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सूर्य ग्रहण 2021 : प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य से जानें धार्मिक महत्व

आज इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2021) है. यह सूर्य ग्रहण कई मायनों में दुर्लभ माना जा रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने राष्ट्रपति से सम्मानित प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम शर्मा से जाना कि सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम शर्मा
ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम शर्मा
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Published : Jun 10, 2021, 6:57 AM IST

कुरुक्षेत्र : आज साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) होने जा रहा है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का काफी महत्व है. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने ज्योतिषाचार्य एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पंडित प्रेम शर्मा से इस दुर्लभ सूर्य ग्रहण की बारे में जाना.

पंडित प्रेम शर्मा ने बताया कि ये सूर्य ग्रहण जेष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या को मृगशिरा नक्षत्र और वृष राशि में दिखाई देगा. हालांकि इसका असर भारत में कम जगह पर दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण दोपहर 1:42 से शुरू होगा, जो कि शाम 6:41 पर समाप्त होगा. इस ग्रहण का असर भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में दिखाई देगा.

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम शर्मा से जानें धार्मिक महत्व

पंडित प्रेम शर्मा का कहना है कि हमारी धार्मिक परंपरा के अनुसार हमें अपने देवी-देवताओं का पूजन करना चाहिए. यथा समर्थ दान भी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस दौरान सूर्य बीज मंत्र और दूसरी आराधना अभी बहुत फलदायक मानी गई है. साथ ही इस ग्रहण में अन्न का दान सबसे बड़ा दान माना गया है.

ग्रहण शुरू होने के समय क्या करें-

  • सूर्य ग्रहण शुरू होने के समय पूजा-पाठ करना चाहिए.
  • अपने अराध्य का नाम लें.
  • भगवान विष्णु की उपासना करें.
  • ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है.
  • स्नान के समय सूर्य बीज मंत्र का जाप अवश्य करें.
  • ग्रहण के समय में दान का विशेष महत्व है.

ये पढ़ें- साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण, जानें किस राशि को होगा लाभ और किसे होगी हानि

कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस, उत्तरी अमेरिका और एशिया के कुछ देशों में भी दिखेगा.

'ग्रहण सूर्य देव के लिए कष्टदायक माना जाता है'
धार्मिक महत्व के अनुसार, हिंदू धर्म में ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता. एक तरह से इसको सूर्य के लिए कष्टदायक कहा जाता है. इसलिए इस दिन लोग भगवान विष्णु की उपासना और दान पुण्य करते हैं.

ये पढ़ें- 15 दिन के अंतराल पर दूसरा ग्रहण, दुनिया में मच सकती है उथल-पुथल

कुरुक्षेत्र : आज साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) होने जा रहा है. हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का काफी महत्व है. इस मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने ज्योतिषाचार्य एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पंडित प्रेम शर्मा से इस दुर्लभ सूर्य ग्रहण की बारे में जाना.

पंडित प्रेम शर्मा ने बताया कि ये सूर्य ग्रहण जेष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या को मृगशिरा नक्षत्र और वृष राशि में दिखाई देगा. हालांकि इसका असर भारत में कम जगह पर दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण दोपहर 1:42 से शुरू होगा, जो कि शाम 6:41 पर समाप्त होगा. इस ग्रहण का असर भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में दिखाई देगा.

ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम शर्मा से जानें धार्मिक महत्व

पंडित प्रेम शर्मा का कहना है कि हमारी धार्मिक परंपरा के अनुसार हमें अपने देवी-देवताओं का पूजन करना चाहिए. यथा समर्थ दान भी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस दौरान सूर्य बीज मंत्र और दूसरी आराधना अभी बहुत फलदायक मानी गई है. साथ ही इस ग्रहण में अन्न का दान सबसे बड़ा दान माना गया है.

ग्रहण शुरू होने के समय क्या करें-

  • सूर्य ग्रहण शुरू होने के समय पूजा-पाठ करना चाहिए.
  • अपने अराध्य का नाम लें.
  • भगवान विष्णु की उपासना करें.
  • ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान का महत्व है.
  • स्नान के समय सूर्य बीज मंत्र का जाप अवश्य करें.
  • ग्रहण के समय में दान का विशेष महत्व है.

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कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस, उत्तरी अमेरिका और एशिया के कुछ देशों में भी दिखेगा.

'ग्रहण सूर्य देव के लिए कष्टदायक माना जाता है'
धार्मिक महत्व के अनुसार, हिंदू धर्म में ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता. एक तरह से इसको सूर्य के लिए कष्टदायक कहा जाता है. इसलिए इस दिन लोग भगवान विष्णु की उपासना और दान पुण्य करते हैं.

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