रायपुर : कांग्रेस अधिवेशन के बाद दूसरी बार प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ आईं. इस बार जगदलपुर में भरोसे के सम्मेलन में प्रियंका ने आदिवासियों को साधा. मंच पर प्रियंका के साथ सीएम भूपेश और प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा भी मौजूद रहीं. अपने भाषण में प्रियंका ने हर बार कांग्रेस सरकार में हुए कामों और महिलाओं के लिए किए जा रहे कामों को ही जगह दी.
बस्तर को बताया ब्रांड : अपने भाषण में प्रियंका ने बताने की कोशिश की कि वो बस्तर में भले ही ज्यादा बार ना आई हों लेकिन उनके लिए बस्तर नया नहीं है. प्रियंका ने कहा कि बस्तर की कहानियों, आपकी संस्कृति, आपके संघर्ष के बारे में मैं सबकुछ जानती हूं. मेरे घर के सदस्यों ने आपकी संस्कृति, संघर्षों और चुनौतियों को जाना है. आज बस्तर एक ब्रांड बन गया है. सरकार की मदद के साथ आदिवासियों की आमदनी बढ़ रही है. प्रकृति का सम्मान करने के लिए मेरी दादी इंदिरा गांधी आप आदिवासी भाई बहनों का बहुत सम्मान करती थीं." प्रियंका ने भरोसा बनाए रखने की बात भी कही.'
आदिवासियों को साधने की कोशिश : प्रियंका ने अपने भाषण के जरिए आदिवासियों सहित सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है. जिस तरह से प्रियंका गांधी पिछले कुछ समय से छत्तीसगढ़ में सक्रिय नजर आ रही है. छत्तीसगढ़ की योजनाएं और अन्य बातों को दूसरे राज्यों में साझा कर रही है.उससे कहीं ना कहीं ये लगने लगा है कि आगामी चुनाव में प्रियंका एक बड़े किरदार में नजर आएंगी. राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा भी है कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ा जा सकता है.
सीएम भूपेश ने प्रियंका को बताया राष्ट्रीय नेता : इस बारे में सीएम भूपेश ने कहा कि ''अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी दी है. प्रियंका गांधी हमारी राष्ट्रीय नेता हैं. हर जगह वे जा रही हैं. सब जगह उनकी डिमांड है. लोग उनको सुनना चाहते हैं. मिलना चाहते हैं तो प्रियंका जी सभी जगह जा रही है.'' सीएम भूपेश की बातों ने इस ओर इशारा किया है कि यदि छत्तीसगढ़ में प्रियंका का फेस होगा तो उन्हें किसी तरह का कोई आश्चर्य नहीं होगा.
प्रियंका को कमान देने की बात पर जवाब देने बचती रही बीजेपी: प्रियंका गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात के सवाल पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने जवाब देने से कन्नी काट ली .उन्होंने कहा कि ''ये सवाल यहां के कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री से पूछना चाहिए. मैं इसका जवाब नहीं दे पाऊंगा.''
प्रियंका से कांग्रेस को होगा फायदा : वहीं राजनीतिक के जानकारों का कहना है कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाए ये जरुरी नहीं. फिर भी यदि प्रियंका को कमान दी जाती है तो प्रदेश में कांग्रेस को लाभ ही होगा. वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध की मानें तो ''छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश अध्यक्ष सहित तमाम ऐसे नेता हैं, जो वर्तमान में मजबूत स्थिति में हैं. ऐसे में नहीं लगता कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की वर्तमान स्थिति को देखते हुए और राष्ट्रीय नेता की जरूरत पड़ेगी.''
बीजेपी के पास नहीं है फेस : वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध ने कहा कि ''बीजेपी के पास अब तक चुनाव के लिए अपना कोई चेहरा नहीं है. बीजेपी विधानसभा चुनाव मोदी के चेहरे पर ही लड़ेगी. ऐसे में छत्तीसगढ़ में वर्तमान में कांग्रेस के भूपेश बघेल का चेहरा सामने है. इसलिए ज्यादा मजबूत कांग्रेस है ना कि बीजेपी.''
गुटबाजी का नहीं पड़ेगा असर : वरिष्ठ पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध ने माना कि ''कांग्रेस छत्तीसगढ़ में मजबूत है. वहीं पार्टी के अंदर गुटबाजी से इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन ऐसी तस्वीर हर पार्टी में देखने को मिलती है. चाहे टीएस सिंहदेव का मामला हो, मोहन मरकाम का हो या अन्य कोई. ये एक स्वाभाविक प्रक्रिया है. जो बड़े राजनीतिक दल होते हैं, उनमें इस तरह की गुटबाजी, तनातनी चलती है. मुझे नहीं लगता कि इस गुटबाजी का कोई ज्यादा प्रभाव चुनाव में पड़ेगा.''