बेंगलुरु: कर्नाटक में बेंगलुरु की सिटी क्राइम ब्रांच पुलिस ने तीन श्रीलंकाई नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जो बिना वीजा के अवैध रूप से नाव से भारत पहुंचे और फिर बेंगलुरु आ गए. पुलिस ने गुरुवार को बताया कि जय परमेश (42), एक हिस्ट्रीशीटर जिसने उनके रहने की व्यवस्था की थी. पुलिस ने श्रीलंकाई नागरिक कासन कुमार सनाका (36), अमिला नुवान (36), और रंगा प्रसाद (36) क गिरफ्तार किया है.
बिना वीजा पासपोर्ट के नाव से भारतीय सीमा में प्रवेश करने वाले श्रीलंकाई नागरिक तमिलनाडु के सेलम से बेंगलुरु पहुंचे थे. सीसीबी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि हिस्ट्रीशीटर के घर पर छापा मारकर इन चारों लोगों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस के अनुसार, 20 दिन पहले भारत में घुसपैठ करने वाले श्रीलंकाई नागरिक येलहंका पुलिस स्टेशन के तहत बगलुरु क्रॉस के पास एक अपार्टमेंट में रह रहे थे.
इन तीनों के खिलाफ श्रीलंका में सिलसिलेवार हत्या का मामला है और सीसीबी की प्रारंभिक जांच के दौरान आरोपियों ने अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि का खुलासा किया. कसान कुमार के खिलाफ चार हत्या के मामले, अमिला नुवान के खिलाफ पांच हत्या के मामले और रंगप्रसाद के खिलाफ दो हत्या और दो हमले के मामले दर्ज हैं. सीसीबी की छापेमारी के दौरान 13 मोबाइल फोन, श्रीलंकाई पते वाले विजिटिंग कार्ड, बस टिकट, पेपर कटिंग और कई लोगों के आधार और वोटर आईडी की ज़ेरॉक्स कॉपी मिलीं.
पुलिस ने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि क्या आरोपियों ने बेंगलुरु में कोई गैरकानूनी कृत्य करने की साजिश रची थी. फिलहाल सीसीबी पुलिस हिस्ट्रीशीटर जय परमेश और तीन श्रीलंकाई नागरिकों से पूछताछ कर रही है. इस बात ने पुलिस की जांच को थोड़ा कठिन बना दिया है कि ये सभी श्रीलंका निवासी सिंहली भाषा बोलते हैं और उन्हें हिंदी व अंग्रेजी समझ नहीं आती है.
यहां तक कि हिस्ट्रीशीटर जय परमेश भी सिंहली भाषा नहीं बोलता. हालांकि, यह पता चला है कि जय परमेश, जो एक तीसरे पक्ष (व्यक्ति) की मदद से तीनों को सलेम से लाया था और उन्हें बेंगलुरु में आश्रय दिया था. पुलिस ने बताया कि फिलहाल वह तीसरा व्यक्ति फोन बंद करके फरार है और सीसीबी पुलिस ने उसका पता लगाने का प्रयास कर रही है. गिरफ्तार किए गए श्रीलंकाई नागरिकों को लेकर येलहंका थाने में मामला दर्ज किया गया है.