नई दिल्ली: प्रसिद्ध कथाकार मधु कांकरिया को वर्ष 2023 का श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको साहित्य सम्मान दिये जाने की मंगलवार को घोषणा की गयी. इफको द्वारा यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार इस पुरस्कार के लिए कांकरिया का चयन प्रो. असग़र वजाहत की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने किया, जिसमें वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अनामिका, कवि-कथाकार प्रियदर्शन, लेखक-फिल्म समीक्षक रवीन्द्र त्रिपाठी, वरिष्ठ आलोचक मुरली मनोहर प्रसाद सिंह और युवा लेखक श्री उत्कर्ष शुक्ल शामिल थे.
मधु कांकरिया का जन्म कलकत्ता में 23 मार्च, 1957 को हुआ. उनके सात उपन्यास और बारह कहानी संग्रह प्रकाशित हैं. उपन्यासों में 'पत्ताखोर', 'सेज पर संस्कृत', 'सूखते चिनार' और 'ढलती सांझ का सूरज' चर्चित रहे हैं. 'बीतते हुए', '...और अन्त में ईशु', 'चिड़िया ऐसे मरती है', 'भरी दोपहरी के अंधेरे', 'युद्ध और बुद्ध', 'जलकुम्भी', 'नंदीग्राम के चूहे' आदि उनके प्रमुख कहानी संग्रह हैं.
'बादलों में बारूद' नाम से उन्होंने यात्रा वृत्तांत भी लिखा है. तेलुगु, मराठी सहित कई भाषाओं में उनकी रचनाओं के अनुवाद हुए हैं. प्रसिद्ध व्यंग्य लेखक एवं साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में वर्ष 2011 में शुरू किया गया यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष ऐसे हिन्दी लेखक को दिया जाता है, जिसकी रचनाओं में मुख्यतः ग्रामीण व कृषि जीवन तथा विस्थापन, हाशिये का समाज और भारत के बदलते यथार्थ का चित्रण किया गया हो.
इससे पहले यह सम्मान विद्यासागर नौटियाल, शेखर जोशी, संजीव, मिथिलेश्वर, अष्टभुजा शुक्ल, कमलाकांत त्रिपाठी, रामदेव धुरंधर, रामधारी सिंह 'दिवाकर', महेश कटारे, रणेंद्र, शिवमूर्ति और जयनंदन को प्रदान किया गया. विज्ञप्ति के अनुसार यह पुरस्कार पाने वाले साहित्यकार को एक प्रतीक चिह्न, प्रशस्ति पत्र तथा ग्यारह लाख रुपये की राशि का चेक प्रदान किया जाता है. इसमें कहा गया कि कांकरिया को यह सम्मान 30 सितम्बर, 2023 को नई दिल्ली में दिया जाएगा.
(पीटीआई-भाषा)