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टीएमसी के करीबी बने सांसद अर्जुन सिंह के मान-मनौव्वल में जुटे बंगाल बीजेपी के नेता

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Published : May 3, 2022, 10:33 PM IST

पश्चिम बंगाल में पार्टी में भगदड़ से जूझ रही बीजेपी को फिलहाल राहत मिली है. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से मीटिंग के बाद सांसद अर्जुन सिंह की नाराजगी कम हुई है. पार्टी ने साफ किया है कि अर्जुन कभी तृणमूल कांग्रेस में नहीं जाएंगे.

Sukanta, Suvendu meet Arjun Singh
Sukanta, Suvendu meet Arjun Singh

कोलकाता : पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद राज्य में टीएमसी और बीजेपी के बीच खींचतान चल रही है. बीजेपी के कई नेता माफी मांगते हुए दोबारा तृणमूल कांग्रेस में लौट चुके हैं. चर्चा थी कि बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद भी टीएमसी में वापसी कर सकते हैं. यह अफवाह तब गर्म हो गई जब अर्जुन बंगाल चुनाव में हिंसा के विरोध हुई रैली से नदारद हो गए. बताया जाता है कि रैली के बाद से बीजेपी के आला नेताओं ने अर्जुन सिंह को मनाने की कवायद शुरू कर दी. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने अर्जुन के साथ गुप्त मीटिंग की.

जानकारी के अनुसार, बीजेपी की मेगा रैली में अनुपस्थिति के बाद सुकांत मजूमदार ने सोमवार को अर्जुन को फोन किया. अर्जुन ने स्पष्ट रूप से मजूमदार को बताया कि वह दिल्ली में है, जिसके बाद सुकांत ने कोलकाता लौटने पर उसे अपने घर पर मिलने की पेशकश की. मुलाकात के दौरान विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अर्जुन सिंह को समस्याओं को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल निकालने का आश्वासन दिया. प्रदेश अध्यक्ष ने अर्जुन सिंह को यहां आने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का सुझाव दिया. सुकांत मजूमदार ने बताया कि अर्जुन सिंह अभी भी बीजेपी में हैं, लेकिन उन्हें कुछ समस्याएं हैं, जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

बताया जाता है कि अर्जुन सिंह ने केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की निर्णय से असहमति जताकर टीएमसी में वापसी के संकेत दिए थे. इस संबंध में बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को लिखा था कि केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के एक फैसले से कच्चे जूट के मूल्य निर्धारण के कारण जूट श्रमिकों का नुकसान हो रहा है इसलिए वह इस मामले को कपड़ा मंत्रालय के सामने उठाएं. उन्होंने इस मुद्दे पर पीयूष गोयल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अर्जुन सिंह तृणमूल कांग्रेस के बडे़ नेता थे. लोकसभा चुनाव के दौरान वह बीजेपी में शामिल हुए और बैरकपुर से सांसद चुने गए. माना जाता है कि जूट कारोबार से जुड़े हिंदी भाषी वोटरों में अर्जुन सिंह की काफी पकड़ है, जिसका फायदा उन्हें चुनावों में मिलता है.

पढ़ें : राज ठाकरे ने ठोंकी ताल, 4 मई से मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान हुई तो पढ़ेंगे हनुमान चालीसा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद राज्य में टीएमसी और बीजेपी के बीच खींचतान चल रही है. बीजेपी के कई नेता माफी मांगते हुए दोबारा तृणमूल कांग्रेस में लौट चुके हैं. चर्चा थी कि बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद भी टीएमसी में वापसी कर सकते हैं. यह अफवाह तब गर्म हो गई जब अर्जुन बंगाल चुनाव में हिंसा के विरोध हुई रैली से नदारद हो गए. बताया जाता है कि रैली के बाद से बीजेपी के आला नेताओं ने अर्जुन सिंह को मनाने की कवायद शुरू कर दी. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने अर्जुन के साथ गुप्त मीटिंग की.

जानकारी के अनुसार, बीजेपी की मेगा रैली में अनुपस्थिति के बाद सुकांत मजूमदार ने सोमवार को अर्जुन को फोन किया. अर्जुन ने स्पष्ट रूप से मजूमदार को बताया कि वह दिल्ली में है, जिसके बाद सुकांत ने कोलकाता लौटने पर उसे अपने घर पर मिलने की पेशकश की. मुलाकात के दौरान विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने अर्जुन सिंह को समस्याओं को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल निकालने का आश्वासन दिया. प्रदेश अध्यक्ष ने अर्जुन सिंह को यहां आने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने का सुझाव दिया. सुकांत मजूमदार ने बताया कि अर्जुन सिंह अभी भी बीजेपी में हैं, लेकिन उन्हें कुछ समस्याएं हैं, जिसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

बताया जाता है कि अर्जुन सिंह ने केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय की निर्णय से असहमति जताकर टीएमसी में वापसी के संकेत दिए थे. इस संबंध में बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने ममता बनर्जी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की थी. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को लिखा था कि केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के एक फैसले से कच्चे जूट के मूल्य निर्धारण के कारण जूट श्रमिकों का नुकसान हो रहा है इसलिए वह इस मामले को कपड़ा मंत्रालय के सामने उठाएं. उन्होंने इस मुद्दे पर पीयूष गोयल के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अर्जुन सिंह तृणमूल कांग्रेस के बडे़ नेता थे. लोकसभा चुनाव के दौरान वह बीजेपी में शामिल हुए और बैरकपुर से सांसद चुने गए. माना जाता है कि जूट कारोबार से जुड़े हिंदी भाषी वोटरों में अर्जुन सिंह की काफी पकड़ है, जिसका फायदा उन्हें चुनावों में मिलता है.

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