लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये देने का वादा किया है. अखिलेश यादव ने बुधवार को ट्वीट कर कर कहा कि किसान का जीवन अनमोल होता है, क्योंकि वो 'अन्य' के जीवन के लिए 'अन्न' उगाता है. ऐसे में हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार के आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की 'किसान शहादत सम्मान राशि' दी जाएगी.
तीन कृषि कानूनों की वापसी (withdrawal of three agricultural laws) का ऐलान किए जाने के बाद से किसान आंदोलन में मरने वाले किसानों को मुआवजे की मांग की जा रही है. कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कानून वापसी के बाद पीएम मोदी को पत्र लिखकर कई मांग की थी. इसमें कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन के दौरान मरने वाले किसानों के परिवार के लिए मुआवजे की मांग भी शामिल है.
-
किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी। #किसान
">किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2021
हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी। #किसानकिसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 24, 2021
हम वचन देते हैं कि 2022 में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख की ‘किसान शहादत सम्मान राशि’ दी जाएगी। #किसान
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) के मुताबिक एक साल से ज्यादा चले किसान आंदोलन के दौरान करीब 700 किसान शहीद हुए हैं. उनके परिवारों को मुआवजा देने और पुनर्वास का इंतज़ाम किया जाए. इसके अलावा शहीद किसानों की स्मृति में शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधू बॉर्डर पर जमीन की व्यवस्था की जाए.
संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान (जून 2020 से अब तक) सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है. इन केसों को वापस लिया जाना चाहिए.
वहीं, कृषि कानून की वापसी के बाद अखिलेश यादव ने किसान बहुल पश्चिम यूपी में अपनी सियासी पकड़ बनाए रखने के लिए आरएलडी के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया है. साथ ही अब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ सुर में सुर मिलाते हुए आंदोलन के दौरान मरने वाले किसान परिवारों को 25-25 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है. इतना ही नहीं किसानों के मुआवजे के लिए 'किसान शहादत सम्मान राशि' नाम रखा है.
पढ़ेंः कैबिनेट बैठक में कृषि बिल वापसी को मंजूरी, राकेश टिकैत ने दिया बड़ा बयान