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श्रीलंका संकट : विदेश मंत्री बोले- हमने दोस्ती निभाई, आज भी साथ देंगे - gotabaya rajpaksha

श्रीलंका के हालात पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत श्रीलंका का दोस्त रहा है और हम मदद करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम पड़ोसी प्रथम की नीति पर कायम हैं और संकट की इस घड़ी में पूरी मुस्तैदी से साथ उनके साथ खड़े हैं. कांग्रेस पार्टी ने भी कहा है कि वह इस समय श्रीलंका के साथ हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से जारी चिट्ठी में यह बात कही गई है.

External Affairs Minister S Jaishankar
विदेश मंत्री एस जयशंकर
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Published : Jul 10, 2022, 2:28 PM IST

Updated : Jul 10, 2022, 7:50 PM IST

तिरुवनंतपुरम : श्रीलंका में आर्थिक तंगी की वजह से बिगड़े हालात से लोगों का गुस्सा चरम पर है. वहां के लोगों ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास में आग लगा दी थी. गृह युद्ध के मुहाने पर खड़े देश श्रीलंका का दोस्त रहा भारत आज फिर उसके साथ खड़ा है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अभी श्रीलंकाई सरकार अपनी समस्‍याओं पर काम कर रही है. भारत सरकार की भी नजर है कि आगे क्‍या कुछ होता है. फिलहाल अभी शरणार्थी संकट जैसे हालात नहीं हैं. श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के सवाल पर जयशंकर ने कहा, 'वे अभी अपनी समस्याओं को कम करने के लिए कुछ कदम उठा रहे हैं. इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे क्या करते हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या कोई शरणार्थी संकट है, विदेश मंत्री ने कहा, 'फिलहाल अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है.' वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी कहा है कि वह इस गंभीर संकट के समय में श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ी है.

देखें वीडियो

विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा, 'हम श्रीलंका के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. भारत श्रीलंकाई लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है. वह उनकी उम्मीदों और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की उनकी प्रजातांत्रिक तरीकों और मूल्यों के साथ खड़ा है.' मंत्रालय ने कहा कि भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी देश है. बयान में आगे कहा गया, 'दोनों देशों के बीच दो सभ्यताओं का गहरा बंधन है. हम इस बात से वाकिफ हैं कि श्रीलंका अभी कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. हम उनके साथ इन चुनौतियों का सामना करने के लिए मुस्तैदी के साथ खड़े हैं.' मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा से पड़ोसी प्रथम की नीति का पालन करता रहा है. भारत ने श्रीलंका को इस साल 3.8 बिलियन डॉलर की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि कांग्रेस इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका और उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है. उन्होंने आशा जताई है कि वे इससे उबरने में सक्षम होंगे. साथ ही कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत-श्रीलंका के लोगों और सरकार की सहायता करना जारी रखेगा.

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श्रीलंका में भारत के हाई कमिश्नर की तरफ से बयान दिया गया है, 'इस विषम परिस्थिति में भी भारत अपनी दोस्ती का फर्ज निभाएगा और आज हम श्रीलंका की जनता के साथ खड़े हैं. आर्थिक तंगी और हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद भी अबतक दुनिया के किसी भी देश ने श्रीलंका की तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया है, वहां भारत ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए कहा है कि वो हरसंभव श्रीलंका को मदद करेगा.'

श्रीलंका में जारी विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस्तीफा देने को तैयार हैं. विदेश मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. अब कहा जा रहा है विक्रमसिंघे की कैबिनेट के सभी मंत्री एक-एक कर अपना इस्तीफा देंगे. उसके बाद 13 अगस्त को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपना इस्तीफा सौंपेंगे.

ये भी पढ़ें - श्रीलंका : सेना ने की शांति बनाए रखने की अपील, संसद अध्यक्ष बन सकते हैं कार्यवाहक राष्ट्रपति

तिरुवनंतपुरम : श्रीलंका में आर्थिक तंगी की वजह से बिगड़े हालात से लोगों का गुस्सा चरम पर है. वहां के लोगों ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास में आग लगा दी थी. गृह युद्ध के मुहाने पर खड़े देश श्रीलंका का दोस्त रहा भारत आज फिर उसके साथ खड़ा है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अभी श्रीलंकाई सरकार अपनी समस्‍याओं पर काम कर रही है. भारत सरकार की भी नजर है कि आगे क्‍या कुछ होता है. फिलहाल अभी शरणार्थी संकट जैसे हालात नहीं हैं. श्रीलंका में मौजूदा आर्थिक संकट के सवाल पर जयशंकर ने कहा, 'वे अभी अपनी समस्याओं को कम करने के लिए कुछ कदम उठा रहे हैं. इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि वे क्या करते हैं.' यह पूछे जाने पर कि क्या कोई शरणार्थी संकट है, विदेश मंत्री ने कहा, 'फिलहाल अभी कोई शरणार्थी संकट नहीं है.' वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी कहा है कि वह इस गंभीर संकट के समय में श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ी है.

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विदेश मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा, 'हम श्रीलंका के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. भारत श्रीलंकाई लोगों के साथ मजबूती से खड़ा है. वह उनकी उम्मीदों और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने की उनकी प्रजातांत्रिक तरीकों और मूल्यों के साथ खड़ा है.' मंत्रालय ने कहा कि भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी देश है. बयान में आगे कहा गया, 'दोनों देशों के बीच दो सभ्यताओं का गहरा बंधन है. हम इस बात से वाकिफ हैं कि श्रीलंका अभी कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहा है. हम उनके साथ इन चुनौतियों का सामना करने के लिए मुस्तैदी के साथ खड़े हैं.' मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा से पड़ोसी प्रथम की नीति का पालन करता रहा है. भारत ने श्रीलंका को इस साल 3.8 बिलियन डॉलर की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया है.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि कांग्रेस इस गंभीर संकट की घड़ी में श्रीलंका और उसके लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करती है. उन्होंने आशा जताई है कि वे इससे उबरने में सक्षम होंगे. साथ ही कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत-श्रीलंका के लोगों और सरकार की सहायता करना जारी रखेगा.

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श्रीलंका में भारत के हाई कमिश्नर की तरफ से बयान दिया गया है, 'इस विषम परिस्थिति में भी भारत अपनी दोस्ती का फर्ज निभाएगा और आज हम श्रीलंका की जनता के साथ खड़े हैं. आर्थिक तंगी और हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद भी अबतक दुनिया के किसी भी देश ने श्रीलंका की तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया है, वहां भारत ने अपना बड़ा दिल दिखाते हुए कहा है कि वो हरसंभव श्रीलंका को मदद करेगा.'

श्रीलंका में जारी विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे इस्तीफा देने को तैयार हैं. विदेश मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है. अब कहा जा रहा है विक्रमसिंघे की कैबिनेट के सभी मंत्री एक-एक कर अपना इस्तीफा देंगे. उसके बाद 13 अगस्त को राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपना इस्तीफा सौंपेंगे.

ये भी पढ़ें - श्रीलंका : सेना ने की शांति बनाए रखने की अपील, संसद अध्यक्ष बन सकते हैं कार्यवाहक राष्ट्रपति

Last Updated : Jul 10, 2022, 7:50 PM IST
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