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पश्चिम बंगाल में राज्य निर्वाचन आयोग की खुद की कोई आवाज नहीं : विपक्ष - सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा निर्देशित

विपक्षी भाजपा और माकपा (Opposition BJP and CPI(M)) ने शनिवार को कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) को पश्चिम बंगाल के चार नगर निगमों के लिए चुनाव तीन सप्ताह से अधिक समय के लिए स्थगित करना चाहिए था. उनके कदम से यह साबित हो गया कि राज्य चुनाव इकाई की अपनी कोई आवाज नहीं है तथा यह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा निर्देशित (Directed by the ruling Trinamool Congress) है.

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पश्चिम बंगाल चुनाव
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Published : Jan 15, 2022, 7:55 PM IST

कोलकाता : राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) ने शनिवार को चार नगर निगमों के लिए मतदान 22 जनवरी के बजाय 12 फरवरी तक तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया. आयोग ने यह निर्णय राज्य सरकार के उस पत्र के बाद किया जिसमें उसने पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के चलते चुनाव तारीख फिर से निर्धारित करने के लिए अपनी सहमति दी है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव स्थगित करने का राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) का फैसला इस बात का प्रमाण है कि आयोग स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं है और हमेशा सत्ताधारी दल के निर्देशों का इंतजार करता है. जाने-माने अधिवक्ता भट्टाचार्य ने कहा कि उच्च न्यायालय ने चार नगर निगमों के चुनाव चार से छह सप्ताह के लिए टालने की सिफारिश की थी. लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि राज्य सरकार चाहती थी कि यह तीन सप्ताह के बाद हो.

एसईसी ने साबित कर दिया कि वह स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं ले सकता. हालांकि, चलो उम्मीद है कि 12 फरवरी को जब मतदान हो तो कोविड की स्थिति और खराब नहीं होगी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव चार से छह सप्ताह से पहले नहीं होना चाहिए था क्योंकि कोई नहीं जानता कि 12 फरवरी तक कोविड ​​​​की स्थिति क्या होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि निकाय चुनाव की तारीख सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की इच्छा के अनुसार तय की गई है. भट्टाचार्य ने कहा कि हमें नहीं लगता कि एसईसी की कोई अलग पहचान है. यह सत्तारूढ़ दल और उसकी प्रमुख (ममता बनर्जी) द्वारा निर्देशित है.

यह भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव : रैली और रोड शो पर पाबंदी 22 जनवरी तक बढ़ी

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, सिलीगुड़ी, चंद्रनगर, बिधाननगर और आसनसोल नगर निगमों के लिए मतदान अब 22 जनवरी की जगह 12 फरवरी को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने महामारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए एसईसी को चार से छह सप्ताह तक निकाय चुनाव स्थगित करने की संभावना तलाशने को कहा था.

कोलकाता : राज्य निर्वाचन आयोग (state election commission) ने शनिवार को चार नगर निगमों के लिए मतदान 22 जनवरी के बजाय 12 फरवरी तक तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया. आयोग ने यह निर्णय राज्य सरकार के उस पत्र के बाद किया जिसमें उसने पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के चलते चुनाव तारीख फिर से निर्धारित करने के लिए अपनी सहमति दी है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव स्थगित करने का राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) का फैसला इस बात का प्रमाण है कि आयोग स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं है और हमेशा सत्ताधारी दल के निर्देशों का इंतजार करता है. जाने-माने अधिवक्ता भट्टाचार्य ने कहा कि उच्च न्यायालय ने चार नगर निगमों के चुनाव चार से छह सप्ताह के लिए टालने की सिफारिश की थी. लेकिन जैसा कि हम सभी जानते हैं कि राज्य सरकार चाहती थी कि यह तीन सप्ताह के बाद हो.

एसईसी ने साबित कर दिया कि वह स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय नहीं ले सकता. हालांकि, चलो उम्मीद है कि 12 फरवरी को जब मतदान हो तो कोविड की स्थिति और खराब नहीं होगी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव चार से छह सप्ताह से पहले नहीं होना चाहिए था क्योंकि कोई नहीं जानता कि 12 फरवरी तक कोविड ​​​​की स्थिति क्या होगी. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि निकाय चुनाव की तारीख सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की इच्छा के अनुसार तय की गई है. भट्टाचार्य ने कहा कि हमें नहीं लगता कि एसईसी की कोई अलग पहचान है. यह सत्तारूढ़ दल और उसकी प्रमुख (ममता बनर्जी) द्वारा निर्देशित है.

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राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, सिलीगुड़ी, चंद्रनगर, बिधाननगर और आसनसोल नगर निगमों के लिए मतदान अब 22 जनवरी की जगह 12 फरवरी को सुबह सात बजे से शाम पांच बजे तक होगा. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने महामारी के मामलों में वृद्धि को देखते हुए एसईसी को चार से छह सप्ताह तक निकाय चुनाव स्थगित करने की संभावना तलाशने को कहा था.

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