नई दिल्ली: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उनका अपने मुवक्किल से किसी तरह का संपर्क नहीं हो पा रहा है. वकील ने माल्या के अधिवक्ता के तौर पर इस मामले से अलग किए जाने का अनुरोध किया, जिस पर शीर्ष अदालत ने अनुमति दे दी.
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने अधिवक्ता ईसी अग्रवाल (Vijay Mallya Lawyer EC Agarwala) को मामले से अलग होने की अनुमति दे दी. साथ ही पीठ ने अग्रवाल से कहा कि वह शराब कारोबारी के ब्रिटेन स्थित मौजूदा आवास के पते समेत उसकी ई-मेल आईडी उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री को उपलब्ध कराएं. पीठ ने कहा, 'अधिवक्ता मामले से हटना चाहते हैं क्योंकि उनकी तरफ से संपर्क करने के प्रयास के बावजूद कोई निर्देश नहीं मिल रहा है.'
पीठ ने अधिवक्ता को मामले से अलग होने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा. सर्वोच्च अदालत ने वकील को उन दो याचिकाओं से अलग कर दिया है जिसे माल्या ने केरल उच्च न्यायालय के पांच अक्टूबर, 2018 और 13 सितंबर, 2019 के उस आदेश के खिलाफ दायर किया है, जिसमें उसे बैंकों के समूह को 3101 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया है.
एक अन्य मामले में उच्चतम न्यायालय ने 11 जुलाई को माल्या को अवमानना के लिए चार महीने जेले की सजा सुनाई थी और केंद्र को निर्देश दिया था कि वह माल्या की उपस्थिति सुनिश्चित करे. माल्य वर्ष 2016 से ब्रिटेन में रह रहा है. (पीटीआई-भाषा)