दंतेवाड़ा: नक्सलियों के जनपितुरी सप्ताह के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. दंतेवाड़ा पुलिस ने तीन नक्सल सहयोगियों को गिरफ्तार किया है. जो नक्सलियों के सप्लाई चेन में काम करते थे. गिरफ्तार नक्सल सहयोगी विकी गोयल, बलराम तामो और सुमित दीक्षित काफी अरसे से नक्सलियों के सप्लाई चेन का हिस्सा थे. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर एक कार्रवाई के दौरान गीदम बीजापुर सड़क मार्ग से तीनों को गिरफ्तार किया है.
ऐसे हुई नक्सल सहयोगियों की गिरफ्तारी: दंतेवाड़ा पुलिस को एक सप्ताह पहले सूचना मिली थी कि, बीजापुर भैरमगढ़ इलाके में नक्सल सहयोगी घूम रहे हैं. इस सूचना पर दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने एक टीम गठित की. जिसमें एडिशनल एसपी आशा रानी, एडिशनल एसपी आरके बर्मन और गीदम टीआई सलीम खाखा शामिल थे. इस टीम ने लगातार इलाके में रेकी और छानबीन की. जिसके बाद इन्हें तीन आरोपियों का सुराग मिला. गीदम से बीजापुर मार्ग पर रविवार को एक काले रंग की बिना नंबर प्लेट की मोटरसाइकिल पर विकी गोयल, बलराम तामो और सुमित दीक्षित सवार होकर बीजापुर की ओर जा रहे थे. तभी कारली चौक पर इन तीनों ने पुलिस को देखकर अपनी बाइक की रफ्तार बढ़ा ली. जिसके बाद पुलिस ने इनका पीछा कर इनको गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. जिसमें यह पता चला कि विकी गोयल, बलराम तामो और सुमित दीक्षित नक्सल सहयोगी हैं. इनके पास से एक नक्सली का पत्र, दो लाख रूपये कैश, एक कुकर और तार बरामद हुए हैं.
पुलिस पूछताछ में तीनों ने स्वीकार किया है कि ये नक्सली सहयोगी हैं. इनके पास से दो हजार रुपये के 100 नोट मिले हैं. पुलिस ने बताया कि तीनों यह दो लाख के नोट को बदलने के प्रयास में थे. यह नोट नक्सलियों की तरफ से इन्हें दिया गया था. इन तीनों ने 94 हजार से ज्यादा रकम एक निजी बाइक शो रूम में बाइक खरदीने के लिए जमा कराया था. पुलिस को मिले पत्र से यह पता चला है कि नक्सली कमांडर ने इनसे एक नई बाइक पहुंचाने की मांग की थी. जिसके लिए इन्होंने बाइक के शो रूम में एडवांस पैसा जमा कराया था. गिरफ्तार नक्सल सहयोगी बलराम तामों एक मामले में जेल भी जा चुका है.
डीवीसी कमांडर मल्लेश के इशारे पर करते थे काम: एसपी गौरव राय ने बताया कि "तीनों आरोपी नक्सल सहयोगी हैं. ये डीवीसी कमांडर मल्लेश के इशारे पर काम करते थे. लंबे समय से तीनों आरोपी नक्सलियों को सामान पहुंचाने का कार्य कर रहे थे. इन्हें कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद कोर्ट ने तीनों को जेल भेजा है "
पुलिस का दावा है कि तीन नक्सल सहयोगियों की गिरफ्तारी से नक्सलियों के सप्लाई नेटवर्क पर बड़े खुलासे हो सकते हैं. जिससे नक्सलियों के बारे में कई जानकारियां हाथ लग सकती है.