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Sonia to visit Telangana: जून में तेलंगाना का दौरा करेंगी सोनिया गांधी, राज्य गठन में कांग्रेस की भूमिका की दिलाएंगी याद

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Published : May 19, 2023, 3:48 PM IST

तेलंगाना दिवस पर कांग्रेस राज्य में बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर रही है. तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे के अनुसार जून के पहले सप्ताह में पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia to visit Telangana) भी तेलंगाना के दौरे पर आएंगी. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट.

Sonia Gandhi
सोनिया गांधी

नई दिल्ली : कर्नाटक जीतने के बाद कांग्रेस की नजर अब पड़ोसी राज्य तेलंगाना पर है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. तेलंगाना के स्थापना दिवस 2 जून पर भव्य पुरानी पार्टी की हैदराबाद में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है.

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे के अनुसार, '2 जून को कांग्रेस इस तथ्य को उजागर करेगी कि तेलंगाना 2014 में पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश से अलग होकर बना था, लेकिन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार ने राज्य की उपेक्षा की. सोनिया गांधी जून के पहले सप्ताह में राज्य की स्थापना की वर्षगांठ के अवसर पर एक रैली को संबोधित करने के लिए तेलंगाना जाएंगी और बीआरएस सरकार को निशाने पर लेते हुए पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगी.'

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे (Manikrao Thakare) ने ईटीवी भारत को बताया कि 'हमें बहुत खुशी होती अगर सोनिया गांधी 2 जून के राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होतीं. हमने उनसे अनुरोध किया था लेकिन उनके पहले से तय कार्यक्रम हैं इसलिए वह 5 जून के बाद राज्य का दौरा करेंगी.'

ठाकरे ने कहा कि 'सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राज्य के निर्माण के लिए आंदोलन का समर्थन किया और लोगों की पुरानी मांग का समर्थन करके राजनीतिक जोखिम उठाया.'

2014 में कांग्रेस ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों में अपने फैसले से राजनीतिक लाभ लेने की उम्मीद की थी, लेकिन विधानसभा और राष्ट्रीय चुनावों दोनों में खराब प्रदर्शन किया. तेलंगाना में बीआरएस (तत्कालीन टीआरएस) जीती जबकि आंध्र प्रदेश में टीडीपी जीती. तब से कांग्रेस को दो क्षेत्रीय दलों से शिकायत रही है.

ठाकरे ने कहा कि 'नए राज्य के निर्माण का श्रेय कांग्रेस को जाना चाहिए था. बीआरएस ने लोगों से बहुत वादे किए थे लेकिन उन्हें पूरा करने में विफल रही है. राज्य समर्थक आंदोलन में भाग लेने वाले युवा आज बेरोजगार हैं और जो मारे गए उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है.'

एआईसीसी प्रभारी के अनुसार, एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाल ही में राज्य के लिए एक युवा घोषणापत्र लॉन्च किया, जिसके तहत अगर पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो शहीदों के एक आश्रित को सरकारी नौकरी, 25000 रुपये मासिक स्टाइपेंड (वजीफा) , उनके खिलाफ मामलों को वापस लेने, 4000 रुपये महीना बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर रही है.

इसके साथ ही पारदर्शिता के साथ तेलंगाना लोक सेवा आयोग की स्थापना, बेरोजगार युवाओं के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण केंद्र, 10 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 4000 करोड़ रुपये जारी करने, एक युवा आयोग की स्थापना करने का वादा कर रही है.

ठाकरे ने कहा कि 'हम हैदराबाद को विश्वस्तरीय शहर बनाएंगे. लोग जानते हैं कि कांग्रेस चुनावी वादों को पूरा करती है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकारों ने यह करके दिखाया है.'

उन्होंने कहा कि 'आने वाले हफ्तों में, कर्नाटक सरकार अपने वादों को पूरा करेगी. तेलंगाना में कर्नाटक का प्रभाव होना तय है क्योंकि दोनों पड़ोसी राज्य हैं. जनता सब कुछ देख रही है. युवा काफी आक्रोशित हैं. बीआरएस सरकार ने अपने चुनावी वादे पूरे नहीं किए हैं और अब चिंतित है.'

पढ़ें- कर्नाटक: कैबिनेट गठन के लिए सिद्धारमैया और शिवकुमार आज हाईकमान संग करेंगे मंथन

पढ़ें- 'जी7' पर प्रधानमंत्री की वाह-वाह से पिछली सरकारों का योगदान मिटाने का मकसद पूरा होता है : कांग्रेस

नई दिल्ली : कर्नाटक जीतने के बाद कांग्रेस की नजर अब पड़ोसी राज्य तेलंगाना पर है, जहां इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. तेलंगाना के स्थापना दिवस 2 जून पर भव्य पुरानी पार्टी की हैदराबाद में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने की योजना है.

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे के अनुसार, '2 जून को कांग्रेस इस तथ्य को उजागर करेगी कि तेलंगाना 2014 में पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के नेतृत्व में आंध्र प्रदेश से अलग होकर बना था, लेकिन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस सरकार ने राज्य की उपेक्षा की. सोनिया गांधी जून के पहले सप्ताह में राज्य की स्थापना की वर्षगांठ के अवसर पर एक रैली को संबोधित करने के लिए तेलंगाना जाएंगी और बीआरएस सरकार को निशाने पर लेते हुए पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगी.'

तेलंगाना के प्रभारी एआईसीसी महासचिव माणिकराव ठाकरे (Manikrao Thakare) ने ईटीवी भारत को बताया कि 'हमें बहुत खुशी होती अगर सोनिया गांधी 2 जून के राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होतीं. हमने उनसे अनुरोध किया था लेकिन उनके पहले से तय कार्यक्रम हैं इसलिए वह 5 जून के बाद राज्य का दौरा करेंगी.'

ठाकरे ने कहा कि 'सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राज्य के निर्माण के लिए आंदोलन का समर्थन किया और लोगों की पुरानी मांग का समर्थन करके राजनीतिक जोखिम उठाया.'

2014 में कांग्रेस ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों में अपने फैसले से राजनीतिक लाभ लेने की उम्मीद की थी, लेकिन विधानसभा और राष्ट्रीय चुनावों दोनों में खराब प्रदर्शन किया. तेलंगाना में बीआरएस (तत्कालीन टीआरएस) जीती जबकि आंध्र प्रदेश में टीडीपी जीती. तब से कांग्रेस को दो क्षेत्रीय दलों से शिकायत रही है.

ठाकरे ने कहा कि 'नए राज्य के निर्माण का श्रेय कांग्रेस को जाना चाहिए था. बीआरएस ने लोगों से बहुत वादे किए थे लेकिन उन्हें पूरा करने में विफल रही है. राज्य समर्थक आंदोलन में भाग लेने वाले युवा आज बेरोजगार हैं और जो मारे गए उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है.'

एआईसीसी प्रभारी के अनुसार, एआईसीसी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हाल ही में राज्य के लिए एक युवा घोषणापत्र लॉन्च किया, जिसके तहत अगर पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो शहीदों के एक आश्रित को सरकारी नौकरी, 25000 रुपये मासिक स्टाइपेंड (वजीफा) , उनके खिलाफ मामलों को वापस लेने, 4000 रुपये महीना बेरोजगारी भत्ता देने का वादा कर रही है.

इसके साथ ही पारदर्शिता के साथ तेलंगाना लोक सेवा आयोग की स्थापना, बेरोजगार युवाओं के लिए एक ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण केंद्र, 10 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण, एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए 4000 करोड़ रुपये जारी करने, एक युवा आयोग की स्थापना करने का वादा कर रही है.

ठाकरे ने कहा कि 'हम हैदराबाद को विश्वस्तरीय शहर बनाएंगे. लोग जानते हैं कि कांग्रेस चुनावी वादों को पूरा करती है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकारों ने यह करके दिखाया है.'

उन्होंने कहा कि 'आने वाले हफ्तों में, कर्नाटक सरकार अपने वादों को पूरा करेगी. तेलंगाना में कर्नाटक का प्रभाव होना तय है क्योंकि दोनों पड़ोसी राज्य हैं. जनता सब कुछ देख रही है. युवा काफी आक्रोशित हैं. बीआरएस सरकार ने अपने चुनावी वादे पूरे नहीं किए हैं और अब चिंतित है.'

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