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सोनोवाल या हिमंत, कौन होगा असम का अगला मुख्यमंत्री

भाजपा-एजीपी गठबंधन ने 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 74 सीटों पर जीत हासिल की है. अब जनता के मन में सवाल है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?. सर्बानंद सोनोवाल बने रहेंगे या नेतृत्व में बदलाव होगा.

सोनोवाल या हिमंत
सोनोवाल या हिमंत
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Published : May 3, 2021, 9:46 PM IST

गुवाहाटी : असम विधानसभा चुनाव 2021 में भारतीय जनता पार्टी ने फिर बाजी मारी है. अब लोगों के मन में सवाल ये उठ रहा है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? क्या वर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल अपने पद पर बने रहेंगे या भगवा पार्टी राज्य के नेतृत्व में बदलाव करने जा रही.

हर कोई उत्सुकता से भाजपा के संसदीय बोर्ड द्वारा लिए जाने वाले निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है. हालांकि, भगवा गठबंधन की शानदार जीत के एक दिन बाद भाजपा और असम गण परिषद (एजीपी) के अधिकांश नव निर्वाचित विधायक स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के आधिकारिक आवास दिसपुर में एकत्र हुए.

यद्यपि यह उम्मीद की जा रही थी कि भगवा गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री से मिलेंगे. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि असम में नेतृत्व में बदलाव हो सकता है.

असम के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक बैजयंत जय पांडा सोमवार सुबह स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के घर भी गए. यद्यपि भाजपा के वरिष्ठ नेता यह कहते रहे हैं कि पार्टी का संसदीय बोर्ड इस संबंध में निर्णय लेगा, लेकिन भगवा पार्टी द्वारा अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया.

हालांकि भाजपा ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया है लेकिन यह तो साफ है कि असम में दो सत्ता लॉबी थीं, एक मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और दूसरी जिसका नेतृत्व स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कर रहे थे.

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि सर्बानंद सोनोवाल ने असम में पार्टी का नेतृत्व किया लेकिन सरमा ने असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में कमल खिलने में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

सोनोवाल या हिमंत किसको जिम्मेदारी मिलेगी, इसको लेकर भगवा पार्टी के फैसले का इंतजार करना पड़ेगा. यह निश्चित है कि दिल्ली में भगवा नेतृत्व इस पर मंथन कर रहा होगा.

गठबंधन को मिली हैं 74 सीटें

भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नीत राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 74 सीटों पर जीत हासिल करके राज्य में अपनी पकड़ बनाए रखी, जबकि विपक्षी कांग्रेस नीत महागठबंधन 50 सीट ही हासिल कर पाई.

निर्वाचन आयोग के अनुसार, भाजपा ने 2016 की तरह इस बार भी अकेले 60 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि उसकी सहयोगी असम गण परिषद (अगप) को नौ सीटों पर जीत मिली, जो उसे पिछले चुनाव में उसे मिली सीट से पांच कम हैं.

विजेता गठबंधन के तीसरे सदस्य यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने छह सीट जीतीं. ये सभी सीटें उसने बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) से जीतीं.

पढ़ें- इस शख्स की बदौलत मिली बीजेपी को असम में जीत

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कांग्रेस नेता राजिब लोचन पेगू को 43,192 मतों के अंतर से हराकर माजुली में लगातार दूसरी बार जीत हासिल की. वरिष्ठ मंत्री एवं भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस के रोमेन चंद्र बोरठाकुर को 1,01,911 मतों के अंतर से हराकर जालुकबारी सीट पर कब्जा बरकरार रखा है.

गुवाहाटी : असम विधानसभा चुनाव 2021 में भारतीय जनता पार्टी ने फिर बाजी मारी है. अब लोगों के मन में सवाल ये उठ रहा है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? क्या वर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल अपने पद पर बने रहेंगे या भगवा पार्टी राज्य के नेतृत्व में बदलाव करने जा रही.

हर कोई उत्सुकता से भाजपा के संसदीय बोर्ड द्वारा लिए जाने वाले निर्णय की प्रतीक्षा कर रहा है. हालांकि, भगवा गठबंधन की शानदार जीत के एक दिन बाद भाजपा और असम गण परिषद (एजीपी) के अधिकांश नव निर्वाचित विधायक स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के आधिकारिक आवास दिसपुर में एकत्र हुए.

यद्यपि यह उम्मीद की जा रही थी कि भगवा गठबंधन के नवनिर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री से मिलेंगे. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि असम में नेतृत्व में बदलाव हो सकता है.

असम के लिए भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक बैजयंत जय पांडा सोमवार सुबह स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के घर भी गए. यद्यपि भाजपा के वरिष्ठ नेता यह कहते रहे हैं कि पार्टी का संसदीय बोर्ड इस संबंध में निर्णय लेगा, लेकिन भगवा पार्टी द्वारा अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया.

हालांकि भाजपा ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया है लेकिन यह तो साफ है कि असम में दो सत्ता लॉबी थीं, एक मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और दूसरी जिसका नेतृत्व स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा कर रहे थे.

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि सर्बानंद सोनोवाल ने असम में पार्टी का नेतृत्व किया लेकिन सरमा ने असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में कमल खिलने में प्रमुख भूमिका निभाई थी.

सोनोवाल या हिमंत किसको जिम्मेदारी मिलेगी, इसको लेकर भगवा पार्टी के फैसले का इंतजार करना पड़ेगा. यह निश्चित है कि दिल्ली में भगवा नेतृत्व इस पर मंथन कर रहा होगा.

गठबंधन को मिली हैं 74 सीटें

भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नीत राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) ने 126 सदस्यीय असम विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 74 सीटों पर जीत हासिल करके राज्य में अपनी पकड़ बनाए रखी, जबकि विपक्षी कांग्रेस नीत महागठबंधन 50 सीट ही हासिल कर पाई.

निर्वाचन आयोग के अनुसार, भाजपा ने 2016 की तरह इस बार भी अकेले 60 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि उसकी सहयोगी असम गण परिषद (अगप) को नौ सीटों पर जीत मिली, जो उसे पिछले चुनाव में उसे मिली सीट से पांच कम हैं.

विजेता गठबंधन के तीसरे सदस्य यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) ने छह सीट जीतीं. ये सभी सीटें उसने बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) से जीतीं.

पढ़ें- इस शख्स की बदौलत मिली बीजेपी को असम में जीत

मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कांग्रेस नेता राजिब लोचन पेगू को 43,192 मतों के अंतर से हराकर माजुली में लगातार दूसरी बार जीत हासिल की. वरिष्ठ मंत्री एवं भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस के रोमेन चंद्र बोरठाकुर को 1,01,911 मतों के अंतर से हराकर जालुकबारी सीट पर कब्जा बरकरार रखा है.

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