नई दिल्ली : दिल्ली के मंडोली जेल में बंद कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर (sukesh chandrashekhar) ने दिल्ली के उपराज्यपाल के नाम एक और चिठ्ठी लिखी है. पत्र में उसने दिल्ली के उपराज्यपाल से गुहार लगाई है कि उसे और उसकी पत्नी को दिल्ली से बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित किया जाए. उसने आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए लगातार धमकी (threats from AAP leaders) और दबाव का आरोप लगाया है और कहा है कि इसके लिए जेल के अंदर सीआरपीएफ के कर्मियों की ओर से उस पर हमला किया जा रहा है.
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ठगी मामले में कैलाश गहलोत का नाम लिया : ठगी मामले में सुकेश चंद्रशेखर ने कैलाश गहलोत का नाम लिया है. सुकेश ने दिल्ली से बाहर दूसरी जेल में शिफ्ट करने की मांग की है. सुकेश ने इससे पहले भी उपराज्यपाल को भेजी गई चिट्ठी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन का नाम लिया था. उसने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के नेता शिकायत वापस लेने की मांग कर रहे हैं. 9 नवंबर को लिखे पत्र में सुकेश ने पत्नी को भी दूसरी जेल में शिफ्ट करने की मांग की है. दो दिन पहले भी जेल से लिखे अपने चौथे पत्र में सुकेश चंद्रशेखर का आरोप था कि उसने जेल प्रशासन व दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की धमकियों व दबाव के चलते कानून का सहारा लेना ठीक समझा है. उपराज्यपाल को पत्र लिखने के लिए कहीं से किसी ने दबाव नहीं डाला है. सुकेश ने कहा कि वह मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी का शागिर्द नहीं है. उसने किसी से भी न डरने की भी बात कही है. उसने कहा है कि अगर उपराज्यपाल को लिखा उसका पत्र गलत है तो वह कोई भी कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार है. भले ही उसके लिए उसे फांसी पर लटकना पड़े. लेकिन अगर मुख्यमंत्री उसे झूठा साबित नहीं कर पाते तो उनको इस्तीफा देना चाहिए. पूरे मामले की सीबीआई जांच करवानी चाहिए.
जेल प्रशासन और सत्येंद्र जैन ने धमकियां देकर मांगा था फंड : उसने कहा था कि जेल प्रशासन और सत्येंद्र जैन ने धमकियां देकर व दबाव डालकर पंजाब व गोवा चुनाव के लिए फंड मांगा था. यह वही समय था, जब मामले की जांच चल रही थी. लगातार मिल रही धमकियों से परेशान होकर उसने कानून का सहारा लिया और उपराज्यपाल से शिकायत की. सुकेश ने इस पत्र में लिखा है कि उसके लेटर को लेकर आम आदमी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि यह सब जानबूझ कर किया गया है, ये अब चुनाव के दौरान ही क्यों आरोप लगाए जा रहे हैं, जब मुझसे ईडी और सीबीआई ने जवाब तलब किए मैं तब क्यों नहीं बोला ? सुकेश ने पत्र में लिखा है कि मैं इसका जवाब दूंगा, मैं आपको बता दूं कि मैं चुप रहा और सब कुछ नजरअंदाज करता रहा. लेकिन, जेल के माध्यम से मुझे मिल रही लगातार धमकियों और दबाव के कारण मुझे मुंह खोलना पड़ा.
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