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ऑनलाइन पढ़ाई से उब चुके मैथ्यु ऐसे करते हैं मूड फ्रेस

काेराेना महामारी के बीच जैसा कि हर जगह ऑनलाइन कक्षाएं ली जा रही हैं, ऐसे में लंबे समय तक ऑनलाइन कक्षाओं से विद्यार्थियाें काे बाेरियत महसूस हाेने लगती है. इसी तरह ऑनलाइन कक्षा से उब चुके मैथ्यु अब पढ़ाई के साथ-साथ भैंस भी पाल रहे हैं.

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Published : Apr 28, 2021, 1:07 PM IST

एर्नाकुलम : काेराेना महामारी के बीच जैसा कि हर जगह ऑनलाइन कक्षायें ली जा रही हैं. लेकिन लगातार ऑनलाइन क्लास से छात्र बाेर हाे जाते हैं ऐसे में थाेड़ा बदलाव के लिए केरल के एक युवा ने भैंस पालने की साेची.

भैंसों की देखभाल करते मैथ्यु

अपना अनुभव शेयर करते हुए मैथ्यु ने बताया कि जैसा कि वे किसान परिवार हैं उन्हें यह काफी अच्छा लग रहा है. वह M.Sc. अंतिम वर्ष के छात्र हैं.

मैथ्यू, कोथमंगलम के रहने वाले हैं. पिछले वर्ष लॉकडाउन शुरू हाेने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई थी. एक ही जगह बैठकर पढ़ाई करते-करते उन्हाेंने कुछ बदलाव की काेशिश की और भैंस पालने का फैसला किया.

मैथ्यू भी किसान परिवार से हैं ताे उन्हें इन चीजाें से जुड़ाव भी है.

जानकारी के अनुसार हरियाणा से मुर्राह नस्ल की भैंसें लेकर आए और उन्हें पालना शुरू किया. ये भैंसे शारीरिक रूप से मजबूत हाेती हैं.

इसे भी पढ़ें : कोरोना टीकाकरण : 18 साल से ऊपर वालों के लिए आज से पंजीकरण

मैथ्यू ने बताया कि भैंसों के लिए चारा अपने ही खेतों से ही उन्हें मिल जाता है. मुर्राह भैंसों को नहलाने के लिए खेत के पास एक छोटा तालाब भी खोद रखा है. मैथ्यू अपनी पढ़ाई के साथ-साथ भैंस पालन भी कर रहे हैं.

एर्नाकुलम : काेराेना महामारी के बीच जैसा कि हर जगह ऑनलाइन कक्षायें ली जा रही हैं. लेकिन लगातार ऑनलाइन क्लास से छात्र बाेर हाे जाते हैं ऐसे में थाेड़ा बदलाव के लिए केरल के एक युवा ने भैंस पालने की साेची.

भैंसों की देखभाल करते मैथ्यु

अपना अनुभव शेयर करते हुए मैथ्यु ने बताया कि जैसा कि वे किसान परिवार हैं उन्हें यह काफी अच्छा लग रहा है. वह M.Sc. अंतिम वर्ष के छात्र हैं.

मैथ्यू, कोथमंगलम के रहने वाले हैं. पिछले वर्ष लॉकडाउन शुरू हाेने के बाद ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हुई थी. एक ही जगह बैठकर पढ़ाई करते-करते उन्हाेंने कुछ बदलाव की काेशिश की और भैंस पालने का फैसला किया.

मैथ्यू भी किसान परिवार से हैं ताे उन्हें इन चीजाें से जुड़ाव भी है.

जानकारी के अनुसार हरियाणा से मुर्राह नस्ल की भैंसें लेकर आए और उन्हें पालना शुरू किया. ये भैंसे शारीरिक रूप से मजबूत हाेती हैं.

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मैथ्यू ने बताया कि भैंसों के लिए चारा अपने ही खेतों से ही उन्हें मिल जाता है. मुर्राह भैंसों को नहलाने के लिए खेत के पास एक छोटा तालाब भी खोद रखा है. मैथ्यू अपनी पढ़ाई के साथ-साथ भैंस पालन भी कर रहे हैं.

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