ETV Bharat / bharat

असंतुष्ट नेताओं से मिलेंगी सोनिया, कमलनाथ बने सूत्रधार

author img

By

Published : Dec 17, 2020, 9:40 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 6:06 AM IST

बीते दिनों कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने पार्टी के नेतृत्व को लेकर एक चिट्ठी लिखी थी. इसके बाद कांग्रेस नेता दो खेमे में बंट गए थे. सूत्रों की मानें तो कई वरिष्ठ नेता नेतृत्व बदलने और चुनाव कराने के पक्ष में थे. इसी मामले को लेकर पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी 23 असंतुष्ट नेताओं से मुलाकात करेंगी. ईटीवी भारत संवाददाता नियामिका की रिपोर्ट.

sonia gandhi
सोनिया और कमलनाथ

नई दिल्ली : कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर संकट जारी है. खबर है कि शनिवार को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी सभी 23 असंतुष्ट नेताओं से मिलेंगी. कुछ दिन पहले इन नेताओं ने नेतृत्व संकट पर एक चिट्ठी लिखी थी, जिस पर काफी विवाद भी हुआ. उन्होंने पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग की है.

सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है और 19 अगस्त की इस प्रस्तावित बैठक में वह भी शामिल होंगे. कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले ही सोनिया से मुलाकात की थी.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया से कुछ ऐसे नेता भी मिल सकते हैं, जो लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं, हालांकि वे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल नहीं हैं.

मुलाकात के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के उपस्थित रहने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, हालांकि इस ताजा घटनाक्रम में प्रियंका की भी अहम भूमिका मानी जा रही है.

सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व संकट को लेकर पत्र लिखने वालों में नाराजगी

हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंसतुष्ट नेताओं का कहना है कि यदि राहुल गांधी खुद अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन वे किसी और नाम को आगे करेंगे, तो पार्टी में खींचतान बढ़ेगी.

उल्लेखनीय है कि गत अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी. इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की.

यह भी पढ़ें-अपनों के विरोध पर सोनिया ने अध्यक्ष पद छोड़ने की जताई इच्छा

यह भी पढ़ें-कांग्रेस में नेतृत्व संकट : एक नजर पार्टी के अध्यक्षों के इतिहास पर

बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए.

नई दिल्ली : कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर संकट जारी है. खबर है कि शनिवार को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी सभी 23 असंतुष्ट नेताओं से मिलेंगी. कुछ दिन पहले इन नेताओं ने नेतृत्व संकट पर एक चिट्ठी लिखी थी, जिस पर काफी विवाद भी हुआ. उन्होंने पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग की है.

सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ इन नेताओं की मुलाकात की भूमिका तैयार करने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यममंत्री कमलनाथ की अहम भूमिका है और 19 अगस्त की इस प्रस्तावित बैठक में वह भी शामिल होंगे. कमलनाथ ने कुछ दिनों पहले ही सोनिया से मुलाकात की थी.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सोनिया से कुछ ऐसे नेता भी मिल सकते हैं, जो लंबे समय से पार्टी से नाराज चल रहे हैं, हालांकि वे पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में शामिल नहीं हैं.

मुलाकात के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के उपस्थित रहने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है, हालांकि इस ताजा घटनाक्रम में प्रियंका की भी अहम भूमिका मानी जा रही है.

सूत्रों का कहना है कि इन नेताओं की सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सुलह की गुंजाइश बढ़ सकती है.

यह भी पढ़ें-कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व संकट को लेकर पत्र लिखने वालों में नाराजगी

हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अंसतुष्ट नेताओं का कहना है कि यदि राहुल गांधी खुद अध्यक्ष बनते हैं, तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन वे किसी और नाम को आगे करेंगे, तो पार्टी में खींचतान बढ़ेगी.

उल्लेखनीय है कि गत अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी. इसे कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर गांधी परिवार को चुनौती दिए जाने के तौर पर लिया. कई नेताओं ने गुलाम नबी आजाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की.

यह भी पढ़ें-अपनों के विरोध पर सोनिया ने अध्यक्ष पद छोड़ने की जताई इच्छा

यह भी पढ़ें-कांग्रेस में नेतृत्व संकट : एक नजर पार्टी के अध्यक्षों के इतिहास पर

बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी की कार्यशैली की खुलकर आलोचना की थी और इसमें व्यापक बदलाव की मांग की थी. इसके बाद वे फिर से कांग्रेस कई नेताओं के निशाने पर आ गए.

Last Updated : Dec 18, 2020, 6:06 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.