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बेंगलुरु में आवारा कुत्तों ने बेसहारा महिला को मार डाला - बेंगलुरु में कुत्तों ने महिला पर किया हमला

आवारा कुत्तों ने एक बेसहारा बुजुर्ग महिला की जान ले ली. पुलिस के अनुसार बुजुर्ग महिला बेघर थी और शहर की सड़कों पर सोती थी. रात में आवारा कुत्तों के झुंड ने महिला पर हमला कर उसकी जान ले ली.

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Published : May 16, 2021, 7:46 PM IST

बेंगलुरु : आवारा कुत्तों के झुंड ने एक बेसहारा महिला की जान ले ली. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. राजराजेश्वरी नगर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 60 वर्षीय महिला की पहचान होनी बाकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह बेघर थी और शहर की सड़कों पर सोती थी और शरण लेती थी.

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रात करीब साढ़े नौ बजे सबसे पहले आवारा कुत्तों के एक बड़े झुंड ने बुजुर्ग महिला का पीछा किया. उस समय कुछ लोग उसके बचाव में आए और आवारा कुत्तों को भगा दिया, लेकिन ऐसा लगता है कि उसी झुंड ने आधी रात के आस-पास उस पर हमला किया और उसे मौत के घाट उतार दिया.

पशुधन राज्यों की 2012 की पशुगणना के अनुसार, बेंगलुरु में 1.83 लाख आवारा और 1.43 लाख पालतू कुत्ते हैं. पशु कल्याण कार्यकर्ताओं ने कहा कि आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि का कारण बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) है. पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम लागू करने में बीबीएमपी फेल है.

इसके अलावा, पालतू कुत्तों का छोड़ना भी एक अन्य प्रमुख मुद्दा है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि कई लोगों को पालतू जानवर रखने की जिम्मेदारी का एहसास नहीं होता है और इसलिए, वे दो दिनों और एक सप्ताह के बीच कुत्तों को छोड़ देते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉकडाउन की वजह से कुत्तों को भोजन नहीं मिल रहा है, जिस कारण वे इंसानों को निशाना बना रहे हैं.

बेंगलुरु : आवारा कुत्तों के झुंड ने एक बेसहारा महिला की जान ले ली. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. राजराजेश्वरी नगर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, 60 वर्षीय महिला की पहचान होनी बाकी है, लेकिन प्रारंभिक जांच में पता चला है कि वह बेघर थी और शहर की सड़कों पर सोती थी और शरण लेती थी.

पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रात करीब साढ़े नौ बजे सबसे पहले आवारा कुत्तों के एक बड़े झुंड ने बुजुर्ग महिला का पीछा किया. उस समय कुछ लोग उसके बचाव में आए और आवारा कुत्तों को भगा दिया, लेकिन ऐसा लगता है कि उसी झुंड ने आधी रात के आस-पास उस पर हमला किया और उसे मौत के घाट उतार दिया.

पशुधन राज्यों की 2012 की पशुगणना के अनुसार, बेंगलुरु में 1.83 लाख आवारा और 1.43 लाख पालतू कुत्ते हैं. पशु कल्याण कार्यकर्ताओं ने कहा कि आवारा कुत्तों की संख्या में वृद्धि का कारण बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) है. पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) कार्यक्रम लागू करने में बीबीएमपी फेल है.

इसके अलावा, पालतू कुत्तों का छोड़ना भी एक अन्य प्रमुख मुद्दा है. कार्यकर्ताओं ने कहा कि कई लोगों को पालतू जानवर रखने की जिम्मेदारी का एहसास नहीं होता है और इसलिए, वे दो दिनों और एक सप्ताह के बीच कुत्तों को छोड़ देते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि लॉकडाउन की वजह से कुत्तों को भोजन नहीं मिल रहा है, जिस कारण वे इंसानों को निशाना बना रहे हैं.

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