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गुड़िया के गुनहगार पर आज कोर्ट सुना सकता है निर्णायक फैसला

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Published : Apr 16, 2021, 9:57 AM IST

शिमला की एक अदालत में गुड़िया के गुनहगार का केस अंतिम फैसले के लिए लगा है. आज शिमला की विशेष अदालत इस मामले में कोई निर्णायक फैसला सुना सकता है.

गुड़िया के गुनहगार का फैसला आज
गुड़िया के गुनहगार का फैसला आज

शिमला : हिमाचल के लिए दुख और पीड़ा से भरे गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में विशेष अदालत अपना फैसला सुना सकता है. सीबीआई ने गुड़िया के गुनहगार अनिल उर्फ नीलू चरानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

जुलाई 2017 में कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था

सीबीआई का दावा है कि अनिल के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं, जिन्हें वैज्ञानिक कसौटी पर भी कसा गया है. सीबीआई को भरोसा है कि अदालत इन सबूतों की रोशनी में सख्त फैसला देगी. गुड़िया के साथ जुलाई 2017 में ऊपरी शिमला के कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पहले इस मामले की जांच हिमाचल पुलिस ने की थी. पुलिस ने कुछ लोगों को शक के आधार पर राडार पर लिया और फिर अचानक से प्रेस वार्ता कर अपनी पीठ थपथपाई कि उसने केस सुलझा लिया है. हिमाचल पुलिस का भांडा जल्द ही फूट गया, जब एक कथित आरोपी सूरज की हवालात में मौत हो गई.

पढ़ें : किशोरी के साथ पति, देवर और ननदोई ने किया दुष्कर्म, केस दर्ज

गुड़िया के परिजन सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं

उसके बाद जनता का आक्रोश फूटा और हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की सीबीआई जांच के आदेश जारी किए गए. सीबीआई ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच शुरू की और काफी मशक्कत के बाद मुख्य आरोपी तक पहुंची. हालांकि गुड़िया के परिजन सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि आरोपी एक से अधिक थे.

फिलहाल, सीबीआई ने मामले में जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की और शिमला की विशेष अदालत में गवाहों के बयान दर्ज होने लगे. अब बहस के बाद सुनवाई पूरी हो चुकी है और ये केस अंतिम फैसले के लिए 16 अप्रैल को सुनवाई को लगा है.

शिमला : हिमाचल के लिए दुख और पीड़ा से भरे गुड़िया दुष्कर्म व हत्या मामले में विशेष अदालत अपना फैसला सुना सकता है. सीबीआई ने गुड़िया के गुनहगार अनिल उर्फ नीलू चरानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.

जुलाई 2017 में कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था

सीबीआई का दावा है कि अनिल के खिलाफ पुख्ता सुबूत हैं, जिन्हें वैज्ञानिक कसौटी पर भी कसा गया है. सीबीआई को भरोसा है कि अदालत इन सबूतों की रोशनी में सख्त फैसला देगी. गुड़िया के साथ जुलाई 2017 में ऊपरी शिमला के कोटखाई के दांदी जंगल में दुष्कर्म हुआ था. दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. पहले इस मामले की जांच हिमाचल पुलिस ने की थी. पुलिस ने कुछ लोगों को शक के आधार पर राडार पर लिया और फिर अचानक से प्रेस वार्ता कर अपनी पीठ थपथपाई कि उसने केस सुलझा लिया है. हिमाचल पुलिस का भांडा जल्द ही फूट गया, जब एक कथित आरोपी सूरज की हवालात में मौत हो गई.

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गुड़िया के परिजन सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं

उसके बाद जनता का आक्रोश फूटा और हाईकोर्ट के निर्देश पर मामले की सीबीआई जांच के आदेश जारी किए गए. सीबीआई ने हाईकोर्ट की निगरानी में जांच शुरू की और काफी मशक्कत के बाद मुख्य आरोपी तक पहुंची. हालांकि गुड़िया के परिजन सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं और उनका कहना है कि आरोपी एक से अधिक थे.

फिलहाल, सीबीआई ने मामले में जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की और शिमला की विशेष अदालत में गवाहों के बयान दर्ज होने लगे. अब बहस के बाद सुनवाई पूरी हो चुकी है और ये केस अंतिम फैसले के लिए 16 अप्रैल को सुनवाई को लगा है.

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