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श्रीलंका में संकट : दाने-दाने को मोहताज महिलाएं सेक्स-वर्कर बनने को मजबूर - SUML

श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण लोग दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं. वहीं, महिलाएं जो कभी फैक्ट्रियों में काम कर अपने परिवार का पेट पालती थीं, अब सेक्स-वर्कर बनने को मजबूर हैं. ऐसी ही एक महिला ने अपनी मजबूरी बयां करते हुए बताया है कि कैसे वह सेक्स वर्कर बन गई. उसकी यह दास्तां हजारों अन्य श्रीलंकाई महिलाओं की तरह है, जो सेक्स वर्क में कूद गईं हैं. पढ़ें पूरी खबर...

श्रीलंका में संकट
श्रीलंका में संकट
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Published : Jul 30, 2022, 6:12 PM IST

कोलंबो : आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका के लाखों लोगों की जिंदगी मुश्किलों के दौर से गुजर रही है. वहीं, परिवार चलाने की मजबूरी ने हजारों महिलाओं को सेक्स वर्कर बनाने के लिए मजबूर कर दिया है. कोई महिला होटल तो कोई स्पा सेंटर तो कोई रिसॉर्ट्स में देह व्यापार में उतरकर पैसे कमा रहीं हैं. ऐसी महिलाओं में वे अधिकांश हैं, जो कपड़ा उद्योगों में अपनी नौकरी खो चुके हैं और अब अपनी आजीविका के लिए सेक्स वर्कर बनने को मजबूर हैं.

स्टैंड-अप मूवमेंट लंका (SUML) के अनुसार, महिलाओं के इस मजबूरी के कारण पिछले कुछ महीनों में वेश्यावृत्ति में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एसयूएमएल एक ऐसा समूह, जो सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए काम करता है. SUML का कहना है कि इनमें से कुछ महिलाएं स्पा और वेलनेस सेंटर में काम करती हैं. महिलाओं का कहना है कि उनके परिवार का पेट पालने के लिए यही एकमात्र तरीका है.

SUML की कार्यकारी निदेशक आशिला डांडेनिया ने बताया, "कपड़ा उद्योग में काम करने वाली महिलाएं आर्थिक संकट के कारण निकाल दिए जाने के बाद 'सेक्स वर्क' का सहारा ले रही हैं." उन्होंने कहा, "देश में मौजूदा संकट के कारण, हमने देखा है कि कई महिलाएं देह व्यापार को अपना रही हैं. उनमें से ज्यादातर कपड़ा उद्योग से हैं. कोविड के बाद, कपड़ा उद्योग प्रभावित हुए और कई नौकरियां छीन ली गईं. वर्तमान की स्थिति उन्हें सेक्स वर्कर बनने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे वे कुछ पैसे कमा सकें.

SUML के कार्यकारी निदेशक ने आगे कहा, "कई युवतियां जो यौनकर्मी बनीं, अपने साथी के साथ ही रहने लगीं. लेकिन संकट गहराने के कारण वही साथी युवती को छोड़कर चले गए. ऐसी युवतियों में से कई तो गर्भवती भी हैं. अब उन गर्भवती युवतियों की देखभाल हमारी जिम्मेदारी बन गई है. हमें सरकार से भी किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है."

ऐसी ही एक महिला ने अपनी मजबूरी बयां करते हुए बताया है कि कैसे वह सेक्स वर्कर बन गई. उसकी यह दास्तां हजारों अन्य श्रीलंकाई महिलाओं की तरह है, जो सेक्स वर्क में कूद गईं हैं. 21 वर्षीय रेहाना (बदला नाम) ने अपनी कहानी बयां की कि कैसे वह कपड़ा उद्योग के एक कर्मचारी से एक सेक्स वर्कर बन गई. रेहाना ने सात महीने पहले अपनी नौकरी खो दी थी और कई महीनों तक अपनी जरूरतों को जब पूरा नहीं कर पायीं, तो वह देह व्यापार को अपना ली.

उसने बताया, "पिछले साल दिसंबर में, मैं एक कपड़ा कारखाने से निकाली गई थी. फिर, मुझे दैनिक आधार पर एक और नौकरी मिल गई. कभी-कभी, जब मेरी जरूरत पड़ती थी, तब मैं वहां जाकर काम करती थी. लेकिन मुझे इसके लिए पैसे नहीं मिले, क्योंकि मैं वहां नियमित नौकरी नहीं करती थी. ऐसे में मेरे लिए अपना और अपने परिवार की जरूरतों का ख्याल रखना मुश्किल हो गया. इसके बाद, एक स्पा मालिक ने मुझसे संपर्क किया और मैंने मौजूदा संकट के कारण एक सेक्स वर्कर के रूप में काम करने का फैसला किया. हालांकि, मैं यह काम नहीं करना चाहती थी, लेकिन मुझे अपने परिवार का पेट भी पालना था, जिसकी वजह से मैं मजबूर हुई इस धंधे को अपनाने के लिए.

42 वर्षीय रोजी (बदला नाम) उन लोगों में से एक है जो सेक्स वर्कर बनीं. रोजी सात साल की बच्ची की मां और तलाकशुदा हैं. उसे अपनी बेटी की शिक्षा और घर का किराया भरने के लिए पैसों की जरूरत थी. रोजी ने बताया, "श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण आय का स्रोत ही खत्म हो गया. मेरे परिवार की घरेलू जरूरतों के लिए पैसे कम पड़ने लगे. इसलिए मैंने इस धंधे को चुना. मैं एक किराये के घर में दुकान चलाती हूं और मुझे इसका किराया भी समय पर चुकाना पड़ता है. यह कहानी केवल मेरी अकेली की नहीं, बल्कि ऐसी समस्याओं के कारण अब कई महिलाएं वेश्याएं बनने को मजबूर हैं.

यह भी माना जाता है कि सेक्स वर्कर बनने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि जो लड़कियां और महिलाएं महीने में 20,000 से 30,000 एलकेआर कमाती थीं, अब उनकी कमायी इस धंधे की वजह से एक दिन में लगभग 15,000-20,000 एलकेआर हो गई है.

कोलंबो : आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका के लाखों लोगों की जिंदगी मुश्किलों के दौर से गुजर रही है. वहीं, परिवार चलाने की मजबूरी ने हजारों महिलाओं को सेक्स वर्कर बनाने के लिए मजबूर कर दिया है. कोई महिला होटल तो कोई स्पा सेंटर तो कोई रिसॉर्ट्स में देह व्यापार में उतरकर पैसे कमा रहीं हैं. ऐसी महिलाओं में वे अधिकांश हैं, जो कपड़ा उद्योगों में अपनी नौकरी खो चुके हैं और अब अपनी आजीविका के लिए सेक्स वर्कर बनने को मजबूर हैं.

स्टैंड-अप मूवमेंट लंका (SUML) के अनुसार, महिलाओं के इस मजबूरी के कारण पिछले कुछ महीनों में वेश्यावृत्ति में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एसयूएमएल एक ऐसा समूह, जो सेक्स वर्कर्स के अधिकारों के लिए काम करता है. SUML का कहना है कि इनमें से कुछ महिलाएं स्पा और वेलनेस सेंटर में काम करती हैं. महिलाओं का कहना है कि उनके परिवार का पेट पालने के लिए यही एकमात्र तरीका है.

SUML की कार्यकारी निदेशक आशिला डांडेनिया ने बताया, "कपड़ा उद्योग में काम करने वाली महिलाएं आर्थिक संकट के कारण निकाल दिए जाने के बाद 'सेक्स वर्क' का सहारा ले रही हैं." उन्होंने कहा, "देश में मौजूदा संकट के कारण, हमने देखा है कि कई महिलाएं देह व्यापार को अपना रही हैं. उनमें से ज्यादातर कपड़ा उद्योग से हैं. कोविड के बाद, कपड़ा उद्योग प्रभावित हुए और कई नौकरियां छीन ली गईं. वर्तमान की स्थिति उन्हें सेक्स वर्कर बनने के लिए मजबूर कर रही है, जिससे वे कुछ पैसे कमा सकें.

SUML के कार्यकारी निदेशक ने आगे कहा, "कई युवतियां जो यौनकर्मी बनीं, अपने साथी के साथ ही रहने लगीं. लेकिन संकट गहराने के कारण वही साथी युवती को छोड़कर चले गए. ऐसी युवतियों में से कई तो गर्भवती भी हैं. अब उन गर्भवती युवतियों की देखभाल हमारी जिम्मेदारी बन गई है. हमें सरकार से भी किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है."

ऐसी ही एक महिला ने अपनी मजबूरी बयां करते हुए बताया है कि कैसे वह सेक्स वर्कर बन गई. उसकी यह दास्तां हजारों अन्य श्रीलंकाई महिलाओं की तरह है, जो सेक्स वर्क में कूद गईं हैं. 21 वर्षीय रेहाना (बदला नाम) ने अपनी कहानी बयां की कि कैसे वह कपड़ा उद्योग के एक कर्मचारी से एक सेक्स वर्कर बन गई. रेहाना ने सात महीने पहले अपनी नौकरी खो दी थी और कई महीनों तक अपनी जरूरतों को जब पूरा नहीं कर पायीं, तो वह देह व्यापार को अपना ली.

उसने बताया, "पिछले साल दिसंबर में, मैं एक कपड़ा कारखाने से निकाली गई थी. फिर, मुझे दैनिक आधार पर एक और नौकरी मिल गई. कभी-कभी, जब मेरी जरूरत पड़ती थी, तब मैं वहां जाकर काम करती थी. लेकिन मुझे इसके लिए पैसे नहीं मिले, क्योंकि मैं वहां नियमित नौकरी नहीं करती थी. ऐसे में मेरे लिए अपना और अपने परिवार की जरूरतों का ख्याल रखना मुश्किल हो गया. इसके बाद, एक स्पा मालिक ने मुझसे संपर्क किया और मैंने मौजूदा संकट के कारण एक सेक्स वर्कर के रूप में काम करने का फैसला किया. हालांकि, मैं यह काम नहीं करना चाहती थी, लेकिन मुझे अपने परिवार का पेट भी पालना था, जिसकी वजह से मैं मजबूर हुई इस धंधे को अपनाने के लिए.

42 वर्षीय रोजी (बदला नाम) उन लोगों में से एक है जो सेक्स वर्कर बनीं. रोजी सात साल की बच्ची की मां और तलाकशुदा हैं. उसे अपनी बेटी की शिक्षा और घर का किराया भरने के लिए पैसों की जरूरत थी. रोजी ने बताया, "श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण आय का स्रोत ही खत्म हो गया. मेरे परिवार की घरेलू जरूरतों के लिए पैसे कम पड़ने लगे. इसलिए मैंने इस धंधे को चुना. मैं एक किराये के घर में दुकान चलाती हूं और मुझे इसका किराया भी समय पर चुकाना पड़ता है. यह कहानी केवल मेरी अकेली की नहीं, बल्कि ऐसी समस्याओं के कारण अब कई महिलाएं वेश्याएं बनने को मजबूर हैं.

यह भी माना जाता है कि सेक्स वर्कर बनने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि जो लड़कियां और महिलाएं महीने में 20,000 से 30,000 एलकेआर कमाती थीं, अब उनकी कमायी इस धंधे की वजह से एक दिन में लगभग 15,000-20,000 एलकेआर हो गई है.

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