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सुपर मॉम : दो बच्चों की मां ने मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल

श्रीनगर की दो बच्चों की मां दिलशादा फयाज (Dilshada Fayaz) ने अपनी बेटियों को न केवल मार्शल आर्ट्स सिखाया बल्कि खुद भी इसी खेल में दक्षता हासिल करते हुए मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत लिया. इस तरह सुपर मॉम के रूप में दिलशादा ने महिलाओं से कहा कि उन्हें अपने जुनून और ख्वाब को पूरा करना चाहिए. पढ़िए पूरी खबर...

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Published : Nov 6, 2022, 5:58 PM IST

super mom mother of two kids dilshada fayaz
दो बच्चों की मां ने मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल

श्रीनगर: आपने युवावस्था में और कम उम्र में महिला मार्शल आर्ट्स खिलाड़ियों के बारे में सुना और देखा होगा. कड़ी मेहनत और लगन के दम पर ये खिलाड़ी खिताब जीतने में सफल हुए हैं. लेकिन दिलशादा फयाज (Dilshada Fayaz) एक एथलीट ऐसी भी हैं जिनकी दो बेटियां हैं इसके बावजूद उन्होंने हाल ही में हुई मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है. पश्चिम बंगाल की रहने वाली दिलशादा फयाज ने साल 2011 में श्रीनगर के एक युवक से शादी की थी. उसके बाद दिलशादा ने न सिर्फ कश्मीर को अपना घर बना लिया बल्कि अपने पति के व्यवसाय में भी मदद करने लगीं. 36 साल की दिलशादा पिछले तीन साल से मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस की कर रही हैं और इतने कम समय में उन्होंने सिल्वर मेडल भी जीत लिया है.

देखें वीडियो

इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए दिलशादा ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं और दोनों मार्शल आर्ट खेलती हैं और मैं भी खेलती हूं, इसलिए लोग मुझे सुपर मॉम कहते हैं. उन्होंने मार्शल आर्ट्स के बारे में बताया कि मैं अपने बच्चों को यहां अभ्यास के लिए लाती थी, इसी दौरान एक दिन जब उनके कोच ने मुझे मार्शल आर्ट सीखने का सुझाव दिया तो मैं भ्रमित हो गई फिर मैंने अपनी पति से इस बारे में बात की. हालांकि मेरे पति मेरे मार्शल आर्ट्स खेलने के पक्ष में थे, लेकिन मैं संतुष्ट नहीं थी. लेकिन जब उन्होंने कहा कि इससे बच्चों को भी फायदा होगा, तो मैं सहमत हो गई और अभ्यास करना शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा, हम पिछले तीन साल से मार्शल आर्ट्स कर रहे हैं, लेकिन वैश्विक महामारी के कारण दो साल खराब हो गए थे. दिलशादा ने कहा कि हम पिछले एक साल से लगातार अभ्यास कर रहे हैं. हाल ही में, एक चैंपियनशिप के दौरान मैंने जीता रजत जीता और मेरी बड़ी बेटी ने कांस्य पदक जीता. यह मेरा अब तक का पहला मैच था इसलिए मैं थोड़ा घबराई हुई थी.
दिलशाद चाहती हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई और खेल दोनों में सफल हों क्योंकि दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने अपने बच्चों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं और बाकी उन पर निर्भर है. उन्होंने महिलाओं को अपना संदेश देते हुए कहा कि शादी के बाद आपका जीवन घर परिवार तक ही सीमित नहीं है, अपने जुनून और ख्वाब को पूरा करना चाहिए.

ये भी पढ़ें - फिलीपींस मार्शल आर्ट्स में रौनक रियाज ने जीता सिल्वर मेडल, सोपोर में गर्मजोशी से स्वागत

श्रीनगर: आपने युवावस्था में और कम उम्र में महिला मार्शल आर्ट्स खिलाड़ियों के बारे में सुना और देखा होगा. कड़ी मेहनत और लगन के दम पर ये खिलाड़ी खिताब जीतने में सफल हुए हैं. लेकिन दिलशादा फयाज (Dilshada Fayaz) एक एथलीट ऐसी भी हैं जिनकी दो बेटियां हैं इसके बावजूद उन्होंने हाल ही में हुई मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता है. पश्चिम बंगाल की रहने वाली दिलशादा फयाज ने साल 2011 में श्रीनगर के एक युवक से शादी की थी. उसके बाद दिलशादा ने न सिर्फ कश्मीर को अपना घर बना लिया बल्कि अपने पति के व्यवसाय में भी मदद करने लगीं. 36 साल की दिलशादा पिछले तीन साल से मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस की कर रही हैं और इतने कम समय में उन्होंने सिल्वर मेडल भी जीत लिया है.

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इस संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए दिलशादा ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं और दोनों मार्शल आर्ट खेलती हैं और मैं भी खेलती हूं, इसलिए लोग मुझे सुपर मॉम कहते हैं. उन्होंने मार्शल आर्ट्स के बारे में बताया कि मैं अपने बच्चों को यहां अभ्यास के लिए लाती थी, इसी दौरान एक दिन जब उनके कोच ने मुझे मार्शल आर्ट सीखने का सुझाव दिया तो मैं भ्रमित हो गई फिर मैंने अपनी पति से इस बारे में बात की. हालांकि मेरे पति मेरे मार्शल आर्ट्स खेलने के पक्ष में थे, लेकिन मैं संतुष्ट नहीं थी. लेकिन जब उन्होंने कहा कि इससे बच्चों को भी फायदा होगा, तो मैं सहमत हो गई और अभ्यास करना शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा, हम पिछले तीन साल से मार्शल आर्ट्स कर रहे हैं, लेकिन वैश्विक महामारी के कारण दो साल खराब हो गए थे. दिलशादा ने कहा कि हम पिछले एक साल से लगातार अभ्यास कर रहे हैं. हाल ही में, एक चैंपियनशिप के दौरान मैंने जीता रजत जीता और मेरी बड़ी बेटी ने कांस्य पदक जीता. यह मेरा अब तक का पहला मैच था इसलिए मैं थोड़ा घबराई हुई थी.
दिलशाद चाहती हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई और खेल दोनों में सफल हों क्योंकि दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने अपने बच्चों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं और बाकी उन पर निर्भर है. उन्होंने महिलाओं को अपना संदेश देते हुए कहा कि शादी के बाद आपका जीवन घर परिवार तक ही सीमित नहीं है, अपने जुनून और ख्वाब को पूरा करना चाहिए.

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