अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के साथ केंद्र और प्रदेश सरकार ने विकास योजनाओं और सौंदर्यीकरण योजनाओं का पिटारा खोल दिया है. इसी कड़ी में रामजन्म भूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर रौनाही के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद से शहरी आबादी से दूर बसे इस गांव में भी तरक्की के पंख लग गए हैं.
धन्नीपुर गांव में एक विशालकाय मस्जिद के साथ 200 बेड का सुपर मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल, लाइब्रेरी और पब्लिशिंग हाउस निर्माण की योजना है. सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से हुआ तो निश्चित रूप से इस गांव थी तस्वीर और तकदीर दोनों बदल जाएगी.
इलाज के लिए नहीं जाना पड़ेगा शहर
धन्नीपुर गांव से खास रिपोर्ट गांव के रहने वाले सोहराब खान की माने तो गांव के लोगों के लिए सबसे बड़ी नेमत यही है कि अब खराब मौसम और रात के अंधेरे में किसी के बीमार होने पर या कोई हादसा होने पर लोगों को 20 किलोमीटर दूर शहर नहीं भागना पड़ेगा. गांव में ही लोगों को अच्छा इलाज मिल जाएगा. इतना ही नहीं आसपास के गांव के लोग भी अच्छी चिकित्सा सुविधा पा सकेंगे. अस्पताल बनने से यहां पर लोगों की आमद बढ़ेगी. इस नजरिए से यहां पर कारोबार भी बढ़ेगा और गांव के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.प्रधान प्रतिनिधि मेराज अहमद धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण योजना शुरू होने से बेहद खुश नजर आए. उन्होंने कहा कि गांव में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मस्जिद और अस्पताल का निर्माण होगा तो निश्चित रूप से गांव की तस्वीर बदलने की उम्मीद जगी है.
ग्रामीणों को होगी सहूलियतस्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अजय रावत ने बताया कि अभी गंभीर बीमारियों के इलाज और आकस्मिक चिकित्सा के लिए अयोध्या और आसपास के जनपदों में अंबेडकर नगर सुल्तानपुर अमेठी के लोगों को लखनऊ जाना पड़ता है. अगर धन्नीपुर गांव में एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल का निर्माण होता है और देश के बड़े डॉक्टर यहां पर अपनी सेवाएं देते हैं तो निश्चित रूप से समाज के लोगों के लिए लाभदायी साबित होगा. बता दें कि गणतंत्र दिवस पर इंडिया इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के अध्यक्ष जफर अहमद फारुकी के नेतृत्व में ट्रस्ट के सदस्यों ने पौधारोपण कर मस्जिद के निर्माण की शुरुआत कर दी है.
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पहले चरण में ग्रीन पैच बनाने के लिए पेड़ लगाने का काम शुरू हो चुका है. मस्जिद और अस्पताल की बिल्डिंग के निर्माण के लिए मिट्टी का परीक्षण किया जा रहा है.
ट्रस्ट के सदस्यों का कहना है कि लैब से रिपोर्ट आने और स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्माण संबंधी सभी अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के साथ ही मस्जिद और अस्पताल का निर्माण शुरू हो जाएगा. धन्नीपुर में मस्जिद का निर्माण होने से अब अयोध्या सिर्फ एक आध्यात्मिक नगरी के रूप में ही नहीं बल्कि चिकित्सा के एक केंद्र के रूप में भी जानी जाएगी.