नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने विभिन्न उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में 13 अधिवक्ताओं के नामों की सिफारिश की है. कॉलेजियम में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना भी शामिल हैं. इसने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में अधिवक्ता एन उन्नी कृष्णन नायर और कौशिक गोस्वामी के नामों की सिफारिश की.
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर कहा गया कि 29 मई 2023 को, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से उपरोक्त अधिवक्ताओं को उस उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने की सिफारिश की. हमने असम, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड राज्यों के संवैधानिक अधिकारियों से प्राप्त विचारों पर विधिवत ध्यान दिया है.
वेबसाइट पर अपलोड किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए उपरोक्त नामित व्यक्तियों की योग्यता और पात्रता का पता लगाने के लिए, हमने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित अपने सहयोगियों से परामर्श किया है.
कॉलेजियम ने कहा कि उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए उपरोक्त उम्मीदवारों की योग्यता और पात्रता का आकलन करने के उद्देश्य से उसने फ़ाइल में न्याय विभाग द्वारा की गई टिप्पणियों के साथ-साथ कुछ उम्मीदवारों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों सहित रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री की पड़ताल और मूल्यांकन किया है. कॉलेजियम ने एक अन्य फैसले में, उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए अधिवक्ता सिद्धार्थ साह और आलोक माहरा के नामों की सिफारिश की है.
इसने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए वकील हरमीत सिंह ग्रेवाल, दीपिंदर सिंह नलवा, सुमीत गोयल, सुदीप्ति शर्मा और कीर्ति सिंह के नामों की भी सिफारिश की है. कॉलेजियम ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए वकील विनय सराफ, विवेक जैन, आशीष श्रोती और अमित सेठ के नामों की भी सिफारिश की है.
इसने कहा कि 11 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से उपरोक्त सिफारिश की. हमने उपरोक्त उम्मीदवारों की उपयुक्तता को लेकर फाइल में दर्ज राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल के विचारों पर विधिवत ध्यान दिया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए उपरोक्त अधिवक्ताओं की उपयुक्तता का पता लगाने के लिए हमने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मामलों से परिचित अपने सहयोगी से परामर्श किया है.
कॉलेजियम ने कहा कि उच्च न्यायालय में पदोन्नति के लिए उपरोक्त उम्मीदवारों की योग्यता और उपयुक्तता का आकलन करने के उद्देश्य से, हमने रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री की पड़ताल और मूल्यांकन किया है. इसने कहा कि हमने फ़ाइल में न्याय विभाग द्वारा की गई टिप्पणियों के साथ-साथ कुछ उम्मीदवारों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों का भी अध्ययन किया है.