नई दिल्ली : भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंदा मोरागोडा ने गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की. उन्होंने श्रीलंका संकट पर उनसे मदद मांगी. उन्होंने कहा कि श्रीलंका को आर्थिक मदद हासिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के मदद की जरूरत है.
श्रीलंका के उच्चायुक्त ने भारत की मदद के लिए धन्यवाद भी किया. उच्चायुक्त ने कहा कि हमारा देश किस तरह से आर्थिक स्तर पर पुनर्जीवित हो सकता है, इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय मदद हासिल करने में भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है. भारत की ओर से इस मुद्दे पर सकारात्मक जवाब दिया गया है.
श्रीलंका में भारतीयों से पंजीकरण कराने का भारतीय उच्चायोग का परामर्श नियमित प्रक्रिया : मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग द्वारा वहां रहने वाले भारतीय नागरिकों से पंजीकरण कराने के परामर्श को समय समय पर जारी होने वाली एक ‘नियमित प्रक्रिया’ बताया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से भारतीय उच्चायोग द्वारा श्रीलंका में रहने वाले भारतीयों से पंजीकरण कराने संबंधी परामर्श के कारणों के बारे में पूछा गया था. उन्होंने कहा, ‘‘ यह नियमित प्रक्रिया है . सभी भारतीय दूतावास समय समय पर विदेशों में रहने वाले भारतीयों से ऐसा कहते हैं. इस बारे में याद दिलाया जाता है. यह (परामर्श) उसी संदर्भ में एक है.’’
बागची ने कहा कि उन्होंने इस बारे में भारतीय उच्चायोग से पता किया था और उन्हें बताया गया कि यह नियमित प्रक्रिया है जो समय समय पर की जाती है. गौरतलब है कि श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने बृहस्पतिवार को वहां रह रहे सभी भारतीय नागरिकों से दूतावास में पंजीकरण कराने के लिए कहा है. उच्चायोग ने परामर्श जारी करते हुए पंजीकरण के लिए वेबसाइट व फोन नंबर जारी किए हैं.
आपको बता दें कि श्रीलंका में चीजों की बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती को लेकर पिछले महीने से लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. 1948 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद से पहली बार श्रीलंका अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. यह संकट मुख्य रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पैदा हुआ है जिसके चलते देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा है.
पिछले सप्ताह श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन ने बेहद हिंसक रूप ले लिया था. श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट के बीच महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था . इसके बाद रानिल विक्रमसिंघे को नया प्रधानमंत्री बनाया गया.
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