नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने के बाद अपने पद पर फिर से बहाल किए गए विशेष सचिव (सतर्कता) वाईवीवीजे राजशेखर एक्शन मोड में आ गए हैं. दोबारा पदभार संभालने के चार दिन के अंदर ही राजशेखर ने वर्तमान में सबसे चर्चित मामले यानी कि मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंप दी है.
राजभवन सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्यमंत्री आवास के नवीनीकरण पर 52 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च आया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से सेवा के संबंध में अपने पक्ष में फैसला आने के बाद दिल्ली सरकार ने राजशेखर को अपने पद से हटा दिया था. उनसे सभी कामकाज वापस ले लिए थे. दिल्ली सरकार ने उनका ऑफिस भी सील कर दिया था. लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने के बाद 22 मई को राजशेखर को अपने पद पर फिर से बहाल किया गया. कई महत्वपूर्ण मामलों के साथ ही राजशेखर सीएम हाउस नवीनीकरण घोटाले की भी जांच कर रहे हैं.
आवास के नवीनीकरण पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च
दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट द्वारा एलजी को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, सीएम के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर 52.71 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी द्वारा उपलब्ध कराए गए रिकॉर्ड के आधार पर तैयार की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 52.71 करोड़ रुपये में से 33.49 करोड़ रुपए घर के नवीनीकरण पर और 19.22 करोड़ रुपये सीएम के एक कैंप कार्यालय पर खर्च किए गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2020 में तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री ने सीएम आवास को बेहतर बनाने के लिए उसमें एक अतिरिक्त ड्राइंग रूम, दो मीटिंग रूम और एक 24 लोगों की क्षमता का डाइनिंग रूम बनाने का प्रस्ताव दिया था. वहीं, पीडब्ल्यूडी ने 6 फ्लैग रोड स्थित सीएम आवास को इस आधार पर गिराने का प्रस्ताव दिया था कि वह वर्ष 1942-43 में बना था और उसकी मियाद 1997 को पूरी हो चुकी है.
टेंडर में में नहीं था नए घर के निर्माण का जिक्र
राजभवन सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि पीडब्ल्यूडी ने सीएम आवास के नवीनीकरण पर 15 से 20 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान लगाया था. इसमें करीब 8 करोड़ रुपये का पहला टेंडर वर्ष 2020 को दिया गया था. हालांकि इसमें नए घर के निर्माण का जिक्र नहीं था. मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अप्रैल में मुख्य सचिव नरेश कुमार को सभी संबंधित फाइलों को सुरक्षित रखने का आदेश देते हुए एक तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी. विशेष सचिव (सतर्कता) वाईवीवीजे राजशेखर इस मामले की जांच कर रहे हैं.
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