सुकमा: सुकमा में आज इनामी नक्सली दंपति सहित एक अन्य नक्सली ने सरेंडर किया है. ये सभी झीरम घटना में शामिल थे. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से चलाए जा रहे नक्सलवाद उन्मूलन नीति और सुकमा में चलाए जा रहे "पूना नर्कोम" नीति से प्रभावित होकर नक्सलियों ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण किया है.
एसपी ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों को दी प्रोत्साहन राशि : सुकमा में छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्नमूलन नीति के तहत "पूना नर्कोम" अभियान चलाया जा रहा है. जिससे प्रेरित होकर लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं. इस अभियान के तहत जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में बैनर पोस्टर लगाकर नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील की जा रही है. इससे प्रभावित होकर तीन खूंखार नक्सलियों ने सरेंडर किया है. ये तीनों नक्सली साल 2013 में हुए झीरम नक्सली अटैक में शामिल थे.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों में पूर्व कटेकल्याण एलजीएस डिप्टी कमांडर शामिल है. इस पर 3 लाख रुपये का इनाम था. इसका नाम लोकेश उर्फ हूंगा है. अन्य दो नक्सलियों में 1-1 लाख रुपये ईनामी नक्सली वेल्ला उर्फ संदीप-मड़कम धनी उर्फ देवे शामिल हैं. तीनों नक्सली को सुकमा एसपी की ओर से प्रोत्साहन राशि दी गई है. साथ ही जल्द ही अन्य सुविधाएं मुहैया कराने की बात कही गई है.
आज तीन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इनमें एक दंपति भी हैं. ये सभी झीरम कांड में शामिल थे. सभी ईनामी नक्सली हैं. इन्हें प्रोत्साहन राशि दी गई है. -किरण चव्हाण, सुकमा एसपी
कब हुआ था नक्सली हमला: साल 2013 को 25 मई के दिन ये घटना हुई थी. बस्तर के झीरम में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला कर दिया था. इस नरसंहार में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा और सुरक्षाबलों सहित 29 लोगों की मौत हो गई थी. इसमें कांग्रेस के 20 से अधिक नेता मारे गए थे. बस्तर में रैली खत्म होने के बाद कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा से जगदलपुर जा रहा था. काफिले में करीब 25 गाड़ियां थीं, जिनमें लगभग 200 नेता सवार थे. इन पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था.