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SpiceJet Credit Suisse case : SC ने स्पाइसजेट के सीएमडी को तिहाड़ जेल भेजने की दी चेतावनी

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By PTI

Published : Sep 12, 2023, 10:53 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने स्पाइसजेट के सीएमडी को तिहाड़ जेल भेजने की चेतावनी दी है. स्पाइसजेट क्रेडिट सुइस मामले (SpiceJet Credit Suisse case) में सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा कि शर्तों का पालन करना होगा. जानिए क्या है पूरा मामला.

sc
सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अजय सिंह के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है. शीर्ष कोर्ट ने चेतावनी दी है कि वैश्विक निवेश बैंक और वित्तीय सेवाएं फर्म क्रेडिट सुइस एजी को भुगतान करने के उसके आदेश का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में उन्हें (सिंह को) तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा (SpiceJet Credit Suisse case).

न्यायालय ने भुगतान नहीं किए गए 10 लाख अमेरिकी डॉलर के साथ 5,00,000 अमेरिकी डॉलर की एक किस्त का भुगतान स्वीस कंपनी को करने का सिंह को आदेश दिया है.

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसनुद्दीन अमानउल्ला की पीठ ने कहा, 'हमें अगला कठोर कदम उठाना पड़ेगा. यदि आप बंद भी हो जाएं तो हमें चिंता नहीं है.'

'तिहाड़ जेल भेज देंगे' : 'समय व्यर्थ करने' से नाराज पीठ ने सिंह से कहा कि उन्हें सहमति की शर्तों का पालन करना होगा और चेतावनी दी, 'यदि आप मर भी जाएं, तो हमें परवाह नहीं है. हद हो गई. यदि आपने भुगतान नहीं किया तो हम आपको तिहाड़ जेल भेज देंगे.'

न्यायालय ने सोमवार को यह अप्रसन्नता उस वक्त जताई, जब उसने सिंह और स्पाइसजेट के कंपनी सचिव से सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने और भुगतान करने को कहा. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर के लिए निर्धारित कर दी.

स्विस कंपनी के अनुसार, स्पाइसजेट ने विमान के इंजन, मॉड्यूल, कलपुर्जों और इसके हिस्सों के रखरखाव व मरम्मत के लिए एसआर टेक्निक्स, स्विट्जरलैंड की सेवाएं ली थीं. यह एयरलाइन के संचालन के लिए अनिवार्य था. ऐसी सेवाओं के लिए स्पाइसजेट और एसआर टेक्निक्स के बीच 24 नवंबर, 2011 को 10 साल के लिए एक समझौता हुआ था। भुगतान की शर्तों पर भी सहमति बनी थी.

एसआर टेक्निक्स ने क्रेडिट सुइस को इन सेवाओं के लिए भुगतान प्राप्त करने का अधिकार दिया था. न्यायालय ने 25 जुलाई को स्पाइसजेट को दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति की शर्तों के अनुसार क्रेडिट सुइस को भुगतान करने के लिए अतिरिक्त समय दिया था.

न्यायालय स्विस फर्म की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उसके (न्यायालय के) आदेशों की 'जानबूझकर अवज्ञा' करने और दोनों पक्षों के बीच समझौते की शर्तों के अनुसार बकाया रकम का भुगतान करने में विफल रहने को लेकर सिंह और स्पाइसजेट के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है.

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(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अजय सिंह के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है. शीर्ष कोर्ट ने चेतावनी दी है कि वैश्विक निवेश बैंक और वित्तीय सेवाएं फर्म क्रेडिट सुइस एजी को भुगतान करने के उसके आदेश का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में उन्हें (सिंह को) तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा (SpiceJet Credit Suisse case).

न्यायालय ने भुगतान नहीं किए गए 10 लाख अमेरिकी डॉलर के साथ 5,00,000 अमेरिकी डॉलर की एक किस्त का भुगतान स्वीस कंपनी को करने का सिंह को आदेश दिया है.

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसनुद्दीन अमानउल्ला की पीठ ने कहा, 'हमें अगला कठोर कदम उठाना पड़ेगा. यदि आप बंद भी हो जाएं तो हमें चिंता नहीं है.'

'तिहाड़ जेल भेज देंगे' : 'समय व्यर्थ करने' से नाराज पीठ ने सिंह से कहा कि उन्हें सहमति की शर्तों का पालन करना होगा और चेतावनी दी, 'यदि आप मर भी जाएं, तो हमें परवाह नहीं है. हद हो गई. यदि आपने भुगतान नहीं किया तो हम आपको तिहाड़ जेल भेज देंगे.'

न्यायालय ने सोमवार को यह अप्रसन्नता उस वक्त जताई, जब उसने सिंह और स्पाइसजेट के कंपनी सचिव से सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने और भुगतान करने को कहा. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर के लिए निर्धारित कर दी.

स्विस कंपनी के अनुसार, स्पाइसजेट ने विमान के इंजन, मॉड्यूल, कलपुर्जों और इसके हिस्सों के रखरखाव व मरम्मत के लिए एसआर टेक्निक्स, स्विट्जरलैंड की सेवाएं ली थीं. यह एयरलाइन के संचालन के लिए अनिवार्य था. ऐसी सेवाओं के लिए स्पाइसजेट और एसआर टेक्निक्स के बीच 24 नवंबर, 2011 को 10 साल के लिए एक समझौता हुआ था। भुगतान की शर्तों पर भी सहमति बनी थी.

एसआर टेक्निक्स ने क्रेडिट सुइस को इन सेवाओं के लिए भुगतान प्राप्त करने का अधिकार दिया था. न्यायालय ने 25 जुलाई को स्पाइसजेट को दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति की शर्तों के अनुसार क्रेडिट सुइस को भुगतान करने के लिए अतिरिक्त समय दिया था.

न्यायालय स्विस फर्म की याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उसके (न्यायालय के) आदेशों की 'जानबूझकर अवज्ञा' करने और दोनों पक्षों के बीच समझौते की शर्तों के अनुसार बकाया रकम का भुगतान करने में विफल रहने को लेकर सिंह और स्पाइसजेट के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है.

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