नयी दिल्ली : पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को लिखे पत्र में सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि इस परियोजना से बाघ अभ्यारण्य को इतना नुकसान पहुंचेगा कि उसकी क्षतिपूर्ति कभी नहीं हो सकेगी. उन्होंने पत्र में कहा कि मैं आपसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह करती हूं कि इस परियोजना को इसके मौजूदा स्वरूप में क्रियान्वित नहीं किया जाए.
कहा कि इसको लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण और उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिकाएं भी लंबित हैं. सोनिया के अनुसार, मध्य प्रदेश और देश भर के कई पर्यावरणविदों ने इस परियोजना को रोकने की पैरवी की है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक दशक में पन्ना अभ्यारण्य बहुत मुश्किलों और समर्पित प्रयासों से पुनजीर्वित हुआ है.
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उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि इस अभ्यारण्य में करीब 18 लाख पेड़ हैं, जिन्हें इस परियोजना के तहत हटाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि केन और बेतवा नदियों को जोड़ने की परियोजना पर गत 22 मार्च को जलशक्ति मंत्रालय, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकारों के बीच हस्ताक्षर किया गया.