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केरल आबकारी विभाग ने हाईकोर्ट से कहा, शराब की कुछ दुकानें स्थानांतरित की गईं - हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की

केरल राज्य सरकार के आबकारी विभाग ने केरल उच्च न्यायालय को बताया कि कई शराब आउटलेट को नए भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है और कई अन्य में सुविधाओं को अपग्रेड किया गया है.

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Published : Oct 20, 2021, 6:33 PM IST

कोच्चि : केरल आबकारी विभाग ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की है. विभाग ने कहा कि कुछ दुकानों को स्थानांतरित किया गया और कुछ को अपडेट किया गया है. इसके अलावा भीड़ को कम करने के लिए 29 विदेशी शराब दुकानों में ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू की गई है.

बीते 16 सितंबर को कहा गया था कि ऐसी दुकानों पर शराब खरीदने आने वालों को सुनिश्चित करने के लिए आबकारी प्राधिकरण जिम्मेदार था. टिप्पणी हुई थी कि दुकानों पर लोग मवेशी की तरह लाइन लगाकर खड़े होते हैं, जो देखने वालों के लिए उपहास और शर्मिंदगी का कारण बनता है. वरिष्ठ सरकारी वकील एस कन्नन के माध्यम से दायर ज्ञापन के अनुसार 10 दुकानों को नए भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है और 33 अन्य आउटलेट के बुनियादी ढांचे को बेहतर किया गया है.

इसके अलावा केरल राज्य पेय निगम (बीईवीसीओ) द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करने के लिए इसके प्रबंध निदेशक और इसके अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक 13 अक्टूबर को हुई थी. कंपनी विभिन्न दुकानों के लिए सुविधाओं के उन्नयन के लिए अपने कार्यों में तेजी लाने के लिए सहमत हुई है. शराब की दुकानों को ग्राहकों के अनुकूल बनाने और उनके बाहर कतारों को रोकने के लिए उच्च न्यायालय के कई आदेशों के अनुसार आबकारी विभाग द्वारा ऐसी 96 दुकानों की जांच की जा रही थी.

उच्च न्यायालय के आदेश एक अवमानना ​​याचिका पर आए थे, जो 2017 के अपने फैसले का पालन न करने का दावा करते हुए दायर की गई थी. जिसमें राज्य सरकार और बीईवीसीओ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि बीईवीसीओ आउटलेट के कारण त्रिशूर के एक क्षेत्र के व्यवसायों और निवासियों को कोई परेशानी न हो.

यह भी पढ़ें-लखीमपुर हिंसा मामला: अब 26 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

उच्च न्यायालय ने 2 सितंबर को कहा था कि अगर उसने शराब की दुकानों के बाहर कतारों को कम करने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो हम एक विनाशकारी टाइम बम पर बैठे होते.

कोच्चि : केरल आबकारी विभाग ने हाईकोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की है. विभाग ने कहा कि कुछ दुकानों को स्थानांतरित किया गया और कुछ को अपडेट किया गया है. इसके अलावा भीड़ को कम करने के लिए 29 विदेशी शराब दुकानों में ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू की गई है.

बीते 16 सितंबर को कहा गया था कि ऐसी दुकानों पर शराब खरीदने आने वालों को सुनिश्चित करने के लिए आबकारी प्राधिकरण जिम्मेदार था. टिप्पणी हुई थी कि दुकानों पर लोग मवेशी की तरह लाइन लगाकर खड़े होते हैं, जो देखने वालों के लिए उपहास और शर्मिंदगी का कारण बनता है. वरिष्ठ सरकारी वकील एस कन्नन के माध्यम से दायर ज्ञापन के अनुसार 10 दुकानों को नए भवनों में स्थानांतरित कर दिया गया है और 33 अन्य आउटलेट के बुनियादी ढांचे को बेहतर किया गया है.

इसके अलावा केरल राज्य पेय निगम (बीईवीसीओ) द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा करने के लिए इसके प्रबंध निदेशक और इसके अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक 13 अक्टूबर को हुई थी. कंपनी विभिन्न दुकानों के लिए सुविधाओं के उन्नयन के लिए अपने कार्यों में तेजी लाने के लिए सहमत हुई है. शराब की दुकानों को ग्राहकों के अनुकूल बनाने और उनके बाहर कतारों को रोकने के लिए उच्च न्यायालय के कई आदेशों के अनुसार आबकारी विभाग द्वारा ऐसी 96 दुकानों की जांच की जा रही थी.

उच्च न्यायालय के आदेश एक अवमानना ​​याचिका पर आए थे, जो 2017 के अपने फैसले का पालन न करने का दावा करते हुए दायर की गई थी. जिसमें राज्य सरकार और बीईवीसीओ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था कि बीईवीसीओ आउटलेट के कारण त्रिशूर के एक क्षेत्र के व्यवसायों और निवासियों को कोई परेशानी न हो.

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उच्च न्यायालय ने 2 सितंबर को कहा था कि अगर उसने शराब की दुकानों के बाहर कतारों को कम करने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो हम एक विनाशकारी टाइम बम पर बैठे होते.

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