गया : चीन में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी (International Business Study) की पढ़ाई करने गए बिहार के छात्र अमन नागसेन (Aman Nagsen ) का शनिवार को उसके पैतृक गांव कष्ठुआ में अंतिम संस्कार किया गया. मृतक के चाचा पंकज पासवान ने मुखाग्नि दी. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग और जनप्रतिनिधि मौजूद थे. छात्र के परिजनों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाने के साथ ही मृतक को शहीद का दर्जा देने की भी मांग की.
21 दिनों के बाद शुक्रवार को अमन नागसेन का शव कष्ठुआ गांव लाया गया था. रात होने के कारण तब अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका. शनिवार को गांव के पास मोरहर नदी के तट पर अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान लोगों ने नागसेन अमर रहे का जमकर नारा लगाया.
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अमन के चाचा रामकिशोर ने पार्थिव शरीर लाने में केंद्र सरकार के प्रयास के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी में भी मेरे बच्चे के शव को सरकार की मदद से ही लाया जा सका है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि बच्चे की हत्या चीन में साजिशन की गई है.
'सरकार ने नहीं मानी मांग'
रामकिशोर ने कहा कि अमन का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराना था लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने हमारी इस मांग को नहीं माना. हम चाहते हैं कि नागसेन अमन को शहीद का दर्जा दिया जाए. मुझे आज के जनसैलाब को देखकर यकीन हो गया कि मेरे पुत्र को सरकार शहीद का दर्जा देगी.
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आरजेडी विधायक सतीश दास (RJD MLA Satish Das) ने कहा कि सरकार छात्र की हत्या की जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराये. सरकार नागसेन को सम्मान देने के लिए विदेश में पढ़ने जाने वाले छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति का नामकरण छात्र नागसेन अमन के नाम पर करे. छात्र की हत्या हो जाने से परिजनों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है. इसलिए परिजनों को 5 करोड़ का मुआवजा दिया जाए.
बता दें कि गया का रहने वाला छात्र अमन नागसेन चीन की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (University of Technology) में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने के लिए गया हुआ था. जहां 23 जुलाई को उसकी हत्या कर दी गई थी.