चंडीगढ़: राजस्थान में 5 दिसंबर को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. इस मामले में राजस्थान पुलिस ने दिल्ली पुलिस के साथ संयुक्त ऑपरेशन में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के मुख्य आरोपी रोहित राठौड़ और नितिन फौजी समेत तीन आरोपियों को चंडीगढ़ सेक्टर 22A में स्थित होटल कमल प्लेस से गिरफ्तार कर लिया. तीनों होटल में छिपे थे. पुलिस इन तीनों को शनिवार, 9 दिसंबर को देर रात दिल्ली ले गई है. हरियाणा से गिरफ्तार रामवीर ने ही इन दोनों शूटर्स की मदद की थी. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद रामवीर ने अपनी बाइक से रोहित और नितिन फौजी को बगरू टोल प्लाजा ले गया था. यहां से दोनों बदमाश दिल्ली पहुंचे और फिर फरार हो गए थे.
फर्जी आधार कार्ड पर होटल में ठहरे थे आरोपी: चंडीगढ़ पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी फर्जी आईडी पर होटल कमल प्लेस में रुके थे. आरोपी होटल में कमरा नंबर- 105 में ठहरे थे. आरोपियों में होटल में चेक इन के समय फर्जी आधार कार्ड देकर रजिस्टर में एंट्री की. आरोपियों ने रजिस्टर में देवेंद्र, जयवीर और सुखवीर के नाम से एंट्री करवाई थी. होटल के रिसेप्शन पर मौजूद कर्मचारी के मुताबिक आरोपी करीब 7:40 बजे आए थे और 30-40 मिनट बाद ही वहां पर पुलिस आ गई और तीनों को पकड़कर ले गई. आरोपियों ने बताया था कि वे मनाली से यहां आए हुए हैं.
चंडीगढ़ पुलिस ने होटल कमल प्लेस से DVR कब्जे में ली: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के मुख्य आरोपियों की चंडीगढ़ से गिरफ्तारी के बाद चंडीगढ़ पुलिस भी हरकत में आ गई है. सेक्टर 17 और सेक्टर 11 थाने की पुलिस मौके पर पहुंची है. चंडीगढ़ पुलिस ने होटल कमल प्लेस से DVR कब्जे में लेकर आगामी जांच के लिए भेज दिया है. वहीं, चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी दिल्ली पुलिस से कोई संपर्क नहीं हुआ है.
क्या कहना है होटल कर्मचारी का?: होटल कर्मचारी का कहना है 'होटल में तीन लोग ठहरे हुए थे. ये लोग शनिवार शाम को करीब 7.40 बजे आए थे. उसके बाद करीब रात 8 बजे पुलिस पहुंच गई. होटल में पहुंचते ही पुलिस ने मेन गेट बंद करवा दिया और मेरे फोन भी ले लिए. फिर पुलिस उनको उठा ले गई. पुलिस की तीन गाड़ी आई थी. पुलिस ने कहा कि वे लोग क्राइम ब्रांच से हैं. उनसे आधार कार्ड में जमा कराया था. देवेंद्र, जयवीर और सुखवीर के नाम से तीनों ठहरे थे. दो लोगों ने आधार कार्ड जमा कराया था तीसरे ने व्हाट्सऐप से आईडी भेजने की बात कही, तब तक पुलिस मौके पर पहुंच गई और सभी को पकड़ कर ले गई.'
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