मुरादाबाद: सपा नेता आजम खान सोमवार को 313 के तहत बयान दर्ज कराने मुरादाबाद की MP MLA कोर्ट पहुंचे. 2008 में वाहन चेकिंग के दौरान सड़क जाम करने के मामले में आजम खान इस मुकदमे में आरोपी है. मुरादाबाद के थाना छजलैट के आगे हरिद्वार मुरादाबाद स्टेट हाइवे पर जाम लगाया गया था. न्यायालय ने 20 फरवरी को मामले की सुनवाई की अगली तारीख तय की है. वहीं, कोर्ट के बाहर मीडिया के सवालों पर उन्होंने चुप्पी साधे रखी.
कोर्ट से बाहर निकलने के बाद जब आजम खान से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के वर्ण व्यवस्था को लेकर पंडितों वाले बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने मूक बधिर व्यक्तियों की तरह कान में उंगली लगाकर इशारा किया कि सुनाई नहीं दिया. पत्रकारों के हर सवाल के जवाब में वह इशारों में न बोलते रहे.
जब समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर सवाल किया गया तो उन्होंने अपने मुंह पर अंगुली रखकर खुद से कुछ न बोलने का इशारा किया. सारे सवालों के जवाब मूक बधिर व्यक्तियों की तरह दिए. उनके इस अंदाज की चर्चा होती रही. चर्चा हुई कि आखिर आजम खान अब बयान देने से क्यों बच रहे हैं. अक्सर भाजपा सरकार और जिला प्रशासन को लेकर दिए गए उनके बयान चर्चा का विषय बनते रहे हैं. सोमवार को मुरादाबाद की कोर्ट में हाजिर होने के बाद आजम खान ने जिस तरह से पत्रकारों के सवालों से किनारा काटा उससे माना जा रहा है कि वह 'साइलेंट' रहना ही बेहतर समझ रहे हैं. अचानक आजम खान के इस रुख में आए बदलाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. कोई कह रहा है कि वह दबाव में है तो कोई कह रहा है कि वह अब बयानों से किनारा कर खुद को सुरक्षित रखने में ही भलाई समझ रहे हैं. आखिर आजम खान की ये चुप्पी कब टूटेगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा?
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