सुकमा: जिले के पोटकपल्ली गांव में कभी नक्सलियों की मौजूदगी हुआ करती थी. लेकिन बीते 1 साल से सुरक्षाबलों का कैंप पोटकपल्ली गांव में स्थापित किया गया है. जहां जवान लगातार ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने में जुटे हुए हैं. इस वजह से ग्रामीणों का नक्सलियों से मोहभंग हो रहा है. वे जवानों के साथ जुड़ रहे है. शनिवार सुबह पोटकपल्ली गांव की गर्भवती महिला वेट्टी माया को अचानक प्रसव पीड़ा हुई. लेकिन सबसे नजदीक स्वास्थ्य केंद्र 70 किलोमीटर दूर होने की वजह से ग्रामीणों ने पोटकपल्ली कैंप में जवानों से मदद मांगी. Sukma jawans took pregnant woman to hospital
सुकमा में जवानों ने गर्भवती को अस्पताल पहुंचाया: कैंप में स्थित कोबरा के चिकित्सा अधिकारी मेडिकल टीम के साथ पोटकपल्ली गांव में प्रसव पीड़ित महिला के घर पहुंचे. महिला का प्राथमिक उपचार किया गया. कैंप के उच्च अधिकारियों ने तुरंत एक सिविल वाहन का इंतजाम किया. गांव में सड़क नहीं होने के कारण गाड़ी गांव के अंदर तक नहीं जा सकती थी. लिहाजा जवानों ने खाट पर गर्भवती को लिटाया और गाड़ी तक लेकर पहुंचे. जिसके बाद गर्भवती महिला को 70 किलोमीटर दूर भद्राचलम अस्पताल भिजवाया. जहां पहुंचकर गर्भवती महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. महिला और उसके परिजनों ने पोटकपल्ली में स्थित सभी सुरक्षाबलों के जवानों को धन्यवाद दिया. इस मानवता के कार्य में कोबरा, एसटीएफ, सीआरपीएफ के सभी जवानों का महत्वपूर्ण सहयोग रहा. Jawans helped woman in Sukma
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सुकमा में जवानों ने महिला की मदद की: सुकमा जिला बेहद ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से अंदरूनी क्षेत्रों में विकास अब तक ठीक तरह से नहीं पहुंच पाया है. नदी नाले होने से साथ ही नक्सलियों की मौजूदगी होने से सड़क पुल पुलिया का काम अटका हुआ है. यही कारण है कि अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के लिए भटकना पड़ता है. कई दफा ऐसी भी तस्वीर निकल कर सामने आती है. जहां ग्रामीण चारपाई में गर्भवती महिला को उठाकर कई किलोमीटर पैदल सफर तय करने के बाद अस्पताल पहुंचाते हैं. इनमें कुछ मरीज सुरक्षित अस्पताल पहुंचते हैं. कुछ की गंभीर स्थिति में मौत भी हो जाती है. ऐसे में सुरक्षाबलों का ये काम काफी सराहनीय है.