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Sonia Telangana Rally : कार्यक्रम स्थल पर सीमित क्षमता को लेकर कांग्रेस ने साधा निशाना, कहा- 'बीआरएस और भाजपा मिले हुए हैं' - कांग्रेस पार्टी न्यूज

कांग्रेस 17 सितंबर को तेलंगाना में बड़ी रैली करने जा रही है. पार्टी का आरोप है कि बीआरएस और भाजपा आपस में मिले हुए हैं और वह रैली को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Sonia Telangana rally
पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2023, 3:22 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को कहा कि बीआरएस और भाजपा आपस में मिले हुए हैं. वह पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से डरते हैं, जिन्होंने तेलंगाना राज्य का निर्माण किया.

तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने ईटीवी भारत से कहा कि 'बीआरएस और भाजपा आपस में मिले हुए हैं. वे सोनिया गांधी से डरते हैं, जिन्होंने तेलंगाना राज्य बनाया. इसलिए, वे 17 सितंबर को उनकी रैली को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, कांग्रेस इस बात से नाराज है कि राज्य सरकार ने सबसे पुरानी पार्टी को 17 सितंबर की रैली (Sonia Telangana rally) में लोगों की संख्या केवल 10,000 तक सीमित करने के लिए कहा था, जबकि पार्टी आसपास के इलाकों से लगभग 10 लाख लोगों को जुटाने की योजना बना रही थी. यह रैली कांग्रेस के लिए दो कारणों से महत्वपूर्ण है.

सबसे पहले, मतदाताओं को यह याद दिलाना कि वह सोनिया गांधी ही थीं जिन्होंने 2013 में आंध्र प्रदेश से अलग राज्य बनाने को हरी झंडी दी थी. दूसरा, 17 सितंबर को चुनावी राज्य में शक्ति का एक बड़ा प्रदर्शन करना और इसके बाद 18 सितंबर को पूरे तेलंगाना में एक अभूतपूर्व अभियान चलाना.

तेलंगाना कांग्रेस अभियान समिति के प्रमुख मधु गौड़ याशकी ने बताया, 'मतदाता जानते हैं कि सोनिया गांधी ने तेलंगाना बनाया. वह 17 सितंबर को लोगों को संबोधित करने आ रही हैं, यही वह दिन है जब 1948 में तत्कालीन हैदराबाद राज्य का भारत संघ में विलय हुआ था. यह रैली उस दिन का जश्न मनाने के लिए है.'

उन्होंने कहा कि 'वह मतदाताओं से राज्य के भविष्य के लिए सोच-समझकर वोट करने की अपील करेंगी.' संयोग से, 17 सितंबर बीआरएस और भाजपा के बीच प्रतिस्पर्धी राष्ट्रवाद का अवसर भी बन गया है. जहां बीआरएस 17 सितंबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाएगी, वहीं भाजपा इसे मुक्ति दिवस के रूप में मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगी.

'लोग अपने आप आएंगे' : गौड़ ने कहा कि 'वे दोनों इस साल पहली बार ऐसा कर रहे हैं. यह कांग्रेस के डर को दर्शाता है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने शुरू में सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में नियोजित हमारी रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया क्योंकि कार्यक्रम स्थल पर बड़ी भीड़ जमा हो सकती थी. बाद में, हैदराबाद के पास तुक्कुगुडा के किसानों ने बड़ी रैली के लिए हमें जमीन की पेशकश की. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि राज्य सरकार अब इस आयोजन में बाधाएं पैदा कर रही है. हमें व्यक्तियों की संख्या 10,000 तक सीमित करने के लिए कहने के अलावा, उन्होंने कई प्रतिबंध भी लगाए हैं. लेकिन लोग अपने आप आ जाएंगे.'

उन्होंने कहा कि 'हमने ऐसे अभियान की योजना बनाई है जो पहले कभी नहीं देखा गया.' सोनिया गांधी के अलावा, मेगा रैली को पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, मौजूदा पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी संबोधित करेंगे. शीर्ष नेतृत्व का समर्थन करने के लिए पूरी कांग्रेस कार्य समिति और राज्य के वरिष्ठ नेता मंच पर होंगे.

गौड़ ने कहा कि 'एक दिन पहले, पुनर्गठित सीडब्ल्यूसी मतदाताओं को कड़ा संदेश देने के लिए 16 सितंबर को हैदराबाद में अपनी पहली बैठक करेगी. 17 सितंबर को सोनिया गांधी राज्य के लोगों के लिए पांच गारंटी जारी करेंगी. उसी शाम एआईसीसी और राज्य के शीर्ष नेता सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा करेंगे और वहां रात्रि विश्राम करेंगे. 18 सितंबर को, वे संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में घूमेंगे और बीआरएस सरकार के खिलाफ पांच गारंटियों और एक आरोप-पत्र वाले पंपलेट वितरित करेंगे.

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राहुल ने तेलंगाना कांग्रेस से कहा- एकजुट होकर बीआरएस सरकार के खिलाफ आगे बढ़ें

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तेलंगाना के एआईसीसी प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने ईटीवी भारत से कहा कि 'बीआरएस और भाजपा आपस में मिले हुए हैं. वे सोनिया गांधी से डरते हैं, जिन्होंने तेलंगाना राज्य बनाया. इसलिए, वे 17 सितंबर को उनकी रैली को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा, कांग्रेस इस बात से नाराज है कि राज्य सरकार ने सबसे पुरानी पार्टी को 17 सितंबर की रैली (Sonia Telangana rally) में लोगों की संख्या केवल 10,000 तक सीमित करने के लिए कहा था, जबकि पार्टी आसपास के इलाकों से लगभग 10 लाख लोगों को जुटाने की योजना बना रही थी. यह रैली कांग्रेस के लिए दो कारणों से महत्वपूर्ण है.

सबसे पहले, मतदाताओं को यह याद दिलाना कि वह सोनिया गांधी ही थीं जिन्होंने 2013 में आंध्र प्रदेश से अलग राज्य बनाने को हरी झंडी दी थी. दूसरा, 17 सितंबर को चुनावी राज्य में शक्ति का एक बड़ा प्रदर्शन करना और इसके बाद 18 सितंबर को पूरे तेलंगाना में एक अभूतपूर्व अभियान चलाना.

तेलंगाना कांग्रेस अभियान समिति के प्रमुख मधु गौड़ याशकी ने बताया, 'मतदाता जानते हैं कि सोनिया गांधी ने तेलंगाना बनाया. वह 17 सितंबर को लोगों को संबोधित करने आ रही हैं, यही वह दिन है जब 1948 में तत्कालीन हैदराबाद राज्य का भारत संघ में विलय हुआ था. यह रैली उस दिन का जश्न मनाने के लिए है.'

उन्होंने कहा कि 'वह मतदाताओं से राज्य के भविष्य के लिए सोच-समझकर वोट करने की अपील करेंगी.' संयोग से, 17 सितंबर बीआरएस और भाजपा के बीच प्रतिस्पर्धी राष्ट्रवाद का अवसर भी बन गया है. जहां बीआरएस 17 सितंबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाएगी, वहीं भाजपा इसे मुक्ति दिवस के रूप में मनाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगी.

'लोग अपने आप आएंगे' : गौड़ ने कहा कि 'वे दोनों इस साल पहली बार ऐसा कर रहे हैं. यह कांग्रेस के डर को दर्शाता है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने शुरू में सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में नियोजित हमारी रैली की अनुमति देने से इनकार कर दिया क्योंकि कार्यक्रम स्थल पर बड़ी भीड़ जमा हो सकती थी. बाद में, हैदराबाद के पास तुक्कुगुडा के किसानों ने बड़ी रैली के लिए हमें जमीन की पेशकश की. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि राज्य सरकार अब इस आयोजन में बाधाएं पैदा कर रही है. हमें व्यक्तियों की संख्या 10,000 तक सीमित करने के लिए कहने के अलावा, उन्होंने कई प्रतिबंध भी लगाए हैं. लेकिन लोग अपने आप आ जाएंगे.'

उन्होंने कहा कि 'हमने ऐसे अभियान की योजना बनाई है जो पहले कभी नहीं देखा गया.' सोनिया गांधी के अलावा, मेगा रैली को पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी, मौजूदा पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा भी संबोधित करेंगे. शीर्ष नेतृत्व का समर्थन करने के लिए पूरी कांग्रेस कार्य समिति और राज्य के वरिष्ठ नेता मंच पर होंगे.

गौड़ ने कहा कि 'एक दिन पहले, पुनर्गठित सीडब्ल्यूसी मतदाताओं को कड़ा संदेश देने के लिए 16 सितंबर को हैदराबाद में अपनी पहली बैठक करेगी. 17 सितंबर को सोनिया गांधी राज्य के लोगों के लिए पांच गारंटी जारी करेंगी. उसी शाम एआईसीसी और राज्य के शीर्ष नेता सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों की यात्रा करेंगे और वहां रात्रि विश्राम करेंगे. 18 सितंबर को, वे संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में घूमेंगे और बीआरएस सरकार के खिलाफ पांच गारंटियों और एक आरोप-पत्र वाले पंपलेट वितरित करेंगे.

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