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राखी बांधने से पहले शहीद हुए हरियाणा के निशांत मलिक, 1 दिन पहले बहन से किया था ये वादा - राजौर में शहीद

रक्षा बंधन के दिन हिसार के ढंढेरी गांव के निशांत मलिक आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए. हांसी का रहने वाले निशांत मलिक तीन बहनों के इकलौते भाई (Nishant Malik Brother of Three Sisters Martyred) थे.

Nishant Malik Martyred In Rajouri Encounter
राखी बांधने से पहले शहीद हुए हरियाणा के निशांत मलिक
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Published : Aug 12, 2022, 9:23 AM IST

हिसार: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में हुए आतंकवादी हमले में एक और जवान के शहीद हो जाने से शहीदों की संख्या बढ़कर चार हो गई है. आतंकियों के इस हमले में हिसार जिले के डंढेरी गांव के रहने वाले 21 साल के निशांत मलिक भी शहीद हुए (Nishant Malik Martyred In Rajouri Encounter) हैं. निशांत के शहीद होने की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई. निशांत का परिवार करीब 20 साल से हांसी में रह रहा है.

एक दिन पहले वीडियो कॉल पर हुई थी बहन से बात- आतंकियों के हमले में शहीद होने वाले निशांत मलिक तीन बहनों के इकलौते भाई (Solider Nishant Malik Brother of Three Sisters) थे. वे सबसे छोटे थे. वह 18 जुलाई को ही डेढ़ महीने की छुट्टियां खत्म कर यूनिट में वापिस पहुंचे थे. आतंकी हमले से एक दिन पहले निशांत ने वीडियो कॉल पर अपनी बहन से बात की थी. इस दौरान निशांत ने अपनी बहन से दोबारा बात करने का वादा किया था. वहीं उनकी बहनों ने उन्हें गुरुवार की सुबह राखी बांध लेने को कहा था.

बहन कर रही थी राखी बांधनें का इंतजार- रक्षा बंधन वाले दिन जब निशांत की बहन ने अपने भाई को फोन करना चाहा तो उसका फोन किसी ने नहीं उठाया. वहीं निशांत के पिता आर्मी कैंट में हो रहे एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गए हुए थे. शाम को बेटे के शहीद होने की सूचना पिता के पास (Nishant Malik Martyred) पहुंची. बता दें कि निशांत के पिता ने भी कारगिल युद्ध में भाग लिया था और उन्हें गोली लगी थी. पिछले महीने उन्होंने बीए फाइनल ईयर की परीक्षा दी थी.

शनिवार को होगा अंतिम संस्कार निशांत का शव कल जम्मू कश्मीर से पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर लाया जाएगा. वहां सेना के उच्च अधिकारी उनके पार्थिव शव को सलामी देंगे. उसके बाद कल देर रात तक हांसी पहुंचेगा और शनिवार को सुबह उनका अंतिम संस्कार डंढेरी गांव में किया जाएगा.

बता दें कि जम्मू कश्मीर के राजौरी के परघल के पास वीरवार सुबह-सुबह कुछ आतंकियों ने खराब मौसम और घने पत्तों का फायदा उठाते हुए आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश की थी. इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलनी शुरू हो गई. सैनिकों ने दो आतंकवादियों को चुनौती देते हुए इलाके की घेराबंदी कर दी. इसके बाद दोनों पक्षों में मुठभेड़ शुरू हो गई जिसमें दो आतंकवादी मारे गए. जबकि तीन जवान शहीद हो गए.

वहीं वीरवार शाम को निशांत मलिक ने ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया. राजौरी मुठभेड़ (Rajouri Encounter) में कुल चार जवान शहीद हुए हैं. इनमें से दो हरियाणा के हैं. हिसार के निशांत मलिक के अलावा फरीदाबाद के रहने वाले मनोज भाटी भी आतंकियों के इस हमले में शहीद हुए (Nishant Malik Martyred In Rajouri Encounter) हैं. बाकी के दो जवान राजस्थान और तमिलनाडु के रहने वाले हैं.

ये भी पढ़ें-राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए हरियाणा के लाल मनोज भाटी

हिसार: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में हुए आतंकवादी हमले में एक और जवान के शहीद हो जाने से शहीदों की संख्या बढ़कर चार हो गई है. आतंकियों के इस हमले में हिसार जिले के डंढेरी गांव के रहने वाले 21 साल के निशांत मलिक भी शहीद हुए (Nishant Malik Martyred In Rajouri Encounter) हैं. निशांत के शहीद होने की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई. निशांत का परिवार करीब 20 साल से हांसी में रह रहा है.

एक दिन पहले वीडियो कॉल पर हुई थी बहन से बात- आतंकियों के हमले में शहीद होने वाले निशांत मलिक तीन बहनों के इकलौते भाई (Solider Nishant Malik Brother of Three Sisters) थे. वे सबसे छोटे थे. वह 18 जुलाई को ही डेढ़ महीने की छुट्टियां खत्म कर यूनिट में वापिस पहुंचे थे. आतंकी हमले से एक दिन पहले निशांत ने वीडियो कॉल पर अपनी बहन से बात की थी. इस दौरान निशांत ने अपनी बहन से दोबारा बात करने का वादा किया था. वहीं उनकी बहनों ने उन्हें गुरुवार की सुबह राखी बांध लेने को कहा था.

बहन कर रही थी राखी बांधनें का इंतजार- रक्षा बंधन वाले दिन जब निशांत की बहन ने अपने भाई को फोन करना चाहा तो उसका फोन किसी ने नहीं उठाया. वहीं निशांत के पिता आर्मी कैंट में हो रहे एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गए हुए थे. शाम को बेटे के शहीद होने की सूचना पिता के पास (Nishant Malik Martyred) पहुंची. बता दें कि निशांत के पिता ने भी कारगिल युद्ध में भाग लिया था और उन्हें गोली लगी थी. पिछले महीने उन्होंने बीए फाइनल ईयर की परीक्षा दी थी.

शनिवार को होगा अंतिम संस्कार निशांत का शव कल जम्मू कश्मीर से पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर लाया जाएगा. वहां सेना के उच्च अधिकारी उनके पार्थिव शव को सलामी देंगे. उसके बाद कल देर रात तक हांसी पहुंचेगा और शनिवार को सुबह उनका अंतिम संस्कार डंढेरी गांव में किया जाएगा.

बता दें कि जम्मू कश्मीर के राजौरी के परघल के पास वीरवार सुबह-सुबह कुछ आतंकियों ने खराब मौसम और घने पत्तों का फायदा उठाते हुए आर्मी कैंप में घुसने की कोशिश की थी. इस दौरान दोनों ओर से गोलियां चलनी शुरू हो गई. सैनिकों ने दो आतंकवादियों को चुनौती देते हुए इलाके की घेराबंदी कर दी. इसके बाद दोनों पक्षों में मुठभेड़ शुरू हो गई जिसमें दो आतंकवादी मारे गए. जबकि तीन जवान शहीद हो गए.

वहीं वीरवार शाम को निशांत मलिक ने ईलाज के दौरान दम तोड़ दिया. राजौरी मुठभेड़ (Rajouri Encounter) में कुल चार जवान शहीद हुए हैं. इनमें से दो हरियाणा के हैं. हिसार के निशांत मलिक के अलावा फरीदाबाद के रहने वाले मनोज भाटी भी आतंकियों के इस हमले में शहीद हुए (Nishant Malik Martyred In Rajouri Encounter) हैं. बाकी के दो जवान राजस्थान और तमिलनाडु के रहने वाले हैं.

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