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Chandrayaan-3 : द अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने चंद्रयान-3 की सफलता की प्रशंसा की

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोला ने मिडरैंड में सांस्कृतिक प्रस्तुति और राजकीय भोज के लिए आमंत्रित नेताओं के सामने भारत के चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंंडिंग की प्रशंसा की. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, इसरो और भारतीय लोगों को बधाई भी दी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 1:00 PM IST

sucess of chandrayan 3
siril ramasofa

जोहान्सबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए भारत की प्रशंसा की और कहा कि यह ब्रिक्स के सभी साझेदार देशों के लिए खुशी की बात है. रामफोसा ने बुधवार को शाम को ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए मिडरैंड में सांस्कृतिक प्रस्तुति और राजकीय भोज की मेजबानी की. इस दौरान रामफोसा के स्वागत संबोधन का मुख्य बिंदु चंद्रयान मिशन था.

भोज में रामफोसा ने कहा, "आज की रात एक ऐसी रात है जब हमारे पास ब्रिक्स भागीदारों के रूप में जश्न मनाने का और भी अधिक कारण है. आज दोपहर से कुछ घंटे पहले भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक चंद्र मॉड्यूल उतारकर इतिहास रच दिया और ऐसा करने वाला वह पहला देश बन गया." उन्होंने कहा, "हम चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत सरकार और वहां के लोगों तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई देते हैं." रामफोसा ने कहा कि वैज्ञानिक प्रयासों की सीमाओं को आगे बढ़ाना मानव प्रगति का अभिन्न अंग है.

इस अवसर पर वहां अफ्रीका और 'ग्लोबल साउथ' के अन्य नेता भी उपस्थित थे, जिन्हें गुरुवार को दिन भर के 'ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच' और 'ब्रिक्स प्लस डायलॉग' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.रामफोसा ने नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों को दोहराते हुए कहा, "हम एक ऐसे महल में हैं जिसका कोई अंत नहीं है, लेकिन हम पहुंच चुके हैं. इसकी खोज करके और इसके साथ अपने संबंधों का विस्तार करके, हम इसे और अधिक अपना बना रहे हैं."

पढ़ें : BRICS Banquet Dinner: विश्व नेताओं ने Chandrayaan-3 की सफलता पर पीएम मोदी को दी बधाई

राष्ट्रपति ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने आज दोपहर हमारे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रस्ताव रखा कि ब्रिक्स को एक अंतरिक्ष अन्वेषण आयोग स्थापित करना चाहिए, जहां ब्रिक्स देशों के रूप में हम ज्ञान और अनुभव साझा कर सकते हैं. जिस दुनिया में हम रहते हैं उसके बारे में हम जितना अधिक जानेंगे, उससे हमें इसमें आगे और सुधार करने और मानवीय स्थिति को ऊपर उठाने की हमारी क्षमता उतनी ही अधिक बढ़ेगी."

मोदी दक्षिण अफ्रीका और यूनान की चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे जहां वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22 से 24 अगस्त तक आयोजित हो रहे ब्रिक्स नेताओं के 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. यह साल 2019 के बाद ब्रिक्स नेताओं का पहला आमने-सामने का शिखर सम्मेलन है. ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

जोहान्सबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के लिए भारत की प्रशंसा की और कहा कि यह ब्रिक्स के सभी साझेदार देशों के लिए खुशी की बात है. रामफोसा ने बुधवार को शाम को ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए मिडरैंड में सांस्कृतिक प्रस्तुति और राजकीय भोज की मेजबानी की. इस दौरान रामफोसा के स्वागत संबोधन का मुख्य बिंदु चंद्रयान मिशन था.

भोज में रामफोसा ने कहा, "आज की रात एक ऐसी रात है जब हमारे पास ब्रिक्स भागीदारों के रूप में जश्न मनाने का और भी अधिक कारण है. आज दोपहर से कुछ घंटे पहले भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक चंद्र मॉड्यूल उतारकर इतिहास रच दिया और ऐसा करने वाला वह पहला देश बन गया." उन्होंने कहा, "हम चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारत सरकार और वहां के लोगों तथा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) को बधाई देते हैं." रामफोसा ने कहा कि वैज्ञानिक प्रयासों की सीमाओं को आगे बढ़ाना मानव प्रगति का अभिन्न अंग है.

इस अवसर पर वहां अफ्रीका और 'ग्लोबल साउथ' के अन्य नेता भी उपस्थित थे, जिन्हें गुरुवार को दिन भर के 'ब्रिक्स-अफ्रीका आउटरीच' और 'ब्रिक्स प्लस डायलॉग' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.रामफोसा ने नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों को दोहराते हुए कहा, "हम एक ऐसे महल में हैं जिसका कोई अंत नहीं है, लेकिन हम पहुंच चुके हैं. इसकी खोज करके और इसके साथ अपने संबंधों का विस्तार करके, हम इसे और अधिक अपना बना रहे हैं."

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राष्ट्रपति ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने आज दोपहर हमारे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रस्ताव रखा कि ब्रिक्स को एक अंतरिक्ष अन्वेषण आयोग स्थापित करना चाहिए, जहां ब्रिक्स देशों के रूप में हम ज्ञान और अनुभव साझा कर सकते हैं. जिस दुनिया में हम रहते हैं उसके बारे में हम जितना अधिक जानेंगे, उससे हमें इसमें आगे और सुधार करने और मानवीय स्थिति को ऊपर उठाने की हमारी क्षमता उतनी ही अधिक बढ़ेगी."

मोदी दक्षिण अफ्रीका और यूनान की चार दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को जोहानिसबर्ग पहुंचे जहां वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति माटामेला सिरिल रामफोसा के निमंत्रण पर 22 से 24 अगस्त तक आयोजित हो रहे ब्रिक्स नेताओं के 15वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. यह साल 2019 के बाद ब्रिक्स नेताओं का पहला आमने-सामने का शिखर सम्मेलन है. ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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