सोनभद्र: जनपद के घोरावाल क्षेत्र के स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में नमक रोटी देने पर प्रधानाचार्य को 24 अगस्त को निलंबित (sonbhadra Principal suspend) कर दिया गया था. शुक्रवार (26 अगस्त) को प्रिंसिपल के सस्पेंड होने पर स्कूल के बच्चे उनसे लिपटकर फूट-फूट कर रोते नजर आ रहे हैं. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बच्चों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने राजनीति कर उनके प्रिंसिपल को फंसाया है.
सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र के स्कूल से 24 अगस्त को मिड डे मील में नमक रोटी की घटना सामने आई थी. घटना की शिकायत पर विभाग ने स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड (sonbhadra Principal suspend) कर दिया था. वहीं, इस मामले में एक और वीडियो सामने आया है. इसमें प्रिंसिपल स्कूल से विदा लेने लगे तो बच्चे उनसे लिपटकर रोने लगे. बच्चों ने प्रिंसिपल पर गलत कार्रवाई का आरोप लगाया है और इस घटना का जिम्मेदार ग्राम प्रधान को ठहराया है.
प्रिंसिपल से लिपटकर बिलखते बच्चों की भावुक कर देने वाली घटना का वीडियो सामने आया है. वीडियो में प्रिंसिपल भी बच्चों के साथ रोते दिखाई दे रहे हैं. यह मामला घोरावल क्षेत्र में गुरेठ कंपोजिट स्कूल (Gureth Composite School) का है. बच्चों ने बताया कि उनके एक शिक्षक और प्रिंसिपल रूद्र प्रसाद (Principal Rudra Prasad) को मिड डे मील में नमक रोटी बच्चों को खिलाने के आरोप में सस्पेंड किया है. वहीं, प्रिंसिपल शुक्रवार (26 अगस्त) को बच्चों से विदा लेने पहुंचे तो बच्चे अपने शिक्षक को जाने नहीं देना चाहते थे.
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रूद्र प्रसाद (Principal Rudra Prasad) घोरावल तहसील के गुरेठ कंपोजिट विद्यालय के प्रिंसिपल थे. उनके निलंबित होने की खबर जब स्कूल के स्टूडेंट्स को मिली तो उनकी आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. उन्होंने वर्ष 2010 से लेकर 25 अगस्त 2022 तक स्कूल में बच्चों को शिक्षा दी. बच्चों ने बताया कि उनके प्रिंसिपल निर्दोष हैं. उन्हें ग्राम प्रधान ने फंसाया है. सारी गलती ग्राम प्रधान की है. मिड डे मील बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की थी. उन्होंने स्कूल में न तो सब्जी भेजी और न ही गैस सिलेंडर भेजा. इसी वजह से सभी बच्चों को नमक रोटी खानी पड़ी. बच्चों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि उनके प्रिंसिपल और शिक्षक पर हुई कार्रवाई को वापस लिया जाए. अगर उनके शिक्षक स्कूल में नहीं रहेंगे तो वह भी स्कूल नहीं आएंगे.
प्रिंसिपल रूद्र प्रसाद ने बताया कि बीती 8 अगस्त से स्कूल में मिड डे मील बनवाने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान ने ले ली थी. लेकिन, उसके बाद ग्राम प्रधान मिड डे मील का पूरा सामान कभी भी रसोइयों को नहीं देता था. इस घटना के जिम्मेदार ग्राम प्रधान हैं. हमारे खिलाफ साजिश रची गई है, जिसके तहत मुझे फंसाया गया.
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