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स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी को संसदीय प्रक्रिया का पाठ पढ़ाया - LS Speaker Om birla

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (congress leader rahul gandhi) ने सदन के अध्यक्ष के अधिकार पर कब्जा करने की कोशिश की तो लोक सभा स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी को संसद के कार्य संचालन का पाठ पढ़ाया और पूछा आप कौन हो किसी सदस्य को अनुमति देने वाले.

राहुल गांधी
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Published : Feb 3, 2022, 1:19 PM IST

Updated : Feb 3, 2022, 2:13 PM IST

हैदराबाद : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 9LS Speaker Om birla) ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस (LS Speaker Om birla reminds rahul gandhi about chair right) के दौरान उचित संसदीय प्रक्रिया का पालन नहीं करने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को स्कूली शिक्षा दी. हुआ यूं कि राहुल गांधी द्वारा एक अन्य सांसद को बोलने की अनुमति देने के बाद, अध्यक्ष ने पूछा 'यह अनुमति देने वाले आप कौन हैं? आप अनुमति नहीं दे सकते, यह मेरा अधिकार है,' ओम बिरला ने आगे कहा, 'आपके पास है किसी को अनुमति देने का अधिकार नहीं है, केवल कुर्सी को अनुमति देने का अधिकार है.

ओम बिरला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तब फटकार लगाई जब गांधी अपनी टिप्पणी देते हुए रुक गए और कुछ कहने का प्रयास कर रहे भाजपा सांसद कमलेश पासवान को इशारा करते हुए बोले, मैं एक लोकतांत्रिक व्यक्ति हूं और मैं दूसरे व्यक्ति को बोलने की अनुमति देता हूं". राहुल गांधी की इस बात से लोकसभा स्पीकर चिढ़ गए. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस नेता को यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया कि, "'भारत पर एक साम्राज्य के रूप में शासन नहीं किया जा सकता,.. राजा किसी की नहीं सुनता.

राहुल गांधी ने कमलेश पासवान का नाम भी लिया और कहा कि दलित भाजपा सांसद गलत पार्टी में हैं. वायनाड के सांसद ने कहा, आप किसी की नहीं सुनते, यहां तक ​​कि भाजपा में मेरे प्यारे भाई और बहन की भी नहीं. मैंने आज अपने दलित सहयोगी पासवान जी को बोलते हुए देखा. वह दलितों का इतिहास जानते हैं. वह जानते हैं कि 3,000 वर्षों से दलितों पर किसने अत्याचार किया है, लेकिन वह झिझक के साथ बोल रहा हैं. वह बोल रहा हैं.. मुझे उन पर गर्व है. मुझे इस सज्जन पर गर्व है. उसने मुझसे बात की है और अपने दिल की बात कही, लेकिन वह गलत पार्टी में है। चिंता मत करिए...घबराइए मत."

इस पर हंगामा हुआ और कमलेश पासवान विरोध में बोलने के लिए खड़े हो गए और उन्होंने अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया कि उन्हें केवल अध्यक्ष ही हिंदी में बोलने की अनुमति दें. आप किसी को इजाजत नहीं दे सकते हैं, ये अधिकार मेरा हैं" (आप किसी को अनुमति नहीं दे सकते, यह मेरा अधिकार है), अध्यक्ष ने राहुल गांधी को संसदीय प्रक्रिया की याद दिलाया.

इसके साथ ही पासवान ने कांग्रेस नेता पर भी पलटवार करते हुए कहा, राहुल ने कहा कि मैं (कमलेश पासवान) गलत पार्टी में हूं. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि राहुल गांधी के बांसगांव के सांसद होने के बाद आज मैं अपनी पार्टी के कारण ही बोल पा रहा हूं. मेरी पार्टी ने मुझे तीन बार सांसद बनाया. इससे ज्यादा और क्या चाहिए मुझे ?" इस बीच, राहुल गांधी को बहस में उनकी टिप्पणी के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के कई राजनेताओं ने इस पर बोलने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया.

पढ़ें : budget session day four : राज्य सभा की कार्यवाही, मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उठे सवाल

इसी मुद्दे पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, राहुल गांधी, जो असम के नेताओं की उपस्थिति में कुत्तों को बिस्कुट खिलाना पसंद करते हैं और फिर उन्हें वही बिस्कुट देते हैं, उन्हें राजनीतिक शालीनता के बारे में बात करने वाले अंतिम व्यक्ति होने चाहिए. आलाकमान मानसिकता आईएनसी की है- 'बी ऑल एंड एंड ऑल' (be all and end all). भारत के लोग इसे अच्छी तरह जानते हैं."

हैदराबाद : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 9LS Speaker Om birla) ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस (LS Speaker Om birla reminds rahul gandhi about chair right) के दौरान उचित संसदीय प्रक्रिया का पालन नहीं करने के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को स्कूली शिक्षा दी. हुआ यूं कि राहुल गांधी द्वारा एक अन्य सांसद को बोलने की अनुमति देने के बाद, अध्यक्ष ने पूछा 'यह अनुमति देने वाले आप कौन हैं? आप अनुमति नहीं दे सकते, यह मेरा अधिकार है,' ओम बिरला ने आगे कहा, 'आपके पास है किसी को अनुमति देने का अधिकार नहीं है, केवल कुर्सी को अनुमति देने का अधिकार है.

ओम बिरला ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को तब फटकार लगाई जब गांधी अपनी टिप्पणी देते हुए रुक गए और कुछ कहने का प्रयास कर रहे भाजपा सांसद कमलेश पासवान को इशारा करते हुए बोले, मैं एक लोकतांत्रिक व्यक्ति हूं और मैं दूसरे व्यक्ति को बोलने की अनुमति देता हूं". राहुल गांधी की इस बात से लोकसभा स्पीकर चिढ़ गए. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस नेता को यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया कि, "'भारत पर एक साम्राज्य के रूप में शासन नहीं किया जा सकता,.. राजा किसी की नहीं सुनता.

राहुल गांधी ने कमलेश पासवान का नाम भी लिया और कहा कि दलित भाजपा सांसद गलत पार्टी में हैं. वायनाड के सांसद ने कहा, आप किसी की नहीं सुनते, यहां तक ​​कि भाजपा में मेरे प्यारे भाई और बहन की भी नहीं. मैंने आज अपने दलित सहयोगी पासवान जी को बोलते हुए देखा. वह दलितों का इतिहास जानते हैं. वह जानते हैं कि 3,000 वर्षों से दलितों पर किसने अत्याचार किया है, लेकिन वह झिझक के साथ बोल रहा हैं. वह बोल रहा हैं.. मुझे उन पर गर्व है. मुझे इस सज्जन पर गर्व है. उसने मुझसे बात की है और अपने दिल की बात कही, लेकिन वह गलत पार्टी में है। चिंता मत करिए...घबराइए मत."

इस पर हंगामा हुआ और कमलेश पासवान विरोध में बोलने के लिए खड़े हो गए और उन्होंने अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया कि उन्हें केवल अध्यक्ष ही हिंदी में बोलने की अनुमति दें. आप किसी को इजाजत नहीं दे सकते हैं, ये अधिकार मेरा हैं" (आप किसी को अनुमति नहीं दे सकते, यह मेरा अधिकार है), अध्यक्ष ने राहुल गांधी को संसदीय प्रक्रिया की याद दिलाया.

इसके साथ ही पासवान ने कांग्रेस नेता पर भी पलटवार करते हुए कहा, राहुल ने कहा कि मैं (कमलेश पासवान) गलत पार्टी में हूं. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि राहुल गांधी के बांसगांव के सांसद होने के बाद आज मैं अपनी पार्टी के कारण ही बोल पा रहा हूं. मेरी पार्टी ने मुझे तीन बार सांसद बनाया. इससे ज्यादा और क्या चाहिए मुझे ?" इस बीच, राहुल गांधी को बहस में उनकी टिप्पणी के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के कई राजनेताओं ने इस पर बोलने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया.

पढ़ें : budget session day four : राज्य सभा की कार्यवाही, मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उठे सवाल

इसी मुद्दे पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया, राहुल गांधी, जो असम के नेताओं की उपस्थिति में कुत्तों को बिस्कुट खिलाना पसंद करते हैं और फिर उन्हें वही बिस्कुट देते हैं, उन्हें राजनीतिक शालीनता के बारे में बात करने वाले अंतिम व्यक्ति होने चाहिए. आलाकमान मानसिकता आईएनसी की है- 'बी ऑल एंड एंड ऑल' (be all and end all). भारत के लोग इसे अच्छी तरह जानते हैं."

Last Updated : Feb 3, 2022, 2:13 PM IST
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