कोलकाता: राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के हिस्से के अनुरूप, पश्चिम बंगाल वर्तमान शैक्षणिक सत्र से राज्य में चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम लागू कर रहा है. बुधवार को शिक्षा विभाग की ओर से एक अधिसूचना के माध्यम से इसकी घोषणा की गई. ममता बनर्जी ने गुरुवार को हाई मदरसा समेत मेधावी छात्रों के सम्मान समारोह के दौरान इस प्रक्रिया को किस तरह से पूरा किया जाएगा, इसकी घोषणा की. राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बुधवार को कहा कि चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किए जाने के बावजूद राज्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पालन नहीं कर रहा है, बल्कि इस मामले में राज्य अपनी शिक्षा नीति का पालन करेगा.
ममता ने साफ किया कि चार साल के डिग्री कोर्स से छात्रों को फायदा होगा. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो कहा उससे साफ है कि आने वाले दिनों में भी राज्य में तीन साल का कोर्स तीन साल का ही रहेगा. हालांकि, ऑनर्स की पढ़ाई में बदलाव है. ऐसे में छात्र तीन साल की जगह चार साल का डिग्री कोर्स करेंगे. यह अंत नहीं है, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ऐसे में ऑनर्स के साथ अध्ययनरत छात्र एक वर्ष का स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम ( postgraduate course) कर सकते हैं. यानी इस साल से मास्टर डिग्री की पढ़ाई एक साल के लिए होगी. ममता बनर्जी ने कहा कि ऐसे में कुल मिलाकर अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट छात्रों को लगने वाला समय पहले की तरह ही रहेगा.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार छात्रों के लिए हर तरह की सुविधा मुहैया कराएगी. राज्य सरकार ने राज्य में स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड की शुरुआत की है ताकि पैसे की कमी के कारण किसी की पढ़ाई बाधित न हो. ममता बनर्जी ने कहा कि उच्च शिक्षा के रास्ते में पैसा बाधा नहीं बनेगा. अब छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अपने माता-पिता की आर्थिक स्थिति पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. छात्र छात्र क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अपनी पढ़ाई के लिए ऋण सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं. राज्य सरकार सभी छात्रों की गारंटर होगी.
गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री गुरुवार को दोपहर एक बजे तक बिस्वा बांग्ला मेले में पहुंचीं थीं. फिर उन्होंने विभिन्न जिलों के लिए निर्धारित प्रत्येक टेबल का दौरा किया और मेधावी छात्रों से मुलाकात की. उन्होंने टॉपर्स से मुलाकात की और उन्हें भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास किया.