बठिंडा : पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने हाल ही में बीजेपी का दामन थाम लिया. सुनील जाखड़ के भाजपाई बनते ही पंजाब की राजनीति में फायदा-नुकसान का आंकलन शुरू हो गया है. ऐसा माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी सुनील जाखड़ को हिंदू नेता के तौर पर प्रोजेक्ट करने जा रही है, जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा. इसके अलावा सुनील जाखड़ संगरूर से बीजेपी प्रत्याशी हो सकते हैं.
विधानसभा चुनाव जीतने और सीएम बनने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. दिसंबर तक इस सीट पर उपचुनाव होंगे और बीजेपी पहली बार अकेले लोकसभा उपचुनाव लड़ने वाली है. ऐसे में पार्टी को एक ऐसे बड़ा कद मिल गया है, जिसे लोकसभा चुनाव में और आगे बढ़ाया जा सकता है. इससे बीजेपी को पंजाब में ताकत भी मिलेगी. भारतीय जनता पार्टी पंजाब में एक चेहरा ढूंढ रही थी, जिसकी छवि साफ-सुथरी हो. सुनील जाखड़ इस पैमाने पर खरे उतर सकते हैं. संगरूर में जाखड़ को उतराने को लेकर पार्टी मन बना रही है.
यह कहा जा सकता है कि सुनील जाखड़ पंजाब के राजनीतिक घराने की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. उनके पिता बलराम जाखड़ लोकसभा के स्पीकर, केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल भी रहे. सुनील खुद 2002 से 2017 तक पंजाब के आबोहर विधानसभा के सदस्य चुने जा चुके हैं. 2017 में विनोद खन्ना के निधन के बाद जब गुरदासपुर सीट खाली हुई तो सुनील जाखड़ उपचुनाव में जीतकर लोकसभा पहुंचे. 2019 में वह दोबारा गुरदासपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी बने मगर भाजपा कैंडिडेट सन्नी दयोल ने उन्हें हरा दिया. विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पद को लेकर सुनील जाखड़ और कांग्रेस नेतृत्व के बीच मतभेद शुरू हुए थे. चुनाव के बाद कांग्रेस ने उन्हें हार का दोषी बताकर कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इसके बाद जाखड़ ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया.
अब बीजेपी ने उन्हें पंजाब का हिंदू चेहरा के तौर पर प्रोजेक्ट करने की प्लानिंग की है. भारतीय जनता पार्टी को एक हिंदू चेहरे की जरूरत थी, जिसे अन्य धर्मों के लोग भी पसंद करते हों. उम्मीद की जा रही है कि भाजपा सुनील जाखड़ को स्टार कैंपेनर बनाने वाली है.
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