मुंबई : महाराष्ट्र के नासिक से अलग तरीके से विरोध जताने वाली खबर सामने आई है, जहां एक सामाजिक कार्यकर्ता ने अस्पताल प्रशासन द्वारा जमा किए हुए पैसे देने से मना करने पर अपने कपड़े उतार दिए.
वॉकहार्ट अस्पताल प्रशासन से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद एक मरीज को जमा राशि वापस नहीं मिली जिसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता ने सबके सामने अपने कपड़े उतारना शुरू कर दिया. इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने जमा की गई राशि वापस लौटा दी.
दरअसल, नासिक के सिन्नार गांव के रहने वाले अमोल जाधव ने अपने माता-पिता को कोविड के इलाज के लिए वॉकहार्ट अस्पताल में भर्ती कराया था.
उसने अस्पताल में दाखिले के समय डेढ़ लाख रुपये जमा कराए थे. बाद में उन्होंने अपने मेडिक्लेम के जरिए करीब 10 लाख रुपये के बिल का भुगतान किया और जमा राशि वापस करने की मांग की लेकिन अस्पताल प्रशासन टालमटोल करता रहा जिसके बाद अमोल ने सामाजिक कार्यकर्ता और आप प्रवक्ता जितेंद्र भावे से मदद मांगी. इसके बाद भावे अस्पताल गए और विरोध करते हुए अपने कपड़े उतारने लगे. उन्होंने कहा कि वह तब तक नहीं रुकेंगे जब तक अस्पताल अमोल को रिफंड वापस नहीं कर देता.
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आधे घंटे बाद अस्पताल ने उनकी मांग मान ली जिसके बाद विरोध बंद कर दिया गया. इस पूरे विरोध को फेसबुक पर लाइव स्ट्रीम किया गया. वॉकहार्ट अस्पताल के व्यवहार को लेकर लोगों में काफी आक्रोश देखा गया.
इस बीच, पुलिस ने जितेंद्र को महामारी के दौरान विरोध प्रदर्शन करने और कोविड नियमों का उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार कर लिया, हालांकि 7 घंटे के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.