वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी को अपने अलग-अलग अंदाज से दुनिया भर में जाना जाता है. यहां पर विश्व प्रसिद्ध घाट हैं, जो देश-विदेश के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा बनारसी पान, बनारसी साड़ी, बनारसी चाट, दही लस्सी भी विश्व विख्यात है. आज हम आपको बनारस के सुप्रसिद्ध गुलाबों के बारे में बताएंगे, जो राष्ट्रपति भवन को अपनी मनमोहक खुशबू से सुगंधित किए रहता है. देश के कोने-कोने में यहां के गुलाब की खूब मांग रहती है.
संसार नर्सरी गुलाब के लिए पूर्वांचल का सबसे बड़ा केंद्र
वाराणसी के मंडुआडीह स्थित संसार नर्सरी गुलाब के पौधों के लिए पूर्वांचल का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. यहां के गुलाब की खुशबू राष्ट्रपति भवन, पीएम आवास से लेकर राजभवन तक को सुगंधित करती है. संसार नर्सरी में मौजूदा समय में 100 से अधिक किस्म के गुलाब हैं. ये गुलाब राष्ट्रपति के मुगल गार्डन, रोज गार्डन आदि जगहों पर सजाने के काम आते हैं. यहां पर कई स्पेशल गुलाब के पौधे भी मिलते हैं. इसके अलावा विभिन्न प्रकार के फूल भी मिलते हैं, जिसका ज्यादा इस्तेमाल शादी समारोहों में किया जाता है.
संसार नर्सरी के मालिक दिनेश कुमार मौर्य ने बताया कि नर्सरी से पौधे पूरे देश में जाते हैं. इसमें से प्रमुख दिल्ली, बॉम्बे, कोलकाता, जोधपुर, नागपुर, गुजरात, एमपी, आगरा एवं लखनऊ सहित अन्य शहर शामिल हैं. मौर्य ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में जो मुगल गार्डन है, वहां स्पेसिफिक और सेलेटिक्स वैरायटी के गुलाब भेजे गए हैं. इसके अलावा बुद्धा गार्डेन, कैकटिक्स गार्डेन और रोज गार्डेन के लिए भी गुलाब के पौधे गए हैं.
6 साल पहले पीएम आवास पर भेजे गए थे पौधे
मौर्य ने आगे बताया कि नर्सरी से फिलहाल उप राष्ट्रपति भवन कैंपस के लिए पौधे गए हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली में बने समाधि स्थल पर भी हमारे यहां से ही पौधे जाते हैं. मौर्य के मुताबिक, पीएम आवास पर पौधे गए लगभग 6 साल हो गए. जब भी वहां गुलाब के पौधों की जरूरत होती है, यहीं से जाता है.
पढ़ें- हिमाचल के सेब कारोबार पर कोरोना और खराब मौसम की दोहरी मार
जम्मू-कश्मीर में गुलाब की डिमांड ज्यादा
मौर्य ने बताया कि हमारे यहां जो जलवायु मिट्टी है, उसके कारण 100 से अधिक किस्म के गुलाब के पौधे हो जाते हैं. इन्हें पूरे देश में भेजा जाता है. ये गुलाब वाराणसी की अपेक्षा जम्मू-कश्मीर में आकार में और बड़े खिलते हैं. इसलिए जम्मू-कश्मीर में गुलाब की डिमांड ज्यादा है.