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अमेरिका, फ्रांस सहित इन देशों में पढ़ सकेंगे यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्र

रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद यूक्रेन से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए (Ukraine students academic mobility) पढ़ाई जारी रखने की समस्या खड़ी हो गई थी. जिसके बाद भारत सरकार ने इन छात्रों के लिए स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम की घोषणा की थी. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने इस संबंध में नोटिस जारी कर 29 देशों के नाम जारी कर दिए हैं जहां यूक्रेन में अध्ययनरत विद्यार्थीयों को प्रतिस्थापित किया जा रहा है.

Program For MBBS Students of Ukraine, MBBS Students of Ukraine to continue study
इन देशों में पढ़ सकेंगे यूक्रेन से भारत लौटे मेडिकल छात्र.
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Published : Sep 15, 2022, 10:01 PM IST

कोटा. रूस और यूक्रेन युद्ध से प्रभावित यूक्रेन के मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस (Student Mobility Program) कर रहे भारतीय विद्यार्थी अब स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के तहत अमेरिका, फ्रांस व स्वीडन सहित 29 देशों में मेडिकल अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के संबंध में नोटिफिकेशन गरुवार को जारी किया है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार युद्ध से प्रभावित यूक्रेन (Ukraine students academic mobility) के विद्यार्थी पोलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, फ्रांस, जॉर्जिया, कजाकिस्तान, लिथुआनिया, मोल्दोवा, स्लोवेनिया, स्पेन, उज्बेकिस्तान, यूनाइटेड स्टेट्स, इटली, बेल्जियम, इजिप्ट, बेलारूस, लातविया, किर्गिस्तान, ग्रीस, रोमानिया, स्वीडन, इजराइल, ईरान अजरबैजान, बुल्गारिया, जर्मनी, टर्की, क्रोएशिया व हंगरी देशों में पढ़ सकेंगे. हाल ही में 6 सितंबर को एक नोटिफिकेशन के तहत स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम को हरी झंडी दे दी गई थी. लेकिन संबंधित देशों के नाम नहीं दिए गए थे.

पढ़ें रूसी मेडिकल संस्थानों की पहल, यूक्रेन से लौटे 4,000 भारतीय छात्रों को देंगे सीधा प्रवेश

पढ़ें. FMGE Exam: रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित मेडिकल स्टूडेंट्स को राहत, ऐसे विद्यार्थी होंगे एफएमजीई में शामिल

देव शर्मा ने बताया कि विदेशों में मेडिकल अध्ययनरत विद्यार्थियों की 'मोबिलिटी' को लेकर भारतीय (Ukraine students to countinue MBBS in 29 countries) नियम काफी सख्त हैं. स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के तहत सामान्य व आपात स्थिति में भी विदेशों में अध्ययनरत विद्यार्थी भारतीय मेडिकल संस्थानों में प्रतिस्थापित नहीं किए जा सकते. यही कारण है कि युद्ध के कारण यूक्रेन में अध्ययनरत विद्यार्थीयों को कई देशों में प्रतिस्थापित किया जा रहा है. लेकिन इन देशों की सूची में भारत का नाम नहीं है. देव शर्मा ने बताया कि स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के अंतर्गत यूक्रेन के ये विद्यार्थी सूचीबद्ध 29 देशों के अपनी पढ़ाई और कोर्स पूरा कर सकेंगे. लेकिन एमबीबीएस करने के बाद विद्यार्थी को डिग्री उसके मूल संस्थान (यूक्रेन) से ही दी जाएगी.

कोटा. रूस और यूक्रेन युद्ध से प्रभावित यूक्रेन के मेडिकल संस्थानों के एमबीबीएस (Student Mobility Program) कर रहे भारतीय विद्यार्थी अब स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के तहत अमेरिका, फ्रांस व स्वीडन सहित 29 देशों में मेडिकल अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम एमबीबीएस की पढ़ाई कर सकेंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के संबंध में नोटिफिकेशन गरुवार को जारी किया है.

कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार युद्ध से प्रभावित यूक्रेन (Ukraine students academic mobility) के विद्यार्थी पोलैंड, ऑस्ट्रिया, चेक रिपब्लिक, फ्रांस, जॉर्जिया, कजाकिस्तान, लिथुआनिया, मोल्दोवा, स्लोवेनिया, स्पेन, उज्बेकिस्तान, यूनाइटेड स्टेट्स, इटली, बेल्जियम, इजिप्ट, बेलारूस, लातविया, किर्गिस्तान, ग्रीस, रोमानिया, स्वीडन, इजराइल, ईरान अजरबैजान, बुल्गारिया, जर्मनी, टर्की, क्रोएशिया व हंगरी देशों में पढ़ सकेंगे. हाल ही में 6 सितंबर को एक नोटिफिकेशन के तहत स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम को हरी झंडी दे दी गई थी. लेकिन संबंधित देशों के नाम नहीं दिए गए थे.

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देव शर्मा ने बताया कि विदेशों में मेडिकल अध्ययनरत विद्यार्थियों की 'मोबिलिटी' को लेकर भारतीय (Ukraine students to countinue MBBS in 29 countries) नियम काफी सख्त हैं. स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के तहत सामान्य व आपात स्थिति में भी विदेशों में अध्ययनरत विद्यार्थी भारतीय मेडिकल संस्थानों में प्रतिस्थापित नहीं किए जा सकते. यही कारण है कि युद्ध के कारण यूक्रेन में अध्ययनरत विद्यार्थीयों को कई देशों में प्रतिस्थापित किया जा रहा है. लेकिन इन देशों की सूची में भारत का नाम नहीं है. देव शर्मा ने बताया कि स्टूडेंट मोबिलिटी प्रोग्राम के अंतर्गत यूक्रेन के ये विद्यार्थी सूचीबद्ध 29 देशों के अपनी पढ़ाई और कोर्स पूरा कर सकेंगे. लेकिन एमबीबीएस करने के बाद विद्यार्थी को डिग्री उसके मूल संस्थान (यूक्रेन) से ही दी जाएगी.

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