष दलील दी कि उनका जेल के अंदर इलाज (treatment inside jail) नहीं हो रहा है और उनकी हालत काफी खराब है, वह हर संभव बीमारी से पीड़ित हैं.
अधिवक्ता बसंत ने कहा कि वह 85 वर्ष के हैं और अब कोई अपराध नहीं कर सकते. मैं उनके लिए आपसे दया की अपील करता हूं.
राजस्थान सरकार ने अदालत के बताया कि आसाराम को सबसे अच्छा इलाज मिल रहा है. इस पर अदालत ने मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया और याचिका खारिज कर दी.
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बता दें कि नाबालिग से रेप के मामले में आसाराम बापू उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. उन्हें पहले भी जमानत देने से इनकार किया जा चुका है.
राजस्थान द्वारा शीर्ष अदालत को एक विस्तृत हलफनामा दायर किया था, जिसमें गवाहों पर उनके प्रभाव और उनके जीवन के लिए खतरे का वर्णन किया गया था.