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सुब्रमण्यम स्वामी को छह सप्ताह के भीतर सरकारी बंगला खाली करने का आदेश

दिल्ली हाई कोर्ट ने भाजपा के पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी (Former BJP Rajya Sabha MP Subramanian Swamy) को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि वे छह हफ्ते में अपने सरकारी बंगले का कब्जा संपत्ति अधिकारी को सौंप दें.

पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी
पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी
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Published : Sep 14, 2022, 2:57 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी को 6 सप्ताह के भीतर अपने दिल्ली स्थित बंगले का कब्जा संपत्ति अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया है. स्वामी ने सुरक्षा दृष्टिकोण को देखते हुए सरकारी आवास बनाए रखने की मांग की थी.

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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने नहीं पाया उचित कारण : न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि वह 2016 से इस बंगले में रह रहे थे. उन्हें बंगले का आवंटन 5 वर्ष के लिए किया गया था, जिसकी अवधि समाप्त हो गई है. अदालत को ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता है, जिससे जेड श्रेणी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सरकारी आवास अनिवार्य हो.

पांच साल के लिए मिला था बंगला: स्वामी को जनवरी 2016 में 5 साल के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में एक बंगला आवंटित किया गया था. वह राज्यसभा के अपने पूरे कार्यकाल के दौरान वहीं रहे. उनका कार्यकाल इस साल अप्रैल में समाप्त हो गया. उन्हें आवासीय परिसर खाली करना था, इसलिए स्वामी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उन्हें लगातार सुरक्षा खतरे को देखते हुए बंगले को फिर से आवंटित करने की मांग की.

केंद्र ने स्वामी की मांग का विरोध : केंद्र सरकार ने बुधवार को याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भले ही स्वामी के प्रति सुरक्षा धारणा को कम नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पर उन्हें सुरक्षा कवर के साथ आवास प्रदान करने का कोई दायित्व नहीं है. एएसजी संजय जैन केंद्र की ओर से पेश हुए और कहा कि सरकार वरिष्ठ नेता को समय-समय पर समीक्षा के अधीन सुरक्षा प्रदान करती रहेगी, लेकिन बंगले को फिर से आवंटित करना संभव नहीं होगा.

जैन ने अदालत से कहा कि उनका दिल्ली में एक घर है, जहां वह शिफ्ट हो सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियां ​​वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी. स्वामी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता पेश हुए और तर्क दिया कि सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद के साथ हर समय सुरक्षा कर्मियों को समायोजित करने के लिए घर की आवश्यकता है.

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नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी को 6 सप्ताह के भीतर अपने दिल्ली स्थित बंगले का कब्जा संपत्ति अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया है. स्वामी ने सुरक्षा दृष्टिकोण को देखते हुए सरकारी आवास बनाए रखने की मांग की थी.

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न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने नहीं पाया उचित कारण : न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि वह 2016 से इस बंगले में रह रहे थे. उन्हें बंगले का आवंटन 5 वर्ष के लिए किया गया था, जिसकी अवधि समाप्त हो गई है. अदालत को ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता है, जिससे जेड श्रेणी सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को सरकारी आवास अनिवार्य हो.

पांच साल के लिए मिला था बंगला: स्वामी को जनवरी 2016 में 5 साल के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली में एक बंगला आवंटित किया गया था. वह राज्यसभा के अपने पूरे कार्यकाल के दौरान वहीं रहे. उनका कार्यकाल इस साल अप्रैल में समाप्त हो गया. उन्हें आवासीय परिसर खाली करना था, इसलिए स्वामी ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और उन्हें लगातार सुरक्षा खतरे को देखते हुए बंगले को फिर से आवंटित करने की मांग की.

केंद्र ने स्वामी की मांग का विरोध : केंद्र सरकार ने बुधवार को याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भले ही स्वामी के प्रति सुरक्षा धारणा को कम नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पर उन्हें सुरक्षा कवर के साथ आवास प्रदान करने का कोई दायित्व नहीं है. एएसजी संजय जैन केंद्र की ओर से पेश हुए और कहा कि सरकार वरिष्ठ नेता को समय-समय पर समीक्षा के अधीन सुरक्षा प्रदान करती रहेगी, लेकिन बंगले को फिर से आवंटित करना संभव नहीं होगा.

जैन ने अदालत से कहा कि उनका दिल्ली में एक घर है, जहां वह शिफ्ट हो सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियां ​​वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी. स्वामी के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता पेश हुए और तर्क दिया कि सुरक्षा खतरे को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद के साथ हर समय सुरक्षा कर्मियों को समायोजित करने के लिए घर की आवश्यकता है.

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