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Amarnath yatra: अमरनाथ यात्रा, आतंकी खतरों से निपटने के लिए जवानों को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण

जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान स्टिकी बम जैसे आतंकी हमले से निपटने के लिए सीआरपीएफ के जवानों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है.

special training for CRPF amarnath yatra
अमरनाथ यात्रा, आतंकी खतरों से निपटने के लिए सीआरपीएफ को दिया जा रहा विशेष प्रशिक्षण
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Published : Apr 29, 2023, 1:29 PM IST

श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों से श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर सीआरपीएफ के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जवानों को स्टिकी बमों (चिपचिपा विस्फोटक ) और ड्रोन के खतरों से निपटने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. वहीं, इस बार यात्रा के दौरान तैनात किए जाने वाले जवानों की संख्या में 20-30 फीसदी की बढ़ोतरी भी संभवना है. इसके अतिरिक्त, तकनीकी बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा सकता है. यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए पर्याप्त तैयारी की जाएगी.

सूत्रों का कहना है कि इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए अकेले सीआरपीएफ के 15 से 20 हजार जवानों को तैनात किया जा सकता है. हालांकि, गृह मंत्रालय ने अभी तक सीआरपीएफ के लिए तैनाती का आदेश जारी नहीं किया है. हालाँकि, यह अनुमान लगाया गया है कि इस यात्रा में विशेष जवानों की तैनाती होगी. हाल ही की एक चुनौती ड्रोन और स्टिकी बमों की रही है. स्टिकी बमों को लेकर सीआरपीएफ के जवान इसे निष्क्रिय करने को लेकर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक जम्मू के भगवती नगर स्थित बेस कैंप पर इस बार पूरी तरह से ड्रोन से निगरानी की जाएगी. ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए कैंप में ड्रोन रोधी तकनीक भी रखी जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि जम्मू हवाईअड्डा हाल ही में ड्रोन हमले का निशाना बना था. हवाई दूरी की दृष्टि से भगवती नगर आधार शिविर सीमा से बमुश्किल 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है.

सीआरपीएफ ने अनुरोध किया है कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि भगवती नगर से तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले वाहन आवश्यक उपकरणों से लैस हों. वाहनों का पूरी तरह से निरीक्षण करने के बाद ही यात्राओं की अनुमति दी जानी चाहिए. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए. सीआरपीएफ ने आगे अनुरोध किया है कि भगवती नगर में जवानों के ठहरने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए.

ये भी पढ़ें- Jammu-Kashmir News: सोपोर में पुलिस व सुरक्षाबल ने आतंकियों के एक सहयोगी को किया गिरफ्तार

ईटीवी भारत के साथ फोन पर बातचीत में सीआरपीएफ के प्रवक्ता शिवनंदन ने कहा कि प्रशासन को सैनिकों के आवास और तीर्थयात्रियों के परिवहन के लिए विशेष वाहनों का प्रावधान करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा, आतंकवादी हमलों के खतरे से निपटने के लिए जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अन्य तैयारियां भी की जा रही हैं. उन्होंने आगे कहा, 'इस बार यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. संभव है कि पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक जवानों को तैनात किया जा सकता है. हालांकि, गृह मंत्रालय ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि कितने जवान तैनात किए जाएंगे.'

श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकियों से श्रद्धालुओं को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर सीआरपीएफ के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जवानों को स्टिकी बमों (चिपचिपा विस्फोटक ) और ड्रोन के खतरों से निपटने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है. वहीं, इस बार यात्रा के दौरान तैनात किए जाने वाले जवानों की संख्या में 20-30 फीसदी की बढ़ोतरी भी संभवना है. इसके अतिरिक्त, तकनीकी बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा सकता है. यात्रा के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए पर्याप्त तैयारी की जाएगी.

सूत्रों का कहना है कि इस बार अमरनाथ यात्रा के लिए अकेले सीआरपीएफ के 15 से 20 हजार जवानों को तैनात किया जा सकता है. हालांकि, गृह मंत्रालय ने अभी तक सीआरपीएफ के लिए तैनाती का आदेश जारी नहीं किया है. हालाँकि, यह अनुमान लगाया गया है कि इस यात्रा में विशेष जवानों की तैनाती होगी. हाल ही की एक चुनौती ड्रोन और स्टिकी बमों की रही है. स्टिकी बमों को लेकर सीआरपीएफ के जवान इसे निष्क्रिय करने को लेकर विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक जम्मू के भगवती नगर स्थित बेस कैंप पर इस बार पूरी तरह से ड्रोन से निगरानी की जाएगी. ड्रोन हमलों का मुकाबला करने के लिए कैंप में ड्रोन रोधी तकनीक भी रखी जाएगी. दिलचस्प बात यह है कि जम्मू हवाईअड्डा हाल ही में ड्रोन हमले का निशाना बना था. हवाई दूरी की दृष्टि से भगवती नगर आधार शिविर सीमा से बमुश्किल 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर है.

सीआरपीएफ ने अनुरोध किया है कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि भगवती नगर से तीर्थयात्रियों को ले जाने वाले वाहन आवश्यक उपकरणों से लैस हों. वाहनों का पूरी तरह से निरीक्षण करने के बाद ही यात्राओं की अनुमति दी जानी चाहिए. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ऐसा किया जाना चाहिए. सीआरपीएफ ने आगे अनुरोध किया है कि भगवती नगर में जवानों के ठहरने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए.

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ईटीवी भारत के साथ फोन पर बातचीत में सीआरपीएफ के प्रवक्ता शिवनंदन ने कहा कि प्रशासन को सैनिकों के आवास और तीर्थयात्रियों के परिवहन के लिए विशेष वाहनों का प्रावधान करने के लिए कहा गया है. इसके अलावा, आतंकवादी हमलों के खतरे से निपटने के लिए जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अन्य तैयारियां भी की जा रही हैं. उन्होंने आगे कहा, 'इस बार यात्रा में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. संभव है कि पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक जवानों को तैनात किया जा सकता है. हालांकि, गृह मंत्रालय ने अभी तक यह खुलासा नहीं किया है कि कितने जवान तैनात किए जाएंगे.'

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