पिथौरागढ़: हिमालयी राज्य उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की दारमा घाटी में करीब 11,120 फुट की ऊंचाई पर पहली बार हिम तेंदुआ देखा गया है. इसकी जानकारी पिथौरागढ़ के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) मोहन डागरे ने दी. मोहन डागरे ने बताया कि उच्च हिमालयी जीवों की तलाश में खोजकर्ताओं की एक टीम ने 6 फरवरी को डार गांव के ऊपर एक बर्फीले इलाके में दुर्लभ प्रजाति का हिम तेंदुआ देखा है.
मोहन डागरे ने कहा खोजकर्ताओं ने करीब 20 मीटर की दूरी से हिम तेंदुए को कैमरे में कैद किया. यह पहली बार है कि हिम तेंदुआ को इतनी ऊंचाई पर देखा गया है. आमतौर पर 12,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर हिम तेंदुए पाए जाते हैं. जबकि 11,120 फीट की ऊंचाई पर डार गांव स्थित है.
डीएफओ ने कहा ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी की वजह से हो सकता है कि हिम तेंदुआ अपने सामान्य आवास से नीचे आ गया हो. उन्होंने कहा इससे पहले गढ़वाल हिमालय की नंदा देवी रेंज, हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और लद्दाख क्षेत्र में हिम तेंदुए को देखा गया था. हिम तेंदुए को अंतर्राष्ट्रीय संघ की रेड लिस्ट में प्रकृति के संरक्षण के लिए असुरक्षित घोषित किया गया है.
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गौरतलब है कि उत्तरकाशी की नेलांग घाटी में भी इससे पहले हिम तेंदुए की चहलकदमी कैमरे में कैद हुई थी. भारतीय वन्यजीव संस्थान की रिसर्च टीम ने 65 ट्रैप कैमरों को नेलांग घाटी में लगाया था. इस दौरान टीम की एक रिसर्चर ने भी पहली बार अपने कैमरे में हिम तेंदुए को कैद किया था. क्षेत्रफल की दृष्टि (2,390 वर्ग किमी) से गंगोत्री नेशनल पार्क देश का तीसरा सबसे बड़ा हिम तेंदुओं का प्राकृतिक घर साबित हो रहा है. यहां हिम तेंदुए के साथ कस्तूरी मृग, भूरा भालू, अरगली भेड़, भरल, लाल लोमड़ी सहित कई दुर्लभ वन्य जीव पाए जाते हैं.
साल 2016 से भारतीय वन्यजीव संस्थान की टीम यहां हिम तेंदुओं पर अध्ययन कर रही है. जिसके तहत अगल-अलग ऊंचाइयों और प्रवास स्थलों पर हिम तेंदुओं की मौजूदगी, गतिविधि के साथ उनके व्यवहार को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है.
(इनपुट- पीटीआई भाषा)