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11000 किमी की 'भारत भ्रमण यात्रा' पर निकला औरंगाबाद का नौजवान

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Published : Feb 9, 2021, 9:59 PM IST

सभी ने जीवन में एक बार साइकिल पर लंबी यात्रा करने का विचार जरूर किया होगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है. लेकिन हमारे आस-पास कुछ ऐसे लोग हैं जिनके पास ऐसा समर्पण है कि जो उन्होंने सोचा, उसे पूरा करने के लिए दौड़ पड़ते हैं. हम एक ऐसे ही नौजवान की बात कर रहे हैं जो 15 राज्यों के 11 हजार किलोमीटर की भारत भ्रमण साइकिल यात्रा पर निकले हैं. पढ़ें रोमांचक सफर की दास्तां...

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बेंगलुरु : औरंगाबाद महाराष्ट्र के देवलाना गांव निवासी नौजवान सुनील थोराट अलग-अलग इलाकों की सड़कों पर लगातार भ्रमण कर रहे हैं. सुनील ने 18 दिसंबर 2020 से इस यात्रा की शुरुआत महाराष्ट्र के लातूर जिले से की. अब इस यात्रा के 51 दिनों बाद वह सफलतापूर्वक भारत के सिलिकॉन शहर कन्याकुमारी पहुंच गए हैं.

अब तक उन्होंने लगभग 3285 किलोमीटर की दूरी तय की है. उन्होंने इस यात्रा को 120 दिनों में पूरा करने का फैसला किया है. वह सचमुच एक आश्चर्यजनक कार्य कर रहे हैं जो हर किसी के बस की बात नहीं है.

जब उनसे इस यात्रा के पीछे के उद्देश्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. साथ ही कहते हैं कि वह इस यात्रा को हमारे देश के रक्षाकर्मियों को समर्पित कर रहे हैं. हमारे रक्षा क्षेत्रों के लिए आभार प्रकट करने का यह एक नेक तरीका है.

उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत बहुत सीमित पैसे से की थी. मित्रों और परिवार से धन जुटाया. सबसे महत्वपूर्ण जो बात इन्होंने बताई वह यह कि कैसे सरकारी अधिकारियों से लेकर मीडिया और शैक्षणिक क्षेत्रों के लोग आए और उनके पीछे खड़े हो गए. साथ ही यात्रा के दौरान कई अजनबी लोग आए और जितनी मदद हो सकी की. लोग उनके उत्साह और कड़ी मेहनत को देख रहे हैं. उनकी यात्रा के लिए मददगार बन रहे हैं. उन्होंने इस यात्रा का नाम भारत भ्रमण यानि भारत भर में एक यात्रा रखा है.

अपने सपने को कर रहे पूरा

जिस जुनून के साथ इतने बड़े मकसद के लिए उन्होंने खुद को आगे बढ़ाया है वह उनकी बहादुरी को दर्शाता है. समर्पण, लगन और शक्ति की पराकाष्ठा है. वे कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. वे उल्लेखनीय रूप से यह भी कहते हैं कि यह मेरे सपने के पूरा होने जैसा है. इस तरह का साहसिक प्रयास करने के लिए सोचा था. यह सपना अब केवल उनका नहीं है बल्कि यह कई अन्य लोगों का सपना बन गया है.

अब तक चार राज्यों की यात्रा

अब तक वे महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु सहित 4 राज्यों की यात्रा कर चुके हैं. इन राज्यों के विभिन्न शहरों जैसे तुलजापुर, बीजापुर, बादामी, पट्टाडकल, हम्पी, केरल का पश्चिमी घाट, इदुकी बांध, सबरीमाला मंदिर, तिरुवंतपुरम, कन्याकुमारी, रामेश्वरम, मदुरै (मीनाक्षी मंदिर), तंजुवर तक की कुल 3285 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं. वर्तमान में वे बेंगलुरु में हैं. यहां के लालबाग बॉटेनिकल गार्डन, बेंगलुरु महल से अब वे क्यूबन पार्क और इस्कॉन मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं.

पढ़ें- वाराणसी से गंगाजल लेकर साइकिल से मुंबई के लिए निकला युवक, जानें कारण

हैदराबाद की तरफ रवाना हुए

कल वह बेंगलुरु छोड़ देंगे और NH44 से हैदराबाद की ओर जाएंगे. इसके अलावा वे नागपुर और फिर उत्तरी भारत सहित खजुराहो से दिल्ली, लेह-लद्दाख, कश्मीर और फिर पंजाब, राजस्थान, गुजरात से होते हुए औरंगाबाद, महाराष्ट्र में वापस आएंगे. इस यात्रा के लिए निर्धारित समय लगभग 120 दिनों का है और अभी अप्रैल 2021 के अंत में अपनी यात्रा समाप्त करेंगे.

बेंगलुरु : औरंगाबाद महाराष्ट्र के देवलाना गांव निवासी नौजवान सुनील थोराट अलग-अलग इलाकों की सड़कों पर लगातार भ्रमण कर रहे हैं. सुनील ने 18 दिसंबर 2020 से इस यात्रा की शुरुआत महाराष्ट्र के लातूर जिले से की. अब इस यात्रा के 51 दिनों बाद वह सफलतापूर्वक भारत के सिलिकॉन शहर कन्याकुमारी पहुंच गए हैं.

अब तक उन्होंने लगभग 3285 किलोमीटर की दूरी तय की है. उन्होंने इस यात्रा को 120 दिनों में पूरा करने का फैसला किया है. वह सचमुच एक आश्चर्यजनक कार्य कर रहे हैं जो हर किसी के बस की बात नहीं है.

जब उनसे इस यात्रा के पीछे के उद्देश्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वे विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. साथ ही कहते हैं कि वह इस यात्रा को हमारे देश के रक्षाकर्मियों को समर्पित कर रहे हैं. हमारे रक्षा क्षेत्रों के लिए आभार प्रकट करने का यह एक नेक तरीका है.

उन्होंने अपनी यात्रा की शुरुआत बहुत सीमित पैसे से की थी. मित्रों और परिवार से धन जुटाया. सबसे महत्वपूर्ण जो बात इन्होंने बताई वह यह कि कैसे सरकारी अधिकारियों से लेकर मीडिया और शैक्षणिक क्षेत्रों के लोग आए और उनके पीछे खड़े हो गए. साथ ही यात्रा के दौरान कई अजनबी लोग आए और जितनी मदद हो सकी की. लोग उनके उत्साह और कड़ी मेहनत को देख रहे हैं. उनकी यात्रा के लिए मददगार बन रहे हैं. उन्होंने इस यात्रा का नाम भारत भ्रमण यानि भारत भर में एक यात्रा रखा है.

अपने सपने को कर रहे पूरा

जिस जुनून के साथ इतने बड़े मकसद के लिए उन्होंने खुद को आगे बढ़ाया है वह उनकी बहादुरी को दर्शाता है. समर्पण, लगन और शक्ति की पराकाष्ठा है. वे कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. वे उल्लेखनीय रूप से यह भी कहते हैं कि यह मेरे सपने के पूरा होने जैसा है. इस तरह का साहसिक प्रयास करने के लिए सोचा था. यह सपना अब केवल उनका नहीं है बल्कि यह कई अन्य लोगों का सपना बन गया है.

अब तक चार राज्यों की यात्रा

अब तक वे महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु सहित 4 राज्यों की यात्रा कर चुके हैं. इन राज्यों के विभिन्न शहरों जैसे तुलजापुर, बीजापुर, बादामी, पट्टाडकल, हम्पी, केरल का पश्चिमी घाट, इदुकी बांध, सबरीमाला मंदिर, तिरुवंतपुरम, कन्याकुमारी, रामेश्वरम, मदुरै (मीनाक्षी मंदिर), तंजुवर तक की कुल 3285 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके हैं. वर्तमान में वे बेंगलुरु में हैं. यहां के लालबाग बॉटेनिकल गार्डन, बेंगलुरु महल से अब वे क्यूबन पार्क और इस्कॉन मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं.

पढ़ें- वाराणसी से गंगाजल लेकर साइकिल से मुंबई के लिए निकला युवक, जानें कारण

हैदराबाद की तरफ रवाना हुए

कल वह बेंगलुरु छोड़ देंगे और NH44 से हैदराबाद की ओर जाएंगे. इसके अलावा वे नागपुर और फिर उत्तरी भारत सहित खजुराहो से दिल्ली, लेह-लद्दाख, कश्मीर और फिर पंजाब, राजस्थान, गुजरात से होते हुए औरंगाबाद, महाराष्ट्र में वापस आएंगे. इस यात्रा के लिए निर्धारित समय लगभग 120 दिनों का है और अभी अप्रैल 2021 के अंत में अपनी यात्रा समाप्त करेंगे.

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