लखनऊ : दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री 'सुह वूक' तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं. सुह वूक शनिवार को आगरा पहुंचे. आगरा में दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के सामने भारतीय सेना के जवानों ने पैरा ड्रॉपिंग का प्रदर्शन किया.
सुह वूक भारतीय सेना के पैराट्रूपर्स के हैरतअंगेज कारनामा देखकर अचंभित हो गए. जवानों ने आसमान से 10 हजार फीट से छलांग लगाई. हवा में ही पैराट्रूपर्स ने कलाबाजियां दिखाईं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ की बैठक
बता दें कि नई दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा करने के लिए दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक इस समय भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. दोनों पक्षों ने शुक्रवार की शाम को वार्ता की थी. दोनों पक्षों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने की बात हुई.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सुह वूक ने संयुक्त रूप से शुक्रवार को दिल्ली छावनी में एक समारोह में भारत-कोरिया मैत्री पार्क का उद्घाटन किया था. यह पार्क दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों का प्रतीक है और कोरियाई युद्ध के दौरान भारतीय सेना के चिकित्सा मिशन के योगदान को दर्शाता है.
आधे घंटे चली द्विपक्षीय बैठक
आगरा में दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक और उनके साथ आए प्रतिनिधि मंडल का स्वागत सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने किया. यहां पर द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई. सेना के जवानों ने 'मुकाबला फ्रीफॉल' और 'स्टैटिक लाइन जंप' का प्रदर्शन किया. सुह वूक की भारत यात्रा के उपलक्ष्य में आयोजित यह कार्यक्रम करीब आधा घंटे तक चला.
सैनिकों ने किया प्रदर्शन
आगरा में प्रदर्शन के दौरान 105 सैनिकों के साथ कुल 650 सैनिक मौजूद रहे, जिसमें 25 पैराट्रूपर्स भी शामिल थे. सैनिकों ने दस हजार फीट की ऊंचाई पर एक विमान से पैरा जंपिंग की. प्रदर्शन के पूरा होने पर कोरिया गणराज्य के मिनिस्टर ऑफ नेशनल डिफेंस सुह वूक ने परिचालन तत्परता के उच्च मानकों के रखरखाव के लिए पैराशूट ब्रिगेड की सराहना की.
गौरवशाली इतिहास जाना
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वूक को पैराशूट ब्रिगेड की परिचालन क्षमताओं के बारे में जानकारी दी गई. सैनिकों ने उपकरणों का पैराड्रॉप किया. सुह वूक ने 60 पैराशूट फील्ड अस्पताल का भी दौरा किया, जो सन 1950 और 1953 तक दक्षिण कोरिया में संयुक्त राष्ट्र संघ की तैनाती का हिस्सा था.
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कोरियाई युद्ध में एयरबोर्न ऑपरेशंस में कार्यरत होने के अलावा, इस यूनिट ने 1947-1948 में और 1965 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में भी भाग लिया था. इसे 1971 में बांग्लादेश में दो पैराशूट बटालियन समूह के साथ लड़ाई में पैराशूटिंग और 1988 में मालदीव में ऑपरेशन कैक्टस लिली में भाग लेने का अनूठा गौरव है.