नई दिल्ली : सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने अपने कर्मियों को निर्देश दिया है कि वे स्मार्टफोन पर व्यक्तिगत डेटा नहीं रखें क्योंकि अगर मोबाइल गलत हाथों में पड़ता है तो इसके 'खतरनाक' परिणाम हो सकते हैं. अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि बल ने हाल ही में एक परिपत्र जारी करके अपने जवानों और अन्य कर्मचारियों को व्हाट्सएप पर आधिकारिक आदेशों को साझा करने से बचने और सोशल मीडिया पर परिचालन मामलों पर चर्चा करने और साझा करने से बचने के लिए कहा है.
बल ने यह परिपत्र तब जारी किया था, जब एक 'संवेदनशील स्थल' पर तैनात एक अधिकारी सेना और केंद्रीय बलों की कुछ गतिविधियों का ब्योरा कथित तौर पर किसी अज्ञात इकाइयों से साझा करते पाया गया था. एसएसबी नेपाल (1,751 किमी) और भूटान (699 किमी) के साथ लगती भारतीय सीमा की रक्षा करता है. बल ने कहा कि इस तरह के उदाहरणों में 'गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा निहितार्थ हैं और इससे बल की छवि धूमिल होती है.'
उसने कहा, 'अपने मोबाइल को अपने व्यक्तिगत डेटा का स्रोत न बनाएं, जो ऐसी स्थिति में खतरनाक है अगर यह अजनबियों के हाथों में पड़ता है.' कर्मियों को अपने फोन के आईएमईआई (इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी) कोड को नोट करने और सुरक्षित स्थान पर रखने का निर्देश दिया गया है ताकि उनके उपकरण तक अनधिकृत पहुंच को रोका जा सके और फोन के चोरी हो जाने या फोन के गुम होने की स्थिति में उसे ब्लॉक किया जा सके. इसने कर्मियों से अपने स्मार्टफोन से ट्रूकॉलर मोबाइल फोन एप्लिकेशन को हटाने के लिए भी कहा.
इसने कहा कि सैनिकों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सैनिकों की गतिविधियों, स्थान, हथियारों और 'संवेदनशील प्रकृति' की किसी भी सामग्री को दर्शाने वाली तस्वीरें और वीडियो क्लिपिंग डालने से बचना चाहिए. कर्मियों से कहा गया है कि वे लैंडलाइन फोन, सरकारी सामान्य उपयोगकर्ता समूह (सीयूजी) नंबरों या व्यक्तिगत मोबाइल नंबरों से प्राप्त कॉलों का तुरंत जवाब न दें और इसके बजाय 'विनम्रता से' कॉल करने वाले को सूचित करें कि मांगी गई जानकारी उच्च अधिकारियों से मंजूरी प्राप्त करने के बाद प्रदान की जाएगी.
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(पीटीआई-भाषा)